अब BJP महिला मोर्चा का हल्ला बोल: शराबबंदी और अपराध के मुद्दे पर बिलासपुर में जुटेंगी 50 हजार से ज्यादा महिलाएं, फिर सरगुजा में आंदोलन
कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में प्रदेश महामंत्री, संभागीय प्रभारी और मीडिया टीम के साथ कोर ग्रुप की बैठक में बनी रणनीति।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराबबंदी और महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मुद्दे पर भाजपा बिलासपुर में बड़ा आंदोलन करेगी। इसमें 50 हजार महिलाएं हिस्सा लेंगी। इसके बाद आदिवासियों के मुद्दे पर सरगुजा में आंदोलन करने की तैयारी है। इसके अलावा पीएम आवास योजना के हितग्राहियों का भी बड़ा आंदोलन जाएगी। प्रारंभिक चर्चा में नवंबर में ये आंदोलन करने की तैयारी है। इसकी तारीख तय करने के लिए 6 अक्टूबर को बैठक रखी गई है। इसमें नए प्रदेश प्रभारी ओमप्रकाश माथुर भी शामिल होंगे।
भाजपा की नई कार्यकारिणी के गठन के बाद कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में मैराथन बैठक रखी गई। इसमें पहले प्रदेश महामंत्री, संभागीय प्रभारी, प्रदेश पदाधिकारी, प्रवक्ता, मीडिया प्रभारी, आईटी सेल और सोशल मीडिया प्रभारी के अलावा कोर ग्रुप की बैठक हुई। इसके बाद फिर संभागीय प्रभारियों की बैठक हुई। बैठक की शुरुआत में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और संगठन महामंत्री पवन साय थे। बाद में छत्तीसगढ़ के सह प्रभारी नितिन नबीन शामिल हुए।
आने वाले समय में भाजपा आंदोलन तेज करेगी। इसके लिए अलग अलग आंदोलन पर चर्चा हुई है। पहला आंदोलन महिलाओं के मुद्दे पर होगा। राजधानी रायपुर में बेरोजगारी के मुद्दे पर युवा मोर्चा के हल्ला बोल और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सम्मेलन के बाद तय किया गया है कि महिला मोर्चा का आंदोलन बिलासपुर संभाग में होगा। इसके बाद अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मुद्दे पर आंदोलन किए जाएंगे। एक और वर्ग के साथ बड़े आंदोलन की रूपरेखा बनाई गई है। इसमें पीएम आवास के हितग्राहियों को जोड़ा जाएगा, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा राशि नहीं देने के कारण मकान नहीं मिल पाया है।
संगठन में जल्द ही नियुक्तियां पूरी करने के निर्देश
प्रदेश की नई कार्यकारिणी के गठन के बाद अब मोर्चा और जिलों में नई टीम का गठन किया जाना है। इसमें बिना देरी किए तेजी से नियुक्तियां करने कहा गया है, जिससे निचले स्तर तक की टीम को काम करने के लिए पूरा समय मिले। यहां बता दें कि पिछली बार कार्यकारिणी बनाने में काफी देर हुई थी। इसके बाद बड़े पैमाने पर विरोध की स्थिति बनी थी।
मीडिया और सोशल मीडिया पर आक्रामक रुख
सभी प्रदेश प्रवक्ता, आईटी सेल और सोशल मीडिया टीम के साथ बैठक में अब ज्यादा आक्रामक ढंग से राज्य सरकार पर हमले करने की रणनीति बनाई गई है। पिछले कुछ दिनों में इस पर काम भी शुरू किया गया है। शासन की योजनाओं की खामियों को उजागर किया जाएगा। सोशल मीडिया और आईटी सेल का भी पुनर्गठन किया जाएगा। नए लोग जोड़े जाएंगे।