CG-नेताजी संकट मेंः जमीन अधिग्रहण के मुआवजा मामले में करोड़ों के गोलमाल के खिलाफ कलेक्टर ने FIR करने SP को पत्र लिखा, पढ़िये कलेक्टर ने क्या लिखा...

Update: 2022-01-20 14:57 GMT

कोरबा, 20 जनवरी 2022। जमीन के मुआवजे के गड़बड़झाले में कलेक्टर रानू साहू ने एसपी भोजराम पटेल को पत्र लिख मामले में एफआईआर दर्ज करने कहा है।


पता चला है, कोरबा में सड़क निर्माण के लिए जमीनों के अधिग्रहण में बड़ी गड़बडी की गई। चूकि छोटे टुकड़ों का मुआवजा करीब 10 गुना अधिक मिलता है इसलिए बड़े लोगों ने जिस इलाके में नई सड़क बननी थी, उन इलाके के सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदकर उसे छोटे टुकड़ों में बांट कर अपने लोगों के नाम उसकी रजिस्ट्री करवा ली।

बताते हैं, रोड किनारे सैकड़ों की संख्या में 5000 फुट की प्लांटिंग हो गई। ऐसा करके सरकार को बड़ा चूना लगाया गया। सरकार अगर वास्तविक किसानों से जमीन खरीदी होती तो उसे कम भुगतान करना होता। मगर बड़ा धन्ना सेठों ने किसानों से जमीन खरीदकर बड़ा खेल कर डाला।

अफसरों का कहना है कि बड़े रसूखदार लोगों को पहले ही पता चल जाता है कि फलां इलाके से नई सड़क निकलनी है। वहां के किसानों से जमीनें खरीदकर उसे टुकड़ों में बांट डाला गया। बताते हैं, इस मामले में करीब 300 करोड़ का खेल किया गया। इसमें बड़े नेताओं के नाम आ रहे हैं।

कलेक्टर रानू साहू को इसकी शिकायत मिली तो उन्होंने इसकी जांच कराई। इसके बाद उन्होंने एसपी को एफआईआर दर्ज करने पत्र लिखा है।

कोरबा जिले में हरदीबाजार-तरदा बाईपास के लिए जमीन अधिग्रहण के मामले में गड़बड़ी करने वाले लोगों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज होगा । कलेक्टर कोरबा ने इस मामले में संलिप्त लोगों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए पुलिस अधीक्षक कोरबा को पत्र लिखा है। उक्त बाईपास सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण के मामले में अनियमितता एवं मुआवजा प्रकरणों में नियमों की अनदेखी की गंभीर शिकायतें राज्य शासन को मिली थी। राज्य शासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर कोरबा को मामले की जांच कराकर प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर कोरबा के प्रतिवेदन में प्रथम दृष्टया गड़बड़ी का मामला पाए जाने पर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई किए जाने के राज्य शासन के निर्देश के परिपालन में कलेक्टर कोरबा द्वारा इस मामले में आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई की गई है।

गौरतलब है कि कोरबा जिले के अंतर्गत हरदीबाजार-तरदा बाईपास सड़क के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई थी। भूमि अधिग्रहण के इस मामले में मुआवजा प्रकरण में गड़बड़ी और एक ही भूमि को टुकड़े-टुकड़े कर बार-बार खरीदी बिक्री की शिकायत राज्य स्तर पर प्राप्त हुई थी। इस मामले की जांच के दौरान यह पाया गया कि भूमि अधिग्रहण के मामले भू-राजस्व संहिता व भूमि अधिग्रहण नियमों की अनदेखी की गई है। नियम विरूद्ध पांच हजार स्क्वेयर फीट रकबे से कम रकबे का अधिग्रहण दिखाकर अधिक मुआवजे का प्रकरण स्वीकृत किया गया है। इसके साथ ही ऐसे कई खसरों की भूमि को भी अधिग्रहित किया गया है, जो बाईपास सड़क की सीमा नहीं है। भूमि की खरीदी-बिक्री में संलिप्त लोगों द्वारा एक ही भूमि का टुकड़े-टुकड़े में कई बार क्रय-विक्रय किया गया है।

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