ED Raid in Chhattisgarh शराब कारोबारियों के यहां जांच पूरी, अधिकारी-ठेकेदार सहित कई दफ्तर लाए गए, गिरफ्तारी की चर्चा

Update: 2023-03-30 07:08 GMT

रायपुर. छत्तीसगढ़ में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच एक दो स्थानों को छोड़कर लगभग पूरी हो चुकी है. शराब के कारोबार से जुड़े कुछ ठेकेदारों के अलावा एक अधिकारी को ईडी दफ्तर लाए जाने की चर्चा है. इनकी गिरफ्तारी की बातें आ रही हैं. हालांकि अधिकृत तौर पर कोई जानकारी सामने नहीं आई है. बता दें कि ईडी की कई टीमों ने मंगलवार को राजधानी रायपुर के साथ साथ दुर्ग भिलाई, रायगढ़ और बिलासपुर में जांच शुरू की थी, लेकिन बुधवार को ईडी ने जांच आगे बढ़ाते हुए शराब के कारोबार से जुड़े कारोबारियों और अधिकारियों के यहां छापेमारी की थी. इसके बाद अधिकांश स्थानों पर देर रात तक कार्यवाही चलती रही. एक दो स्थानों पर गुरुवार को सुबह भी ईडी की टीम के पहुंचने की खबर है.

त्रिपाठी, भाटिया और ढेबर के यहां छापों से हड़कंप

बता दें कि छत्तीसगढ़ में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बुधवार को तड़के शराब और होटल कारोबारियों पर छापे मारे थे. बड़े उद्योगपति कमल सारडा, कोल परिवहन और जमीन के कारोबार से जुड़े लोगों और कुछ अधिकारियों पर छापे के बाद यह दूसरा दिन है. इन छापों के बाद छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा जताई गई आशंका की चर्चा तेज हो गई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव आते-आते छापे और बढ़ेंगे. 

ईडी की कई टीमों ने बुधवार को रायपुर मेयर एजाज ढेबर, ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया, बलदेव सिंह भाटिया, पप्पू बंसल, विनोद बिहारी आदि लोगों के यहां ईडी ने सुबह-सुबह छापेमारी शुरू की है. इनमें ढेबर परिवार के यहां पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का छापा पड़ चुका है, जिसके आधार पर ही ईडी द्वारा आगे जांच की बात कही जाती है. इन छापों के बाद प्रदेश में एक बार फिर राजनीति गरमाने के आसार हैं, क्योंकि ईडी की कार्रवाई में कुछ नेताओं को भी निशाना बनाने की चर्चा है. बुधवार शाम तक शराब कारोबार और प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले कई कारोबारियों के यहां छापे पड़ चुके थे.

बता दें कि एक दिन पहले ही सीएम भूपेश बघेल ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई थी कि मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और कर्नाटक जैसे राज्य जहां भाजपा की सरकार है, वहां ईडी क्यों छापे नहीं मारती? महाराष्ट्र में जब शिवसेना कांग्रेस की सरकार थी, तब ईडी के छापे पड़ रहे थे, लेकिन जैसे ही विधायकों की खरीद फरोख्त हुई और सरकार बदली, वहां छापे बंद हो गए. सीएम इससे पहले भी ईडी छापों को लेकर यह कहते रहे हैं कि चुनाव आते आते तक छापे पड़ते रहेंगे.

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