CG अक्ती पर माटी पूजन: सीएम भूपेश बघेल ने खेत में ठाकुर देवता की पूजा कर खेती-किसानी के नए काम की शुरुआत की, छत्तीसगढ़ में 60 स्थानों पर ऐसे आयोजन, सीएम बोले...

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, सभी कृषि महाविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्रों में श्रद्धा और उत्साह के साथ किया गया माटी पूजन

Update: 2022-05-03 07:42 GMT

रायपुर, 03 मई 2022। सीएम भूपेश बघेल ने अक्ती तिहार यानी अक्षय तृतीया पर पूरे विधि विधान से माटी की पूजा की। राजधानी में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के खेत में ठाकुर देवता की पूजा कर खेती-किसानी के नए काम की शुरुआत की। माटी पूजन के दौरान सबसे पहले कोठी से अन्न लेकर ठाकुर देव को अर्पित किया. यहां परंपरागत तौर पर उन्होंने अन्न के दोने को बैगा को सौंपा। इस अन्न को ठाकुर देव के सामने रखकर अन्न पूजा की क्रिया को सम्पन्न किया गया। इस अन्न दोने से बीजहा लेकर खेत में बीजारोपण किया जाएगा। सीएम ने हल और ट्रैक्टर चलाकर बीजों का रोपण किया। इस तरह गरिमामय ढंग से पूजा-अर्चना के साथ ही राज्य में माटी पूजन अभियान शुरू हुआ। इस अवसर पर सीएम ने लोगों से आह्वान किया है, 'माटी पूजन दिवस और अक्ती तिहार मनाएं और माटी का मान बढ़ाएं।" माटी पूजन के बाद सभी ने भुइयां माता की रक्षा की शपथ ली। सीएम ने कहा कि माटी पूजन महाभियान का लक्ष्य रासायनिक खेती की जगह जैविक खेती की पुनर्स्थापना है। हमारी कृषि परम्परा में यह दिन विशेष महत्व रखता है। अक्षय तृतीया से नई फसल के लिए तैयारी शुरू होती है।


इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित सभी कृषि महाविद्यालयों व कृषि विज्ञान केंद्रों में अक्ती तिहार और माटी पूजन का कार्यक्रम हो रहा है। इन स्थानों में सीएम बघेल के संदेश का वाचन किया जाएगा।


इसलिए अक्ती का विशेष महत्व

छत्तीसगढ़ राज्य में अक्ती (अक्षय तृतीया) कृषि का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस दिन से किसान आगामी फसलों के लिए कार्ययोजना बनाते हैं। वे अपने खेतों में जाकर आगामी फसल के लिए संग्रहित बीजों की पूजा-अर्चना करते हैं और कुछ मात्रा में इन्हें उगाकर बीजों की अंकुरण क्षमता का परीक्षण भी करते हैं। अक्ती तिहार के अवसर पर किसान आगामी फसल अच्छी होने के लिए ईश्वर से प्रार्थना भी की जाती है।

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