World Chocolate Day 2024: 7 जुलाई को वर्ल्ड चॉकलेट डे, जानें इस दिन को मनाने का मकसद और इतिहास, साथ ही जान लें चॉकलेट खाने के ये फायदे
बच्चे हों या बूढ़े चॉकलेट्स हर उम्र के लोगों की फेवरेट होती है। 7 जुलाई को हम सबकी फेवरेट चॉकलेट के लिए वर्ल्ड चॉकलेट डे (World Chocolate Day 2024) मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिन को मनाने के पीछे का इतिहास, उद्देश्य और दूसरी खास बातें...
रायपुर, एनपीजी डेस्क। बच्चे हों या बूढ़े चॉकलेट्स हर उम्र के लोगों की फेवरेट होती है। 7 जुलाई को हम सबकी फेवरेट चॉकलेट के लिए वर्ल्ड चॉकलेट डे (World Chocolate Day 2024) मनाया जाता है। खुशी के मौका हो, कोई त्योहार या फिर जन्मदिन चॉकलेट बांटने का रिवाज बहुत पुराना है। चॉकलेट की इसी लोकप्रियता को देखते हुए हर साल 7 जुलाई वर्ल्ड चॉकलेट डे मनाया जाता है।
मार्केट में चॉकलेट्स के ढेरों ऑप्शन मौजूद हैं। अलग-अलग डिजाइन्स और फ्लेवर में आकर्षक पैकिंग में ये चॉकलेट्स लोगों को खूब लुभाते हैं।
वर्ल्ड चॉकलेट डे थीम 2024
इस बार की थीम 'खेलो' है। इसका मतलब है कि इस साल आप World Chocolate day के मौके पर अपने करीबी यार दोस्तों को चॉकलेट गिफ्ट करने के साथ-साथ उनके साथ कुछ समय खेलने के लिए भी निकालें।
जानें चॉकलेट का इतिहास
चॉकलेट का इतिहास करीब 2500 साल पुराना है। चॉकलेट को कोको के पेड़ के फल से बनाया जाता है, जिसकी खोज 2000 साल पहले अमेरिका के रेन फॉरेस्ट में की गई थी। चॉकलेट के बारे में कुछ लोगों का मानना है कि ये मूल रूप से स्पैनिश भाषा का शब्द है। वहीं अधिकतर जानकारियों के मुताबिक, चॉकलेट शब्द माया और एजटेक सभ्यताओं से निकला है, जो मध्य अमेरिका से संबंधित है। एजटेक की भाषा नेहुटल में चॉकलेट का अर्थ खट्टा या कड़वा होता है।
कोको के पेड़ की फलियों के बीज से बनती है चॉकलेट
चॉकलेट कोको के पेड़ की फलियों में लगने वाले बीज से बनाई जाती है। इसकी खोज 2000 साल पहले अमेरिका के वर्षा वनों में की गई थी। सबसे पहले चॉकलेट बनाने वाले लोग मेक्सिको और मध्य अमेरिका के रहने वाले थे। पहले चॉकलेट को खाया नहीं बल्कि पीया जाता था।
1528 में स्पेन ने किया मेक्सिको पर कब्जा
साल 1528 में स्पेन ने मेक्सिको पर कब्जा कर लिया। तब यहां से कोको के बीज और चॉकलेट बनाने के उपकरणों को स्पेन ले जाया गया। पहले अमीर घरानों के लोग चॉकलेट ड्रिंक पीया करते थे। इटैलियन यात्री फ्रेंसिस्को कारलेटी ने मध्य अमेरिका में चॉकलेट बनाते देखा और अपने देश इटली में भी इसका प्रचार किया। 16वीं शताब्दी में इटली में भी चॉकलेट फेमस हो गई।
यूरोप ने बनाया चॉकलेट को मीठा
आज की मीठी चॉकलेट यूरोप की देन है, क्योंकि तीखी चॉकलेट को चीनी और दूध मिलाकर मीठा बनाने का श्रेय इसे ही जाता है।
वर्ल्ड चॉकलेट डे मनाने के पीछे की वजह
