Chhattisgarh Assembly Election: सीजी का पॉलिटिकल टी-20: जानिए...पहले चरण की 20 सीटों पर कौन रहा है भारी, किन सीटों पर कभी नहीं हुई हार...

Chhattisgarh Assembly Election: छत्‍तीसगढ़ में विधानसभा का चुनाव दो चरणों में होगा। पहले चरण में बस्‍तर संभाग की 12 सीटों के साथ अविभाजित राजनांदगांव जिला की 6 और कबीरधाम की 2 सीट शामिल है। इन सीटों पर 7 नवंबर को मतदान होना है।

Update: 2023-10-17 12:12 GMT

Chhattisgarh Assembly Election: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ की 90 में विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में 20 और दूसरे चरण में 70 सीटों पर वोटिंग होना है। पहले चरण में नक्‍सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान होगा। इस चरण जिन 20 सीटों पर मतदान होगा उनमें बस्‍तर संभाग की 20 सीटें शामिल हैं। इनमें से 12 सीट अनुसूचित जानजाति (एससटी) और एक सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है। बाकी 7 सीट सामान्‍य हैं। राज्‍य बनने के बाद से अब तक हुए 4 चुनावों में से पहले 2 चुनाव में भाजपा और 2 चुनाव में कांग्रेस का दबादबा रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की आंधी में भाजपा 20 में से केवल 2 सीट जीत पाई, वहीं जनता कांग्रेस छत्‍तीसगढ़ (जकांछ) के खाते में एक सीट गई। हालांकि बाद में हुए उप चुनावों में भाजपा व जकांछ की एक-एक सीट छीन गई। फिलहाल 20 में से 19 सीट पर कांग्रेस और एक सीट पर भाजपा विधायक हैं।

इन 20 सीटों में एक कोंटा सीट ऐसी है जिस पर कांग्रेस अभी तक नहीं हारी है। कांग्रेस के कवासी लखमा इस सीट से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। भाजपा के पास ऐसी एक भी सीट नहीं है। मात्र एक राजनांदगांव सीट ऐसी है जिस पर भाजपा लगातार तीन चुनाव जीती है। 2003 में इस सीट से कांग्रेस के उदय मुदलियार विधायक चुने गए थे। 2008 से डॉ. रमन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और लगातार जीत रहे हैं।

राज्‍य बनने के बाद 2003 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में बस्‍तर संभाग की 12 में से 9 सीटों पर बीजेपी और 3 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। वहीं, राजनांदगांव और कबीरधाम की 8 में से 4-4 सीट दोनों पार्टी के खाते में गई। पांच साल तक सरकार में रहने के बाद 2008 में भाजपा ने अपने प्रदर्शन और बेहतर कर लिया। 20 में से 16 सीटों पर भाजपा ने एकतरफा जीत दर्ज की। इनमें बस्‍तर संभाग की 12 में से 11, कबीरधाम की एक और राजनांदगांव की 6 में से 4 सीट शामिल है।


इसके बाद 2013 में हुए विधानसभा चुनाव से भाजपा का ग्राफ गिरना शुरू हुआ। 2013 में भाजपा तीसरी बार प्रदेश की सत्‍ता में आई, लेकिन पहले चरण की 20 में से केवल 8 सीटों पर ही वह जीत पाई। बाकी 12 सीटों पर कांग्रेस ने अपना परचम लहरा दिया। तत्‍कालन मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह का गृह जिला होने के बावजूद भाजपा कबीरधाम जिला की दोनों सीट हार गई। इसी तरह रमन के निर्वाचन जिला राजनांदगांव की 6 में से 2 ही सीट भाजपा जीत पाई। बस्‍तर संभाग में भी पार्टी को झटका लगा। 2008 में 12 में 11 सीट जीतने वाली भाजपा 4 सीटों पर सिमट गई।

2018 के विधानसभा में कांग्रेस की आंधी ने भाजपा का सुपड़ा साफ कर दिया। 2018 के चुनाव में भाजपा बस्‍तर संभाग की 12 में से मात्र एक दंतेवाड़ा सीट पर जीत दर्ज कर पाई थी। इस सीट से विधायक चुने गए भीमा मंडावी की 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नक्‍सली हमले में मौत हो गई। इसके बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस यहां से जीत गई। यानी बस्‍तर संभाग की सभी 12 सीटों पर भाजपा का कब्‍जा हो गया। वहीं, राजनांदगांव की 6 में से भाजपा और जकांछ 1-1 सीट जीत पाई। बाकी 4 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। जिस एक सीट पर भाजपा जीती वह डॉ. रमन सिंह की राजनांदगांव सीट थी। इसी तरह खैरागढ़ सीट से जकांछ के देवव्रत सिंह ने जीत दर्ज की, लेकिन बाद में देवव्रत के निधन से खाली हुई खैरागढ़ सीट भी कांग्रेस ने उप चुनाव में जीत लिया। इस तरह पहले चरण की 20 में से 19 सीट इस वक्‍त कांग्रेस के पास है।

पहले चरण की 20 सीटों पर जाने कौन है कांग्रेस, भाजपा, बसपा, आप और हमर राज पार्टी का प्रत्‍याशी 



 


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