Alert-बढ़ रही ठंड:.. अगले 24 घंटों के दौरान इन राज्यों में होगी बारिश, आने वाले दिनों में अब कड़ाके की पड़ेगी ठंड...
NPG डेस्क। हवा की गति के साथ ठंड का असर भी अब धीरे धीरे बढ़ रहा है। सुबह के समय स्मॅाग दिख रहा है, इसी कारण सर्दी का असर बढ़ रहा है। गुरुवार को भी सुबह से ही तेज हवा चली, जिसके चलते शाम को सूरज ढलने के बाद मौसम और भी ठंडा हो गया।
मौसम एजेंसी स्काई मेट वेदर के मुताबिक, तमिलनाडु के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र अब कमजोर हो गया है। हालांकि, तमिलनाडु और आसपास के इलाकों में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तरी अंडमान सागर और आसपास के क्षेत्रों में जल्द ही विकसित होने की संभावना है।
अगले 24 घंटों के दौरान, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, उत्तरी तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। तटीय आंध्र प्रदेश, लक्षद्वीप और तेलंगाना और गोवा में एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश संभव है। राजस्थान के कुछ हिस्सों में शीत लहर की स्थिति जारी रहने की संभावना है। उत्तर और उत्तर पश्चिम दिशा से आने वाली ठंडी हवा उत्तर पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान को कम कर सकती है।
वहीँ, शाम के वक्त ठंडी हवा चलने की वजह से ठंडक बढ़ी है। वहीं, दोपहर में धूप तेज होने के बाद अब लोग छतों पर बैठकर धूप का आनंद लेने लगे हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि अभी एक वेस्टर्न डिस्टर्बन्स एक्टिव हो गया है। इसके चलते ही आने वाले चार दिनों में इसी तरह ठंड बनी रहेगी। इसके साथ ही ईरान के ऊपर के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टर्बन्स बना हुआ है। इसके कारण 25 नवंबर से कई राज्यों में न्यूनतम तापमान तेजी से गिरेंगे। यह स्थिति आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी। वहीं इस समय बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
मध्यप्रदेश में ठंड ने पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम विभाग ने जबलपुर, बैतूल, खरगोन, सिवनी और छतरपुर में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। पिछले 24 घंटे में सबसे कम तापमान खजुराहो में 6 डिग्री दर्ज हुआ। भोपाल में रात का तापमान 12 डिग्री पर पहुंच गया है।
वहीँ, छत्तीसगढ़ के पेंड्रारोड, रायपुर और जगदलपुर में जबरदस्त ठंड देखने को मिली है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में गर्मी का सीजन मार्च से मई है, लेकिन यह अप्रैल से जून मध्य तक चल रही है। कड़ाके की सर्दी भी अक्टूबर-नवंबर के बजाए दिसंबर से शुरू हो रही है। ऐसा जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ भौतिक परिस्थितियां के कारण भी हुआ है जैसे शहरीकरण। उत्तर भारत में बर्फबारी में देरी से भी यहां ठंड ज्यादा लेट हो गई है।