DIG, मंत्री के पीएस समेत आधा दर्जन अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ लगा गैंगस्टर एक्ट, करोड़ों की ठगी का मामला

Update: 2022-03-23 15:05 GMT

लखनऊ, 23 मार्च 2022। उत्तरप्रदेश से एक बड़ी खबर आ रही है। नई सरकार के गठन से पहले ही पशुधन विभाग के करोड़ों के ठगी मामले में गैगस्टर एक्ट लगा दिया गया है। इनमें डीआईजी, पशुधन विभाग के मंत्री समेत आधा दर्जन कर्मचारी, अधिकारी शामिल हैं। बताते हैं, 214 करोड़ के टेंडर में तीन फीसदी कमीशन के हिसाब से 9.72 करोड़ का डिमांड किया गया था।

ठगी का यह वाकया 2018 की है। मध्य प्रदेश के एक व्यापारी मंजीत भाटिया ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में करोड़ों की ठगी का एक केस दर्ज कराया था। यह केस दर्ज होने के बाद सियासी महकमे लेकर अफसरशाही तक में हड़कंप मच गया। मामला पशुधन विभाग से जुड़ा हुआ था। भाटिया ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि पशुधन विभाग में 214 करोड़ रुपये के टेंडर के लिए उनसे 9 करोड़ 72 लाख के कमीशन की मांग की गई थी।

भाटिया ने बताया कि उनसे कमीशन के तौर पर तीन फीसदी टेंडर के एवज में मांगी गई थी। इसमें से एक करोड़ रुपये का उन्होंने भुगतान भी किया था। इसके बाद अगस्त 2018 को उन्हें विधानसभा सचिवालय में बुलाया गया। यहां सरकारी कार्यालय में आजमगढ़ के रहने वाले आशीष राय ने भाटिया से एके मित्तल बनकर मुलाकात की थी। राय ने भाटिया को इस दौरान फर्जी वर्क ऑर्डर की कॉपी भी दे दी। इसके बाद भी उनसे करोड़ों रुपये वसूले गए।

मामले में तत्कालीन पशुधन राज्यमंत्री जय प्रकाश निषाद के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित और निजी सचिव धीरज देव समेत कई लोग शामिल थे। आरोप है कि सभी ने मिलकर भाटिया से पैसे वसूले और उन्हें फर्जी टेंडर लेटर थमा दिया। इस बात की जानकारी होते ही भाटिया ने उनसे अपने पैसे वापस मांगे। इस पर आरोपियों ने उन्हें धमकाते हुए पैसे वापस करने से मना कर दिया। परेशान होकर भाटिया ने मामले की शिकायत पुलिस में कर दी। तब जाकर मामला खुला।

पुलिस ने मामले की जांच की और आरोप सही पाए। इसके बाद 13 जून 2020 को हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज किया गया। मामले में आशीष राय, मोंटी गुजर रूपक राय, संतोष मिश्रा, एके राजीव, अमित मिश्रा, उमाशंकर तिवारी, रजनीश दीक्षित, डीबी सिंह, अरुण राय, अनिल राय, धीरज कुमार और उमेश मिश्र के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। इस मामले की विवेचना एसीपी गोमतीनगर को दी गई थी।

इस मामले की विवेचना में निलंबित डीआईजी अरविंद सेन और अन्य लोगों का नाम भी प्रकाश में आया था। 21 माह में की गई जांच में 21 लोग आरोपित पाए गए थे। अरविंद सेन पर आरोप है कि एसपी सीबीसीआईडी रहते हुए उन्होंने भाटिया को अपने दफ्तर में बुलाकर धमकाया था। मामले में अरविंद सेन का नाम जब सामने आया तो उन पर तत्काल ऐक्शन लिया गया और उन्हें निलंबित कर दिया गया। सभी आरोपियों पर अब गैंगस्टर ऐक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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