Assembly Elections 2023: चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने बनाया रिकार्ड: राज्‍य के इतिहास में उच्‍चतम स्‍तर पर भाजपा, इन पार्टियों को भी लगा तगड़ा झटका

Assembly Elections 2023: विधानसभा चुनाव 2023 में छत्‍तीसगढ़ की सत्‍ता कांग्रेस के हाथ से निकल गई। इससे बड़ा झटका पार्टी के लिए कुछ नहीं हो सकता, लेकिन कांग्रेस के लिए थोड़ी राहत की भी बात है, लेकिन बसपा और जकांछ सहित दूसरी पार्टियों के चुनाव के नतीजे ज्‍यादा टेंशन देने वाले हैं।

Update: 2023-12-04 15:12 GMT

NPG Story

Assembly Elections 2023: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ की सत्‍ता में 5 वर्ष बाद भाजपा ने वापसी की है। भाजपा की यह वापसी बेहद दमदार रही है। भाजपा ने इस बार ऐसा कुछ किया है जो छत्‍तीसगढ़ के इतिहास में इससे पहले उसने नहीं किया है। भाजपा इस बार छत्‍तीसगढ़ में रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंची है। वहीं, कांग्रेस ने भी गिरावट में इतिहास रच दिया है। सबसे ज्‍यादा झटका बसपा को लगा है।

भाजपा को इस बार 54 सीट प्राप्‍त हुए हैं। इससे पहले 3 बार सत्‍ता में रही भाजपा कभी इतनी सीट हासिल नहीं की थी। इससे पहले भाजपा अधिकतम 50 सीट ही जीत पाई थी। वोट शेयर के लिहाज से भी भाजपा ने इतिहास रचा है। पार्टी इस बार 46.27 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करने में सफल रही है। इससे पहले पार्टी अधिकतम 42.3 प्रतिशत तक पहुंची थी।

इधर, कांग्रेस ने भी छत्‍तीसगढ़ में इतिहास बनाया है। पार्टी को इस बार 35 सीट ही जीत पाई है। यह राज्‍य के इतिहास में कांग्रेस की सबसे छोटी जीत है। इससे पहले 2003 में कांग्रेस 37 सीट जीत पाई थी। इसके बाद के चुनावों में पार्टी की सीटों में इजाफा होता गया।

कांग्रेस के लिए एक बड़ी राहत भी

हार के बावजूद कांग्रेस के लिए एक बड़ी राहत वाली बात है। वह यह कि पार्टी का वोट बैंक अब भी पूरी तरह उसके साथ है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 68 सीट जीती थी। तब पार्टी का वोट शेयर 43.9 प्रतिशत था। इस बार कांग्रेस का वोट शेयर 42.23 प्रतिशत है। यानी पिछले चुनाव की तुलना में कांग्रेस का वोट महज 1.17 प्रतिशत ही कम हुआ है। स्‍पष्‍ट है कि कांग्रेस के वोटर इस बार भी उसके साथ थे।

भाजपा का वोट शेयर लगभग 13 प्रतिशत बढ़ गया

भाजपा ने इस बार 46.27 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 54 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह 2018 में भाजपा के वोट शेयर 33.6 से 12.67 प्रतिशत अधिक है। सवाल यह है कि कांग्रेस का वोट शेयर मात्र सवा प्रतिशत गिरा है तो भाजपा का वोट शेयर इतना कैसे बढ़ गया। इसका जवाब बसपा और जकांछ को चिंता में डालने वाला है, क्‍योंक‍ि इन दोनों पार्टियों का वोट शेयर इस बार बहुत ज्‍यादा टूटा है। यानी इन्‍हीं दोनों पार्टियों शेयर भाजपा की तरफ गया है। 2018 की तुलना में जकांछ के वोट शेयर में 6.57 प्रतिशत वोट शेयर घटा है। इसी तरह बसपा के वोट शेयर में भी डेढ़ प्रतिशत से ज्‍यादा की कमी आई है।



 


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