AIIMS in Ambikapur नेताम ने बढ़ाई सिंहदेव की मुश्किल : भाजपा के आदिवासी नेता रामविचार नेताम ने अंबिकापुर में एम्स खोलने के लिए केंद्र को लिखा पत्र

Update: 2023-03-27 14:26 GMT

AIIMS in Ambikapur

अंबिकापुर/ रायपुर. छत्तीसगढ़ में एक और एम्स (ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) खोलने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सिंहदेव ने बिलासपुर में एम्स की दूसरी शाखा खोलने के लिए पहल करने की जानकारी दी थी. इसे लेकर सरगुजा क्षेत्र के लोगों की नाराजगी सामने आई थी. अब सरगुजा क्षेत्र के बड़े आदिवासी नेता और पूर्व गृह व पंचायत मंत्री रामविचार नेताम ने अंबिकापुर में एक और एम्स की स्थापना के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने सिर्फ सरगुजा क्षेत्र के लिए ही नहीं, बल्कि झारखंड, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के लोगों को भी मिलने वाले लाभ का उल्लेख किया है. एम्स की मांग का माइलेज न सिर्फ आदिवासी और सरगुजिहा वोटरों पर असर करेगा, बल्कि सरगुजा संभाग में जो यूपी-झारखंड व बिहार के लोग रहते हैं, उन पर भी असर पड़ेगा.

ऐसे समय में जब देश के कई राज्यों में एक भी एम्स नहीं है, तब छत्तीसगढ़ में दूसरा एम्स बिलासपुर में खुलेगा या अंबिकापुर में, इस लड़ाई ने राजनीतिक रूप ले लिया है. यह एक चुनावी मुद्दा बन सकता है. हाल ही में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान दूसरे एम्स का मामला उठा था. उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाओं के मद्देनजर हर विधायक यह चाहता था कि उनके यहां एम्स खुले. यह मांग बिलासपुर से उठी थी, इसलिए बिलासपुर क्षेत्र के सांसद भारी पड़े. सदन में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि यदि केंद्र सरकार से दूसरे एम्स की मंजूरी मिलेगी तो वह बिलासपुर में खुले. सिंहदेव की इस घोषणा से बिलासपुर के जनप्रतिनिधि ही नहीं, बल्कि लोगों में खुशी दिखी, लेकिन सरगुजा क्षेत्र के मंत्री और विधायक होने के बावजूद अपने क्षेत्र में एम्स के लिए पहल नहीं करने की बात पर सिंहदेव के खिलाफ लोगों में नाराजगी दिखी.

यह मुद्दा शांत होता कि भाजपा नेता रामविचार नेताम ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया को पत्र लिखकर ठहरे हुए पानी में पत्थर मारकर उसमें हलचल पैदा कर दी. नेताम ने केंद्रीय मंत्री को लिखा है कि उन्हें यह ज्ञात हुआ है कि रायपुर के अलावा दूसरे क्षेत्र में एक और एम्स की स्थापना का प्रस्ताव है. अत्यंत पिछड़ा और आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर का भू-भाग झारखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश के सीमा से भी जुड़े होने से छत्तीसगढ़ प्रदेश व अन्य क्षेत्र के लाखों मरीज अंबिकापुर पर आश्रित हैं. अंबिकापुर शहर व शहर से अन्यत्र करीब 350 किलोमीटर परिक्षेत्र में कोई भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं है. सरगुजा के अंबिकापुर में बेहतर आवागमन की सुविधा, रेल मार्ग और वायु मार्ग उपलब्ध है. इस परिप्रेक्ष्य में प्रस्तावित एम्स की स्थापना अंबिकापुर में करने की मांग रखी है.


तीन मार्च को हुई थी लंबी चर्चा

विधानसभा में तीन मार्च को प्रश्नकाल के दौरान दूसरे एम्स की स्थापना के संबंध में चर्चा हुई थी. इस चर्चा में बिलासपुर के साथ-साथ सरगुजा संभाग के कई विधायकों ने हिस्सा लिया था. स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने बताया कि उन्होंने चार जनवरी 2023 केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है. मैंने मुख्यमंत्री से बात की है कि यदि दूसरे एम्स की स्थापना होती है तो कहां खोलना चाहिए. हमारे पांच संभाग हैं. रायपुर में जो एम्स है तो यह मान सकते हैं कि इससे नजदीक दुर्ग को कवरेज मिल रहा है. तीन और संभाग बचते हैं. विधायकों की संख्या के लिहाज से सबसे बड़ा बिलासपुर संभाग है, जहां 24 विधायक हैं. सरगुजा में 14 और बस्तर में 12 विधायक हैं. सरगुजा और बिलासपुर को मिलाकर जनसंख्या एक करोड़ एक लाख के आसपास है. इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय मंत्री से पत्राचार किया है. आवश्यकता होगी तो वे फिर से पत्राचार करेंगे.

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