Ram Jharna Raigarh: छत्तीसगढ़ के राम झरना के बारे में आप क्या जानते हैं, भगवान राम के नाम पर इसका नाम क्यों पड़ा, पढ़िए NPG की खास रिपोर्ट, आपको नए तथ्यों का पता चलेगा

Update: 2022-10-19 09:37 GMT

NPG DESK

Ram Jharna Raigarh: भगवान श्रीराम से जुड़ी एक पौराणिक कथा हम सब ने सुनी है कि वनवास के दौरान प्यास से व्याकुल पत्नी सीता देवी के लिए उन्होंने धरती भेदकर पानी की धारा बहाई थी। क्या आपको पता है कि ये पवित्र स्थल कहाँ है? यह स्थल छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हैं। शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर खरसिया ब्लॉक में राम झरना एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। घने जंगल के भीतर एक प्राकृतिक जलकुंड है जो लगातार बह रहा है और लगभग डेढ़ किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है।लोगों का मानना है कि यहाँ के कुंड का पानी पीने से आंतरिक और बाहरी शारीरिक रोगों से राहत मिलती है।आइए जानते हैं राम झरना के बारे में...

छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक पर्यटन स्थलों की भरमार है। इनमें रायगढ़ जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल राम झरना का स्थान बहुत खास है। यह झरना प्रकृति प्रेमी और धार्मिक व्यक्तियों को विशेषकर लुभाता है। यह स्थान भगवान श्री राम के वनवास काल से भी जुड़ा हुआ है। आसपास के लोग छुट्टी के दिन पिकनिक मनाने और घूमने के लिए राम झरना जाना बहुत पसंद करते हैं।आइये राम झरना और इससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में विस्तार से जानते हैं।

* राम झरना

रायगढ़ शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर खरसिया ब्लॉक में राम झरना स्थित है। करीब डेढ़ किलोमीटर के दायरे में बसे रामझरना का आकर्षण मुख्य द्वार से लंबा रास्ता होते हुए घने जंगल के अंदर प्राकृतिक रूप से बना जल कुंड है जिसमें लगातार पानी बह रहा है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान श्री राम ने अपने 14 वर्षों के वनवास में करीब दस साल का समय दंडकारण्य या छत्तीसगढ़ में बिताया था। ऐसा माना जाता है की राम झरना उन्ही में एक स्थान है जहाँ भगवान राम आये थे। इस जगह को देखने आसपास के लोग हर साल भारी संख्या में पहुंचते हैं।


साथ ही मुख्य जल कुंड से निकलने वाला पानी आगे चलकर बड़े जलाशय में समाहित हो जाता है। जिससे प्रतिवर्ष सैकड़ों एकड़ खेतों की सिंचाई भी होती है।

* पौराणिक मान्यता यह है

पौराणिक मान्यता है कि भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास काल में पत्नी सीता व भाई लक्ष्मण के साथ यहां आये थे। तब चलते-चलते माता सीता का कंठ प्यास से सूखने लगा। उन्होंने प्रभु श्री राम से आग्रह किया कि वे पानी का प्रबंध करें।दूर-दूर तक भटकने के बावजूद भी श्री राम को जब पानी नहीं मिला तब उन्होंने बाण से धरती में छेद कर दिया। धरती माता ने भी तत्काल अपनी पुत्री की प्यास बुझाने को अपनी गोद से जल की धारा बहा दी। उस पानी से माता सीता ने अपनी प्यास बुझाई और आशीर्वाद दिया कि इस झरने से हमेशा लोगों और जीव-जंतुओं की प्यास बुझती रहे। यह धारा आज भी लगातार बह रही है और इसे ही राम झरना के नाम से जाना जाता है। रामझरना हिंदुओं की आस्था व विश्वास का प्रतीक स्थान है और इसे जिले का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माना जाता है।


*लुभावना है वातावरण

प्राकृतिक सुषमा से सुशोभित इस क्षेत्र में आपको आत्मिक और मानसिक सुकून मिलेगा। यहां श्री राम, लक्ष्मण, देवी सीता और भक्त हनुमान की मूर्तियां हैं। आसपास की हरियाली और शांत वातावरण पर्यटकों का मन मोह लेता है। इसके अलावा यहाँ पर्यटकों के लिए स्विमिंग पूल भी बनाया गया है जहाँ लोग नहाते हैं, अपनी थकान दूर करते हैं। और छुट्टी का मज़ा लेते हैं।यह पर्यटन व पर्यावरण शिक्षा तथा भ्रमण के लिये अनुकूल स्थान साबित हो रहा है। यहां पर रायगढ़, खरसिया, धर्मजयगढ़, बरमकेला, सारंगढ़, चंद्रपुर व जांजगीर जिले के स्कूली छात्र-छात्राएं भ्रमण के लिये लाए जाते हैं। इसलिए रामझरना स्कूली बच्चों का पसंदीदा स्थान भी माना जाता हैं।

