CG विधायकों की मोदी संग चाय पर चर्चा : पूर्व सीएम रमन समेत समेत विधायक कल जाएंगे दिल्ली, परसों पीएम मोदी के साथ अहम बैठक

Update: 2023-04-03 07:02 GMT

Chhattisgarh Assembly Election 2023

रायपुर. छत्तीसगढ़ के भाजपा विधायकों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी 5 अप्रैल को चाय पर चर्चा करेंगे. पीएम आवास में यह बैठक होगी, जिसमें पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, पूर्व स्पीकर धरमलाल कौशिक, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल समेत सभी विधायक शामिल होंगे. प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव पहले ही दिल्ली में हैं. यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में चुनाव के ऐलान में अब लगभग 6 महीने का ही समय बचा है.

15 साल की भाजपा सरकार के 15 सीटों पर सिमटने के बाद पहली बार पीएम मोदी ने सभी विधायकों को बुलाया है. जाहिर है कि ऐन चुनाव से पहले पीएम मोदी के साथ यह बैठक पूरी तरह चुनाव की तैयारियों पर आधारित होगी. माना जा रहा है कि पीएम के साथ इस बैठक के बाद यह तय हो जाएगा कि भाजपा का चुनावी प्लान क्या होगा. इस पूरे महीने पीएम मोदी कर्नाटक चुनाव में व्यस्त रहेंगे. मई में कर्नाटक का रिजल्ट आ जाएगा. इसके बाद मोदी समेत भाजपा का फोकस छत्तीसगढ़ सहित अन्य चुनावी राज्यों पर होगा. मोदी यहां चुनाव से पहले सभाएं करने आ सकते हैं. विधायकों के साथ चर्चा में राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर भी बात होगी. पीएम मोदी जी-20 की बैठक पर भी विधायकों से बात कर सकते हैं, जो सितंबर में होने वाली है.

वोटर की बड़ी नाराजगी की क्या थी वजह

छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद 2003 में पहली बार भाजपा की सरकार बनी थी. इसके बाद 2008 और 2013 में भी भाजपा की जीत हुई. 15 साल तक भाजपा की सरकार रही. इस दौरान डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री रहे. वहीं, चुनिंदा चेहरों को छोड़कर मंत्रिमंडल को भी रिपीट किया गया. 2018 में जब चुनाव हुए तब भाजपा सरकार के खिलाफ नाराजगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस के ज्यादातर विधायकों ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की. आधा दर्जन विधायक को 50 हजार से भी ज्यादा वोटों के अंतर से जीते थे और कई दिग्गजों को हराया था. पीएम के साथ बातचीत में यह भी एक मुद्दा हो सकता है. आरएसएस की नाराजगी भी भाजपा की हार में एक बड़ी वजह थी.

6 माह बाद सारे समीकरण ध्वस्त हो गए

2018 के विधानसभा चुनाव के 6 महीने बाद लोकसभा के चुनाव हुए. 68 विधानसभा में जीत दर्ज कर कांग्रेस की सरकार बनी थी. इसके बाद कांग्रेस सरकार ने कई अहम फैसले भी लिए थे. इनमें किसानों की कर्ज माफी का भी फैसला शामिल है. इससे राजनीतिक पंडित भी यह अनुमान लगा रहे थे कि 11 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस 7-9 में जीत दर्ज कर सकती है. इसके विपरीत कांग्रेस सिर्फ 2 सीटें ही जीत पाई. भाजपा के अधिकांश सांसद बड़ी मार्जिन से जीते थे. 6 महीने पहले भाजपा सरकार के खिलाफ जो नाराजगी थी, वह मोदी लहर में गायब हो गई. सारे समीकरण ध्वस्त हो गए और दुर्ग लोकसभा क्षेत्र, जहां सीएम समेत कई मंत्री हैं, वहां रिकॉर्ड मतों से भाजपा की जीत हुई थी. जबकि विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने जहां सभाएं ली थीं, वहां भी भाजपा जीत नहीं सकी थी.

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