Shahi Snan Niyam 2025: महाकुंभ में शाही स्नान करने से पहले जान ले जरूरी नियम, वरना नहीं मिलेगा पूरा लाभ
Shahi Snan Niyam 2025:
Shahi Snan Niyam 2025: अब जल्द ही महाकुंभ मेले का आरंभ होने जा रहा है. हर 12 साल के अंतराल पर धर्म और आस्था का सबसे बड़ा मेला महाकुंभ लगता है. 13 जनवरी से 27 फरवरी तक यहां भव्य आयोजन किया जाएगा. इस मेले में देश-विदेश से करोड़ों साधु-संतों का जमावड़ा देखने को मिलेगा.
कुंभ मेले का आयोजन 45 दिन तक चलता है. जिसमे से शाही स्नान 6 दिन चलेगा. शाही स्नान की तिथियां महत्वपूर्ण होती हैं. महाकुंभ का स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा. मान्यता है कि कुंभ स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पिछले सारे पाप भी धुल जाते हैं. हजारों साधु-संत और श्रृद्धालु प्रयागराज के संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे. महाकुंभ का स्नान सबसे पहले साधु-संत करते हैं. उसके बाद श्रद्धालु स्नान करते हैं.
शाही स्नान को लेकर मान्यता है कुंभ मेले के दौरान जो भी स्नान करता है, उसे जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है. कुंभ स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. उसके कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं. यह न सिर्फ शरीर को साफ करने के लिए, बल्कि आत्मा की शुद्धि के लिए भी किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं शाही स्नान किन नियमों का पालन करने से शुभ परिणाम मिल सकता है. तो चलिए जानते हैं शाही स्नान के नियम....
शाही स्नान के नियम
यदि आप शादीशुदा हैं और महाकुंभ में स्नान करने जा रहे हैं तो आपको 5 बार डुबकी लगानी चाहिए. ऐसा मानना है कि अगर आप 5 बार डुबकी नहीं लगाएंगे तो आपका स्नान पूरा नहीं माना जाएगा.
महाकुंभ के दौरान कभी भी नागा साधुओं से पहले डुबकी ना लगाएं. पहले नागा साधु स्नान करने दे उसके बाद आप स्नान करें. इससे शुभ फलों की प्राप्ति भी नहीं होती.
स्नान के बाद अपने दोनों हाथों से सूर्यदेव को अर्ध्य देना चाहिए. कुंडली में सूर्य की स्थिति को मजबूत होती है.
स्नान के बाद प्रयागराज में स्थित लेटे हुए हनुमान जी या नागावासुकी मंदिर में दर्शन जरुर करें.
शाही स्नान की तिथि
13 जनवरी 2024- पौष पूर्णिमा
14 जनवरी 2025 - मकर संक्रांति
29 जनवरी 2025 - मौनी अमावस्या
3 फरवरी 2025 - वसंत पंचमी
12 फरवरी - माघ पूर्णिमा
26 फरवरी - महाशिवरात्रि पर्व