* कैसे पहुंचें

राम झरना घूमने आप कभी भी किसी भी मौसम में जा सकते हैं। और वायु, सड़क या रेल मार्ग, किसी का भी चयन कर सकते हैं।

वायुमार्ग द्वारा

रायगढ़ एयरबेस सबसे पास का एयरबेस है जो की रामझरना से लगभग 15 किलोमीटर की दुरी पर है| राम झरना से सबसे निकतम हवाई अड्डा है बिलासपुर हवाई अड्डा जिसकी दूरी लगभग 135 किलोमीटर है I

सड़क मार्ग -

रामझरना राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 5 में स्थित है जो की रायगढ़ से खरसिया एवं बिलासपुर से होकर जाती है। रायगढ़ से बिलासपुर के मध्य बस सेवाएं बहुत अच्छी हैं जो कि भूपदेवपुर एवं रामझरना से होकर जाती हैं। रायगढ़ शहर से निजी वाहन अथवा नियमित परिवहन बसों द्वारा राम झरना तक सड़क मार्ग से आसानी से पंहुचा की जा सकता है। यहाँ आने के लिए आपको पक्की सड़क आसानी से मिल जाएगी। यह रायगढ़ शहर से लगभग 20 किलोमीटर व बिलासपुर शहर से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

रेल मार्ग - भूपदेवपुर स्टेशन यहाँ से लगभग 6 कि.मी. की दूरी पर सबसे पास स्थित रेलवे स्टेशन है। रायगढ़ स्टेशन करीब 20 किमी एवं खरसिया 15 किमी है।

*कहां ठहरें-रायगढ़ जिले में एनटीपीसी रेस्ट हाउस, फाॅरेस्ट रेस्ट हाउस, जिंदल गेस्ट हाउस, रायगढ़ व सारंगढ़ के रेस्ट हाउस आदि उपलब्ध हैं। निजी होटलों के भी अनेक ऑप्शन हैं।

* आसपास घूमने योग्य जगहें

गोमर्डा अभ्यारण्य – सारंगढ़ जिले में स्थित अभ्यारण्य है।जहाँ विभिन्न जंगली जानवर भालू, वनभैसा इत्यादि पाए जाते हैं। यह अभ्यारण्य 278 वर्ग किमी में फैला हुआ है और रायगढ़ के समीप ही है।

मंदिर – गौरीशंकर मंदिर ,श्याम मंदिर ,पहाड़ मंदिर जो जिला मुख्यालय से 20 किमी की दुरी में स्थित है। वही जांजगीर चांपा जिला के चंद्रहासिनी मंदिर की दुरी जिला मुख्यालय से 30 किमी की दुरी में स्थित है।

पुरातात्विक महत्व के स्थल-

ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण जगहें इस क्षेत्र में है। यहां सिंघनपुर, ओगना, करमागढ़ की पहाड़ियों तथा रायगढ़ के समीप कबरा पहाड़ प्रागैतिहासिक युग के मनुष्यों द्वारा निर्मित शैलचित्र पाये गये हैं। पुजारीपाली नामक गांव जो बरमकेला विकासखण्ड में है, पुरातातिवक दृष्टि से काफी प्रसिद्ध है।

अगर आप पौराणिक महत्व के और सुंदर प्राकृतिक स्थलों को देखने के शौकीन हैं तो रायगढ़ ज़रूर जायें और एक बार राम झरना अवश्य देखें। देश- प्रदेश से लोग यहां आते हैं। स्नान करते हैं, जलग्रहण करते हैं और अपने साथ भी ले यह पवित्र जल भर कर ले जाते हैं। क्योंकि माना जाता है कि इससे आंतरिक और बाहरी शारीरिक रोगों से राहत मिलती है।फिर बरसों से सुनी आ रही कथा में वर्णित मूल स्थान को प्रत्यक्षतः देखने का रोमांच तो अलग है ही।

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