टल सकता है फ्लोर टेस्ट : तो कल बच जायेगी कमलनाथ सरकार …..कोरोना बन सकता है कांग्रेस के लिए कवच…. बाहर से लौटे विधायकों का भी कराया जा सकता है टेस्ट…. विधानसभा अध्यक्ष के बयान के बाद बढ़ा सस्पेंस

Update: 2020-03-15 12:06 GMT

भोपाल 15 मार्च 2020। मध्यप्रदेश में सियासी संकट को लेकर सस्पेंस गहरा गया है। पहले ये माना जा रहा था कल फ्लोर टेस्ट के बाद सब कुछ साफ हो जायेगा…लेकिन अब फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं इसे लेकर ही असमंजस की स्थिति बन गयी है। दरअसल ये असमंजस की स्थिति विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति के उस बयान के बाद बढ़ गया है, जिसमें उन्होंने कोरोना को लेकर चिंता जताया था, साथ ही फ्लोर टेस्ट के मुद्दे पर उन्होंने ये कहकर जवाब टाल दिया कि ये तो कल ही पता चलेगा।

चर्चा ये हो रही है कि कोरोना की वजह से सत्र को स्थगित किया जा सकता है, साथ ही बाहर से आने वाले विधायकों का कोरोना टेस्ट भी कराया जा सकता है, जाहिर है इन सब की वजह से कल का फ्लोर टेस्ट टल सकता है। शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति ने सिंधिया समर्थक 6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए थे। 16 पर फैसला बाकी है। अगर इनके इस्तीफे भी मंजूर होते हैं तो कांग्रेस के पास कुल 99 विधायक रह जाएंगे। विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 206 हो जाएगी।बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा जरूरी होगा।

कैबिनेट मीटिंग के बाद बाहर आए खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा- सीएम कमलनाथ को पूर्ण भरोसा है कि हमारे पास बहुमत है। आप देखिए और इंतजार करिए। कल परीक्षा ( फ्लोर टेस्ट ) होगी कोई जरूरी नहीं है। अभी तो कोरोना चल रहा है। बता दें कि अटकलें लगाई जा रही हैं मध्यप्रदेश का विधानसभा सत्र कोरोना वायरस के कारण कुछ दिन आगे बढ़ सकता है। विधानसभा सत्र अगर आगे बढ़ता है तो मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को कुछ समय के लिए वक्त मिल जाएगा। वहीं, जानकारों का कहना है कि सीएम कमलनाथ इस सियासी ड्रामे के बीच थोड़ा अधिक वक्त मिले।शनिवार देर रात राज्यपाल ने आदेश जारी कर फ्लोर टेसट कराने का आदेश दिया है। राज्यपाल ने आदेश देते हुए कहा कि 16 मार्च को कमलनाथ सरकार अपना बहुमत साबित करे। राज्यपाल के आदेश के अनुसार, सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद ही विधानसभा में विश्वास मत पर वोटिंग होगी।

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