Chhattisgarh News: भृत्य को हटाने पर CM नाराजः भृत्य को नौकरी पर रखने कलेक्टर को लिखा नाराजगी भरा पत्र, बोले...तत्काल नौकरी में लिया जाए, अफसर हैरान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एक लेटर कलेक्टर के पीए के पास पहुंचा। पत्र समग्र शिक्षा के जिला मिशन संचालक के नाम से थे। जिले में कलेक्टर समग्र शिक्षा के पदेन संचालक होते हैं। पत्र की भाषा बड़ी कड़ी थी...राज्य का मुखिया अगर किसी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नौकरी से हटाने पर सीधे कलेक्टर को पत्र लिख दें तो पीए की हैरानी जायज थी।
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रायपुर/जांजगीर-चांपा। प्रशासनिक कार्यो के निबटाने के दौरान कई बार ऐसा कुछ हो जाता है कि अफसर हैरान रह जाते हैं। ऐसा ही एक वाकया जांजगीर-चांपा जिले में हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एक लेटर कलेक्टर के पीए के पास पहुंचा। पत्र समग्र शिक्षा के जिला मिशन संचालक के नाम से थे। जिले में कलेक्टर समग्र शिक्षा के पदेन संचालक होते हैं। पत्र की भाषा बड़ी कड़ी थी...राज्य का मुखिया अगर किसी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नौकरी से हटाने पर सीधे कलेक्टर को पत्र लिख दें तो पीए की हैरानी जायज थी। उन्होंने लिखा था, 2007 से समग्र शिक्षा में भृत्य के पद पर काम कर रहे डिगेश्वर साहू को बिना सूचना कैसे हटा दिया गया। तत्काल प्रभाव उसे बहाल किया जाए।
बताते हैं, पीए भागता हुआ कलेक्टर तारन प्रकाश सिनहा के पासा पहुंचा। हांफते हुए बताया, साब सीएम साब का लेटर है। लिखे हैं, डिगेश्वर साहू को तत्काल नौकरी पर रखा जावे। तारन सिनहा ने पत्र देखा....गौर से दोबारा पढ़े...फिर मुस्कुराए। पत्र के लास्ट में सादर लिखा था। इससे उनके समझ में पूरा माजरा आ गया। मुख्यमंत्री कलेक्टर का सादर नहीं लिखते। सादर अपने से बड़ों या अधिक-से-अधिक अगर चापलूसी करना हो तो बराबर वाले को लिखा जाता है। उन्होंने पीएस से कहा, इसे जांच करने के लिए पुलिस को भेज दो। पता चला है, पुलिस ने इस पत्र की जांच शुरू कर दी है।
वो तो कलेक्टर का आईक्यू ठीक है, सीएम हाउस में भी रहे हैं, लिहाजा वे भांप गए। वरना, दूसरा कोई होता तो घंटे भर में भृत्य की पोस्टिंग का आदेश निकल जाता...हालत खराब होती सो अलग। इस पत्र को देखकर आप भी यकीं नहीं करेंगे कि फर्जी हो सकता है। हू-ब-हू मुख्यमंत्री का लेटरपैड... हू-ब-हू उनका सिगनेचर। मगर चोर चोरी करता है तो कुछ-न-कुछ सबूत अवश्य छोड़ जाता है...उसने सादर लिख दिया।
जांजगीर जिले में वैसे भी अधिकारियों को बेहद सर्तक रहना पड़ता है। फर्जीवाड़े की घटनाएं काफी होती है। धान खरीदी में भी कई गड़बड़ियां वहां अफसरों ने पकड़ी है। पिछले साल सरकारी जमीन को कागजों में अपना दिखाकर...कागजों में धान उपजा कर लोगों ने लाखों रुपए ऐंठ लिए थे। देखिये फ़र्ज़ी पत्र....