PM Kusum Yojana 2024: खेतों में सोलर पंप लगाने पर मिलेगी 90% सब्सिडी और लोन, किसानों को देना होगा सिर्फ 10 फीसदी पैसा, बिजली बेचकर भी करें तगड़ी कमाई

पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों, पंचायत, सहकारी समितियों का समूह सोलर पंप लगाने के लिए आवेदन कर सकता है। इस योजना में शामिल लागत को 3 श्रेणियों में बांटा जाता है। केंद्र और राज्य सरकार किसानों को 60% की सब्सिडी देगी और 30% लोन के रूप में दिया जाएगा। किसानों को केवल प्रोजेक्ट की कुल लागत का 10% देना होगा। आइए जानते हैं योजना के बारे में...

Update: 2024-07-16 10:40 GMT

रायपुर, एनपीजी डेस्क। केंद्र सरकार किसानों के लिए प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) चला रही है। इसके तहत किसानों को अपने खेतों में सोलर पंप लगवाने के लिए सब्सिडी दी जाती है। भारत सरकार का उद्देश्य पीएम कुसुम योजना के माध्यम से किसानों की सिंचाई से संबंधित समस्याओं को दूर करना है।

देश के जो किसान सिंचाई पंपों को डीजल या पेट्रोल की मदद से चलाते हैं, अब उन पंपों को पीएम कुसुम योजना के तहत सौर ऊर्जा से चलाया जाएगा। पीएम कुसुम योजना के तहत सरकार 2 हॉर्स पावर से लेकर 5 हॉर्स पावर तक के सोलर पंप के लिए 90 फीसदी सब्सिडी किसानों को देती है। केंद्र और राज्य सरकार किसानों को 60% की सब्सिडी देगी और लागत का 30% लोन के रूप में सरकार द्वारा दिया जाएगा। किसानों को केवल प्रोजेक्ट की कुल लागत का 10% देना होगा।


सोलर पंप की मदद से किसान कर सकते हैं अपने खेतों की सिंचाई

केंद्र सरकार सोलर पैनल के माध्यम से किसानों को मुफ्त बिजली उपलब्ध करवाना चाहती है, ताकि किसान बिना बिजली के बिल की चिंता किए अपने खेतों की सिंचाई सोलर पंप की मदद से कर सकें। इस योजना के जरिए किसान को दोहरा फायदा होगा और उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी। वहीं अगर किसान अधिक बिजली बनाकर ग्रिड को भेजते हैं, तो उन्हें उसकी कीमत भी मिलेगी।

  • योजना- पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojana)
  • केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त रूप से देती है सब्सिडी
  • लाभार्थी- भारतीय किसान
  • आवेदन का तरीका- ऑनलाइन
  • आधिकारिक वेबसाइट- www.pmkusum.mnre.gov.in

किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को सिंचाई और डी-डीजलाइज करने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सुरक्षा अभियान उत्थान महाभियान (कुसुम) योजना शुरू की थी। PM-कुसुम योजना को मार्च 2019 में प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई और जुलाई 2019 में दिशा-निर्देश तैयार किए गए। ये योजना नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRI) द्वारा पूरे देश में सौर पंप और अन्य नए ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए शुरू की गई थी।


PM Kusum Yojana का उद्देश्य

भारत में कई राज्यों में पानी की बेहद कमी है। सूखे के चलते वहां खेती को भारी नुकसान पहुंचता है। किसानों की इसी परेशानी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम कुसुम योजना शुरू की। योजना का मुख्य लक्ष्य देश के किसानों को बिजली मुफ्त में देना है। इस योजना के तहत किसानों को सोलर पैनल की सुविधा देना है, ताकि वे अपने खेतों को आसानी से सींच सकें।

पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों, पंचायत, सहकारी समितियों का समूह सोलर पंप लगाने के लिए आवेदन कर सकता है। इस योजना में शामिल कुल लागत को 3 श्रेणियों में बांटा जाता है, जिसमें सरकार किसानों की मदद करेगी। सरकार किसानों को 60% की सब्सिडी देगी और लागत का 30% लोन के रूप में सरकार द्वारा दिया जाएगा। किसानों को केवल प्रोजेक्ट की कुल लागत का 10% देना होगा।


सब्सिडी केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार द्वारा दी जाती है। हर राज्य में सब्सिडी का रेश्यो अलग होता है। सोलर प्लांट लगाने के लिए किसान को 4 से 5 एकड़ जमीन की जरूरत होती है। ऐसे में वो इस पंप के जरिए एक साल में 15 लाख बिजली यूनिट बना सकते हैं। किसान इस बिजली को बेचकर अच्छी इनकम कर सकते हैं। बिजली बेचने के बाद मिले धन का उपयोग नए व्यवसाय को शुरू करने के लिए किया जा सकता है।

PM-कुसुम योजना के 3 भागों के बारे में जानें

भाग A-

  • योजना के तहत श्रमिक 10,000 मेगावाट विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना करेंगे, जो बंजर भूमि पर ग्रिड से जुड़े हैं।
  • ये ग्रिड किसानों, सहकारी समितियों, किसानों के समूह, पंचायतों, जल उपयोगकर्ता संघों (WUA) और किसान उत्पादक संगठनों (FPO) द्वारा स्थापित होंगे।
  • बिजली परियोजनाओं को उपस्टेशन के 5 किलोमीटर के दायरे में सेट किया जाएगा।

भाग B-

  • इस योजना के तहत, किसानों को सौर कृषि पंप स्थापित करने के लिए 17.50 लाख रुपए दिए जाएंगे।
  • डीजल कृषि पंपों को बदलने के लिए पंपों की क्षमता 7.5 एचपी तक होगी।
  • क्षमता 7.5 एचपी से अधिक हो सकती है, लेकिन आर्थिक सहायता केवल 7.5 एचपी की क्षमता के लिए दी जाएगी।

भाग C- 

  • ये योजना 10 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से चलाने को लेकर है। अलग-अलग किसानों को ग्रिड पंप के लिए सोलराइज पंपों के लिए फंड दिया जाएगा।
  • पूर्व निर्धारित टैरिफ पर भारत की वितरण कंपनियों (DISCOMs) को अतिरिक्त सौर ऊर्जा बेची जाएगी।
  • उत्पादित सौर ऊर्जा का उपयोग करके सिंचाई की जरूरतों को पूरा किया जाएगा।

PM Kusum Yojana के लिए कौन पात्र हैं?

