Ghulam Nabi Azad Resign: कांग्रेस को एक और झटकाः वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस को कहा अलविदा, राहुल गांधी पर लगाए ये गंभीर आरोप

Update: 2022-08-26 06:25 GMT

Ghulam Nabi Azad Resign: नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। गुलाम नबी के इस्तीफे से कांग्रेस को जमकर झटका लगा है। उनका इस्तीफ ऐसे समय में हुआ है, जब पार्टी अध्यक्ष का चुनाव होने वाला है। हाल ही में उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पार्टी के अहम पद से भी इस्तीफा दिया था। खास बात है कि 2020 में ही उन्होंने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, जिसमें संगठन स्तर पर बड़े बदलाव की मांग की गई थी। उस दौरान कांग्रेस की भीतर ही G-23 समूह चर्चा में आया था, जिसमें आनंद शर्मा, मनीष तिवारी समेत कई नेता शामिल थे।

बताते हैं, गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोनिया गांधी को भेजे पांच पन्नों के पत्र में उन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा है कि पार्टी ने अपनी क्षमता और इच्छा शक्ति खो दी है। पार्टी में अनुभवी लोगों को एक-एक कर किनारे किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने खासतौर पर 'जनवरी 2013' का जिक्र किया है। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के दौरान वह प्रेस कॉन्फ्रेंस में नजर आए थे।

हाल ही में उन्होंने कैंपेन कमेटी के चेयरमैन और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के राजनीतिक मामलों की समिति से इस्तीफा दे दिया था। खास बात है कि G-23 समूह के सदस्य आजाद ने पार्टी से लंबे समय से नाराज चल रहे थे। उन्हें राज्यसभा चुनाव के दौरान भी पार्टी ने नजरअंदाज कर दिया था

आजाद ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में कांग्रेस से जुड़ने का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि छात्र जीवन में महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सुभाष चंद्र बोस और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों से प्रभावित हुआ था। उन्होंने लिखा है कि 1975-76 में संजय गांधी के आग्रह पर जम्मू-कश्मीर युवा कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभाला था। आजाद ने लिखा है कि उन्होंने बिना किसी स्वार्थ भाव के दशकों तक पार्टी की सेवा की है।

73 साल के आजाद अपनी सियासत के आखिरी पड़ाव पर फिर प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालना चाह रहे थे, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी बजाय 47 साल के विकार रसूल वानी को ये जिम्मेदारी दे दी। वानी गुलाम नबी आजाद के बेहद करीबी हैं। वे बानिहाल से विधायक रह चुके हैं। आजाद को यह फैसला पसंद नहीं आया। कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व आजाद के करीबी नेताओं को तोड़ रहा है और आजाद इससे खफा हैं।गुलाम नबी आजाद पार्टी से अलग उस जी 23 समूह का भी हिस्सा थे, जो पार्टी में कई बड़े बदलावों की पैरवी करता है। उन तमाम गतिविधियों के बीच इस इस्तीफे ने गुलाम नबी आजाद और उनके कांग्रेस के साथ रिश्तों पर सवाल खड़ा कर दिया है। केंद्र ने इसी साल गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया है।

आजाद का राज्यसभा का कार्यकाल 15 फरवरी 2021 को पूरा हो गया था। उसके बाद उन्हें उम्मीद थी कि किसी दूसरे राज्य से उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा। आजाद का कार्यकाल खत्म होने वाले दिन उन्हें विदाई देते हुए PM नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे। 2021 में मोदी सरकार ने गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान दिया था। 

आजाद ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कांग्रेस से जुड़ने का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा... छात्र जीवन में महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सुभाष चंद्र बोस और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों से प्रभावित हुआ था। उन्होंने लिखा है कि 1975-76 में संजय गांधी के आग्रह पर जम्मू-कश्मीर युवा कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभाला था। आजाद ने लिखा है कि उन्होंने बिना किसी स्वार्थ भाव के दशकों तक पार्टी की सेवा की है।

73 साल के आजाद अपनी सियासत के आखिरी पड़ाव पर फिर प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालना चाह रहे थे, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी बजाय 47 साल के विकार रसूल वानी को ये जिम्मेदारी दे दी। वानी गुलाम नबी आजाद के बेहद करीबी हैं। वे बानिहाल से विधायक रह चुके हैं। आजाद को यह फैसला पसंद नहीं आया। कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व आजाद के करीबी नेताओं को तोड़ रहा है और आजाद इससे खफा हैं। गुलाम नबी आजाद पार्टी से अलग उस जी 23 समूह का भी हिस्सा थे, जो पार्टी में कई बड़े बदलावों की पैरवी करता है। उन तमाम गतिविधियों के बीच इस इस्तीफे ने गुलाम नबी आजाद और उनके कांग्रेस के साथ रिश्तों पर सवाल खड़ा कर दिया है। केंद्र ने इसी साल गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया है।

आजाद का राज्यसभा का कार्यकाल 15 फरवरी 2021 को पूरा हो गया था। उसके बाद उन्हें उम्मीद थी कि किसी दूसरे राज्य से उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा। आजाद का कार्यकाल खत्म होने वाले दिन उन्हें विदाई देते हुए PM नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे। 2021 में मोदी सरकार ने गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान दिया था।

Congress leader Ghulam Nabi Azad severs all ties with Congress Party pic.twitter.com/RuVvRqGSj5

— ANI (@ANI) August 26, 2022

कई मुद्दों को लेकर गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के मतभेद आते रहे हैं। फिर चाहे वो अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर बात रही हो या फिर कुछ मुद्दों पर पार्टी के स्टैंड पर।

Congress leader Ghulam Nabi Azad severs all ties with Congress Party pic.twitter.com/RuVvRqGSj5

— ANI (@ANI) August 26, 2022

कई मुद्दों को लेकर गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के मतभेद आते रहे हैं। फिर चाहे वो अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर बात रही हो या फिर कुछ मुद्दों पर पार्टी के स्टैंड पर।

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