Highcourt की अवमानना: अधिकारियों ने शपथ पत्र देकर कहा- 10 के बाद नहीं बजने देंगे डीजे, लाउडस्पीकर; अतिरिक्त महाधिवक्ता ने भी किया आश्वस्त

जस्टिस पी. सैम कोशी और जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू की बेंच में सुनवाई।

Update: 2022-04-07 15:14 GMT

रायपुर, 07 अप्रैल 2022। राजधानी में जगह-जगह बजाए जा रहे लाउडस्पीकर और डीजे की वजह से ध्वनि प्रदूषण के मामले में छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति की ओर से दायर अवमानना याचिका के जवाब में अधिकारियों ने शपथ पत्र दिया है कि वे इस पर रोक लगाएंगे। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने भी कोर्ट को आश्वस्त किया है कि पूर्व में हाईकोर्ट ने जो आदेश दिए थे, उसका पालन किया जाएगा। जस्टिस पी. सैम कोशी और जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू की बेंच के समक्ष याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि नागरिकों की सबसे बड़ी समस्या जगह-जगह तेजी से लाउडस्पीकर बजना और वाहनों पर स्पीकर रखकर बजाना है। परीक्षा के समय भी तेज आवाज से ध्वनि प्रदूषण किया जाता है। इस पर अधिकारियों ने शपथ पत्र दिया कि वे पूर्व में नितिन सिंघवी विरुद्ध छत्तीसगढ़ राज्य नामक जनहित याचिका में कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश का शब्दश: पालन करेंगे। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने भी कोर्ट को आश्वस्त किया कि ऐसे वाहनों को तत्काल जप्त किया जाएगा और अधिकारियों की जानकारी में किसी भी समय प्रकरण आने पर कोर्ट द्वारा दिए निर्देशों का पालन किया जाएगा।

टेलीफोन नंबर जारी करे, कोर्ट ने राज्य को पालिसी बनाने आदेशित किया

कोर्ट ने राज्य सरकार को ध्वनि प्रदूषण के संबंध में पालिसी बनाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण के संबंध में ऐसा नंबर जारी करें, जिससे आमजन सीधे अधिकारियों से शिकायत कर सकें। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि इस पर वे लोकल प्रशाशन से उचित कदम उठाने को कहेंगे। याचिका का निराकरण करते हुए कोर्ट ने आदेशित किया कि आमजन में जागरूकता पैदा की जाए और कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश का पालन करें।

ये है आदेश में: पूर्व में दायर जन हित याचिका में हाईकोर्ट ने गाडियों पर साउंड बॉक्स रख कर डीजे बजने पर, रात 10 बजे के बाद किसी स्थान, समारोह शादी में डीजे बजाने पर, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल, कोर्ट व ऑफिस से 100 मीटर डिस्टेंस के भीतर लाउड स्पीकर बजने पर प्रतिबंध लगा रखा है। समिति के वरिष्ठ सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता ने चर्चा में बताया कि रायपुर की जनता को ध्वनि प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए समिति कोर्ट के आदेश को लागू कराने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रशासन द्वारा सकारात्मक कार्यवाही नहीं करने पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और फिर से अवमानना याचिका दायर की जाएगी।

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