Vidur Niti: आसान नहीं हैं पुरुषों की पत्नी बनना, जिनमें होते हैं ये सारे गुण, शादी का है इरादा तो जरूर पढ़ें ये खबर

Update: 2022-11-26 19:30 GMT

Vidur Niti se jane purusho me hone wale 7 gun mahilaye aise purusho ko karti hai pasand jo hote aise savbhav k astrology

NPG डेस्क। विदुर नीति की रचना महाराज विदुर ने की थी जो उन्होंने धृतराष्ट्र को बताया था । इस ग्रंथ में विदुर द्वारा जीवन, मृत्यु, खुशी, दुख, युद्ध, इत्यादि विषयों से जुड़े कुछ संकेत प्रस्तुत किए गए हैं। कहते हैं इन सभी विषयों की व्याख्या विदुर द्वारा धृतराष्ट्र को की गई थी महाभारत काल के प्रमुख पात्रों में विदुर को गिना जाता है। विदुर जी ने विदुर शास्त्र में जीवन के कई पहलुओं का जिक्र किया है।

जीवन से जुड़ी कई समस्याओं का हल बताने के साथ ही विदुर ने नीति शास्त्र में उत्तम पुरुष के लक्षण बताए हैं। एक बुद्धिमान पुरुष में क्या गुण होते हैं, उसका स्वभाव और वह ऐसा क्या करता है जो उसे अन्य पुरुषों से अलग बनाता है, इसके कुछ संकेत विदुर द्वारा धृतराष्ट्र को दिए गए थे। जानिए कौन-से हैं ये गुण-

विदुर के अनुसार ऐसे पुरुष स्वर्ग में भी पूजनीय

विदुर के अनुसार परोपकार रहित मानव का जीवन व्यर्थ होता है। लेकिन उत्तम पुरुष उस मरे हुए पशु के समान होते हैं जिसका मृत्यु के बाद चमड़ा भी काम आता है। विदुर के अनुसार, ऐसे लोगों को मृत्यु के बाद स्वर्ग में भी पूजनीय स्थान मिलता है।

उत्तम पुरुष पर ईश्वर की विशेष कृपा

विदुर नीति के अनुसार, उत्तम पुरुष को भले ही मृत्यु लोक में कष्टों का सामना करना पड़ता है, लेकिन वह तटस्थ भाव से धर्म निभाता है। उत्तम पुरुष के जीवन में कितने ही दुख क्यों न आ जाएं, लेकिन वह अपना धर्म निभाता है। विदुर जी कहते हैं कि उत्तम पुरुष में हर दुख को सहने की शक्ति होती है, इसलिए उन्हें साधारण मानव नहीं कहा जाता है।

दानी और सत्यवादी

विदुर जी कहते हैं कि धर्म का पालन, दान करने, सत्य बोलने और मेहनत करने वाले पुरुषों की चर्चा तीनों लोकों में होती है। ऐसे लोगों की मृत्यु के बाद इनकी कई पीढ़ियां इनके द्वारा किए गए पुण्य का लाभ उठाती हैं।

सौभाग्यशाली स्त्री को मिलते हैं ऐसे पति

विदुर जी कहते हैं कि ऐसे पुरुष को पति के रूप में पाकर स्त्री स्वर्ग के समान सुख भोगती है। महात्मा विदुर ने ऐसे पुरुष को उत्तम से भी उत्तम बताया है। विदुर नीति के अनुसार, इन पुरुषों पर हमेशा देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।

बड़ों का आदर और छोटों का सम्मान करे

अपनी बुद्धि के बल पर जो शिक्षा प्राप्त करे, अपनी शिक्षा के बल पर जो बुद्धिमान बने वही है बुद्धिमान पुरुष। जो अपनों से बड़ों का आदर और छोटों का सम्मान करे, वही है बुद्धिमान पुरुष।

हर जिम्मेदारी निभाए

कार्य चाहे कैसा भी हो, समाज से संबंधित हो, धर्म संबंधी हो या अपने परिवार से जुड़ा हो। हर परिस्थिति में अपने कार्य को जिम्मेदारी पूर्वक करने वाला इंसान ही बुद्धिमान है।

पुरुष अभिमानी न हो

जिस व्यक्ति में अपने कार्य के प्रति आदर हो, लेकिन उसे लेकर कोई घमंड ना हो वही है अच्छा और बुद्धिमान इंसान। ऐसे व्यक्ति को अगर उसके कार्य के लिए सराहना भी मिले, तब भी वह घमंड नहीं करता।

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