  • आवेदक भारतीय नागरिक हो।
  • 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट क्षमता तक के सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए आवेदन किया जा सकता है।
  • आवेदक द्वारा अपनी भूमि के अनुपात में 2 मेगावाट क्षमता या फिर वितरण निगम द्वारा अधिसूचित क्षमता (दोनों में से जो भी कम हो) के लिए आवेदन कर सकता है।
  • हर मेगावाट के लिए लगभग 2 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी।
  • इस योजना के तहत खुद के इन्वेस्टमेंट से प्रोजेक्ट के लिए किसी भी तरह की वित्तीय योग्यता की आवश्यकता नहीं है।
  • अगर आवेदक द्वारा किसी विकासकर्ता के माध्यम से प्रोजेक्ट विकसित किया जा रहा है, तो विकासकर्ता की नेटवर्थ 1 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट होनी अनिवार्य है।

योजना के लिए इन दस्तावेजों की होगी जरूरत

  • आधार कार्ड
  • राशन कार्ड
  • रजिस्ट्रेशन की कॉपी
  • ऑथराइजेशन लेटर
  • जमीन की जमाबंदी की कॉपी
  • चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा जारी नेटवर्थ सर्टिफिकेट (विकासकर्ता के माध्यम से प्रोजेक्ट विकसित करने की स्थिति में)
  • मोबाइल नंबर
  • बैंक खाता विवरण
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ

कुसुम योजना के लाभार्थी

  • किसान
  • किसानों का समूह
  • सहकारी समितियां
  • पंचायत
  • किसान उत्पादक संगठन
  • जल उपभोक्ता एसोसिएशन

पीएम कुसुम योजना के लाभ

  • किसानों को रियायती दर पर सोलर पैनल उपलब्ध कराया जाता है, जिससे वे बिजली पैदा कर सकते हैं।
  • केंद्र सरकार ने ऐसे सौर संयंत्रों का निर्माण शुरू किया है, जो 28,250 मेगावाट बिजली पैदा कर सकते हैं।
  • इसे किसान अपने खेत या बंजर जमीन पर लगवा सकते हैं।
  • इस योजना में केंद्र सरकार 30% और राज्य सरकार 30% सब्सिडी देगी यानि योजना के तहत किसानों को सौर पंपों पर लगभग 60% की सब्सिडी प्राप्त होगी और यह सब्सिडी DBT का उपयोग कर इन किसानों के बैंक खातों में सीधे जमा की जाएगी।
  • केंद्र और राज्य सरकारें इस सब्सिडी राशि को साझा करेंगी, जबकि राशि का 30% किसानों को ऋण के रूप में प्रदान किया जाएगा। ये लोन कृषि उपभोक्ताओं को नाबार्ड या अन्य बैटिंग संस्थान द्वारा फाइनेंस करवाए जाएंगे।
  • केवल 10% लागत किसानों को वहन करना होगा।
  • डीजल और केरोसिन पर निर्भरता कम होगी।
  • किसान अतिरिक्त बिजली को बेच सकेंगे।
  • किसानों की बंजर भूमि का उपयोग लगभग 10000 मेगावाट सौर संयंत्र स्थापित करने के लिए किया जाएगा।
  • इन बंजर भूमि पर स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों का इस्तेमाल करके उत्पन्न अतिरिक्त बिजली राज्य बिजली वितरण कंपनियों द्वारा खरीदी जाएगी, जिन्हें DISCOMS भी कहा जाता है।
  • DISCOMS इस बिजली को खरीदने के लिए सब्सिडी भी ले सकेंगे।
  • आवेदक के पास आवेदन के समय आधार कार्ड और बैंक खाता होना अनिवार्य है।
  • सरकार द्वारा आवेदक के खाते में सब्सिडी की राशि भेजी जाएगी।
  • इसके अलावा किसान डिस्कॉम और बैंक के साथ थर्ड पार्टी एग्रीमेंट साइन किया जाएगा। किसान द्वारा बेची गई बिजली की कमाई को दो हिस्सों में बांटा जाएगा।
  • पहला हिस्सा उपभोक्ता का और दूसरा हिस्सा लोन की किस्त का होगा।
  • इस योजना के माध्यम से किसानों तक बिजली पहुंचेगी और बंजर जमीन से पैसे कमाए जा सकेंगे।

आवेदन का तरीका

  • आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है।
  • वेबसाइट का होम पेज आपकी स्क्रीन पर खुल जाएगा।
  • होम पेज पर आपको Kusum Yojana के लिए आवेदन करें के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
  • अब आपको होम पेज ऑनलाइन आवेदन के ऑप्शन पर क्लिक करना है।
  • इसके बाद एक नया पेज खुल जाएगा।
  • जहां पर आपको अपनी सभी जरूरी जानकारी भरनी है।
  • इसके बाद आपको दी गई जानकारी को चेक करना है।
  • फिर सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करना है।
  • इस तरीके से आप सफल आवेदन कर सकते हैं।
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