7 जुलाई को वर्ल्ड चॉकलेट डे मनाने की शुरुआत साल 2009 में की गई थी। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन साल 1550 में पहली बार यूरोप में चॉकलेट का आगमन हुआ था। कहते हैं कि इस दिन पहली चॉकलेट बार खोली गई थी। हालांकि, घाना अमेरिका जैसे देशों में 28 अक्टूबर को चॉकलेट डे मनाया जाता है।
वर्ल्ड चॉकलेट डे का महत्व
वर्ल्ड चॉकलेट डे दुनिया के सबसे लोकप्रिय खाने के सामानों में से एक चॉकलेट के प्रति लोगों के प्यार को दर्शाता है। चॉकलेट खुशी और उत्सव का प्रतीक है, जो सीमाओं से परे सभी लोगों को एक साथ लाता है।
चॉकलेट खाने के हैं ढेरों फायदे
- चॉकलेट बुढ़ापा आने की गति को धीमा करता है, क्योंकि त्वचा की सिकुड़न से लड़ने वाले प्रोटीन कोकोआ से भरपूर चॉकलेट में भी पाए जाते हैं।
- ये ब्लड सर्कुलेशन को सुनिश्चित करता है। साथ ही ऐसे हॉर्मोन्स को रिलीज करता है, जो आपको खुशमिजाज रखते हैं।
- चॉकलेट में कोकोआ होता है, जिसमें 'फ्लावानॉल' नाम का एंटी ऑक्सीडेंट होता है, जो रक्त संचार को सुचारू रूप से रखने में सहायक है।
- ज्यादा मात्रा में फ्लावानॉल के सेवन से मानसिक क्षमता बढ़ती है।
- चॉकलेट अवसाद को कम करता है।
- उच्च कोकोआ वाला चॉकलेट खाने से न केवल कोलेस्ट्रॉल कम होता है, बल्कि यह ब्लड प्रेशर को भी कम करने में सहायक है।
- एक चॉकलेट खाने से वजन बढ़ाने वाले भोजन की इच्छा में कमी होती है, जिससे आपका वजन नियंत्रित रहता है।
- डार्क चॉकलेट में आयरन, मैग्नीशियम और जिंक जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
- चॉकलेट खाने से सूजन कम होती है।
- ये हृदय रोग के जोखिम को कम करता है।
- डार्क चॉकलेट में मिल्क चॉकलेट की तुलना में कोको की मात्रा अधिक और चीनी कम होती है, जो ज्यादा फायदेमंद है।
डार्क चॉकलेट खाने के लाभ
- एक औसत 100 ग्राम डार्क चॉकलेट में लगभग 11 ग्राम फाइबर होता है, जो आपके पेट को स्वस्थ रखता है।
- ज़्यादातर डार्क चॉकलेट में थोड़ा कोको बटर भी होता है, जो दिल के लिए स्वस्थ वसा ओलिक एसिड का सोर्स है।
- कोको भी एक प्रीबायोटिक है, जो एक तरह का फाइबर है, जिसे आपके पेट के बैक्टीरिया पचाते हैं।
- फ्लेवेनॉल चॉकलेट में एक पॉलीफेनोल है और थियोब्रोमाइन कोको में एक और प्राकृतिक यौगिक है। यह आपके ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है।
- पॉलीफेनॉल आपके कोलेस्ट्रॉल को भी लाभ पहुंचाते हैं। ये अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हैं और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं।
सावधानी
हालांकि डार्क चॉकलेट बहुत अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद चीनी और संतृप्त वसा आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
डार्क चॉकलेट में कैलोरी अधिक होती है, लेकिन फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। इसे खाने से कम भूख लगती है, जिससे वजन तेजी से कम होता है। इसलिए बहुत दुबले-पतले लोगों को ज्यादा डार्क चॉकलेट नहीं खानी चाहिए।