स्कूल शिक्षा की बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ के स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन के लिए वर्ल्ड बैंक से मिलेगा 2500 करोड़, ये-ये होंगे काम
रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा के लिए ये अहम खबर है। राज्य बनने के बाद पहली बार वर्ल्ड बैंक से स्कूलों की बेहतरी के लिए बड़ी राशि मिलने जा रही है। वर्ल्ड बैंक 35 साल पहले एक बार अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान स्कूल शिक्षा के लिए ग्रांट दिया था। अब छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्ल्ड बैंक को प्रस्ताव भेजा है। इसके लिए वर्ल्ड बैंक प्रारंभिक सहमति दे दिया है। वर्ल्ड बैंक स्कूलों की गुणवता सुधारने दुनिया के देशों को ग्रांट देता है।
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्ल्ड बैंक के अफसरों से तीन दौर की बातचीत हो चुकी है। वर्ल्ड बैंक से मिलने वाले पैसे से स्कूलों के भवन से लेकर ट्रेनिंग, लेबरोटेरी, लायब्रेरी, खेल पर फोकस किया जाएगा। अभी प्रदेश में प्रायमरी, मीडिल और हाई, हायर सेकेंड्री को मिलाकर करीब 45 हजार स्कूल हैं। 400 से अधिक और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल खुलने वाले हैं। इन स्कूलों के क्वालिटी एजुकेशन पर इस पैसे को खर्च किया जाएगा। अभी करीब 2200 करोड़ स्कूल शिक्षा का बजट है। इनमें से 80 फीसदी से अधिक राशि स्थापना पर खर्च हो जाता है। डेवलपमेंट के लिए करीब तीन सौ करोड़ ही बचता है। वर्ल्ड बैंक पांच साल के लिए 2500 करोड़ देगा। यानी हर साल 500 करोड़। 300 करोड़ स्टेट का और 500 करोड़ वर्ल्ड बैंक का। हर साल डेवलपमेंट के लिए अब 800 करोड़ होंगे।
छत्तीसगढ़ के नम्बर वन न्यूज वेबसाइट एनपीजी न्यूज ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ0 आलोक शुक्ला से इस संबंध में बात की। उन्होंने वर्ल्ड बैंक से बातचीत की पुष्टि की। उन्होंने उम्मीद जताई कि सब कुछ ठीक रहा तो अगले साल अप्रैल तक वर्ल्ड बैंक से ग्रांट मिल जाएगा। उन्होंने माना कि स्कूल शिक्षा के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा।