CG NEWS: छत्तीसगढ़ के पहाड़ी कोरवाओं को मिल रह न्याय योजना का लाभ, नौकरियां भी दी जा रही, 115 को सहायक शिक्षक की नौकरी

Update: 2022-12-13 07:36 GMT

जशपुर। विशेष जनजाति पहाड़ी कोरवाओं को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के न्याय योजना का लाभ मिल रहा। वहीं, डीएमएफ से उनके लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें रोजगार भी शामिल है। कलेक्टर जशपुर द्वारा ली गई विडियों कॉन्फ्रेंसिंग में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना से लाभान्वित श्री मसरी एवं श्री रूपन राम ने बताया कि उन्हें दो किस्तों में दो-दो हजार राशि प्राप्त हुई है। अब तक दोनों हितग्राहियों के खाते में 4-4 हजार रुपए मिल है। यह राशि उनके परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम आ रही है।

पहाड़ी कोरवा विशेष विछड़ी जनजाति से ताल्लुक रखने वाले श्री मसरी और श्री रूपन राम बगीचा विकासखण्ड में क्रमशः ग्राम कुरूमढोड़ा और गासेबध के रहने वाले है। इन्हें राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन योजना के तहत् दो किश्तों में दो-दो हजार रूपए की राशि मिली है। इन लोगों का कहना है कि यह योजना वाकई में गरीबों के लिए अच्छी योजना है। उन्होंने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार भी व्यक्त किया। विडियों कॉन्फ्रेंसिंग में श्री मसरी और श्री रूपन राम ने बताया कि उन्हें उचित मूल्य दुकान के माध्यम से हर माह राशन नियमित रूप से मिल रहा है। उनका बैंक खाता भी खोला गया है, इस खाते के माध्यम से उन्हें राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याया योजना के तहत् राशि मिली है। श्री मसरी ने बताया कि उनके पिता श्री लुबरी को वृद्धावस्था पेंशन का भी लाभ मिल रहा है। इसी प्रकार श्री रूपन राम ने बताया कि उन्हें गांव में ही मनरेगा के तहत् रोजगार मिल रहा है। वे हर माह उचित मूल्य की दुकान से राशन का उठाव करते हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन श्रमिक परिवार के तहत पात्र हितग्राहियों की संख्या 04 लाख 66 हजार है। इनमें से प्रत्येक हितग्राही को 07 हजार रूपए की वार्षिक सहायता दी जाती है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में योजना के हितग्राहियों को 02 किस्तों में 221.88 करोड़ रूपए दिए गए हैं।

इस योजना से लाभान्वित होने के लिए हितग्राहियों को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना चाहिए और साथ ही संबंिधत परिवार के पास कृषि भूमि भी नहीं होनी चाहिए। इसके अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक और राज्य के आदिवासी अंचलों में देव स्थलों पर पूजा करने वाले, मांझी, चालकी, गायता, सिरहा, बैगा गुनिया, पुजारी, हाट पहरिया, बाजा मोहरिंया इत्यादि को हितग्राहियों के अंतर्गत शामिल किया गया है।

पिछले दो साल में जिला खनिज न्यास निधि से 115 विशेष पिछडी पहाड़ी कोरवा जनजाति के शिक्षित युवक युवतियों को अतिथि शिक्षक की नौकरी दी गईं है। इसके अतिरिक्त पूर्व में 36 को शिक्षक, तृतीय श्रेणी के पदों पर 23, चतुर्थ श्रेणी (नियमित) 33, चतुर्थ श्रेणी (कंटीजेंसी) 221 पदों पर भर्ती की गईं है। अब तक पहाड़ी कोरवा समुदाय के कुल 428 शिक्षित युवक युवतियों को शासकीय नौकरी में नियुक्ति प्रदान कर उनके जीवन में खुशियों का नया रंग भर दिया गया है।

जिला प्रशासन की सोंच है कि विशेष पिछडी पहाड़ी कोरवा जनजाति के बदलाव और उनके उत्थान का एकमात्र रास्ता शिक्षा है जिसके माध्यम से वे विकास के अनेक सोपान तय कर सकते है इसके लिए आदिम जाति विकास विभाग द्वारा उनके लिए छात्रावास आश्रम की स्थापना की गईं है। जिसमें वर्तमान में कुल 850 बालक बालिका है। पहाड़ी कोरवा समुदाय के बच्चों के लिए पृथक से पहाड़ी कोरवा आवासीय विद्यालय रूपसेरा में स्थापित है जहाँ कक्षा 1ली से 10 तक प्रत्येक कक्षा में 10 बालक और 10 बालिकाओं के लिए सीट स्वीकृत है जिसमें 200 सीटें स्वीकृत है। इसके अतिरिक्त भी कई अन्य स्कूलों में पहाड़ी कोरवा बच्चे अध्ययनरत है। पहाड़ी कोरवा बालिकाओं के लिए तीन कन्या एवं एक बालक आश्रम को आदर्श आश्रम के रूप में विकसित किया गया है।जिले के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में कुल 71 बच्चे, प्रयास आवासीय में 2 बच्चे अध्ययनरत है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के महत्वकांक्षी योजना स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बगीचा में वर्तमान में 12 बच्चे अध्ययन कर रहे है। जो यह प्रदर्शित कर रहा है कि जिला प्रशासन के द्वारा पहाड़ी कोरवा समुदाय के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की दिशा में किये जा रहे प्रयास अब सफल हो रहे हैं। अन्य शासकीय स्कूलों में वर्तमान में 1652 छात्र छात्राएं कक्षा 1से 12 तक अध्यनरत कर रहे है। अब तक 91 पहाड़ी कोरवा बसाहटो में विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया है जिसमें 2439 पहाड़ी कोरवा मरीजों को लाभान्वित करते हुए आवश्यकतानुसार औषधि वितरण किया गया है एवं उनमें बीमारियों के रोकथाम के लिए जागरूकता लाई जा रही है। विशेष पिछडी जनजाति पहाड़ी कोरवाओं के विभिन्न योजनाओं के तहत लाभान्वित किया गया है जिसमें पूरक पोषण आहार में 4377, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में 856, अतिरिक्त पोष्टिक आहार से लाभान्वित 3168, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना 571, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में 06 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है।

पहाड़ी कोरवाओं की जीविका का मुख्य आधार क़ृषि है,उन्हें उन्नत एवं आधुनिक खेती की दिशा में वे धीरे से आगे बढ़ें। इसके लिए जिला प्रशासन पहाड़ी कोरवाओं को आधुनिक क़ृषि के लिए प्रशिक्षित एवं जागरूक कर रहा है जशपुर जिले के इस जनजातीय समुदाय के लिए डबरी निर्माण, भूमि सुधार, कुंआ निर्माण, जैसे कार्य किये जा रहे है। सौर सूजला योजनातर्गत पहाड़ी कोरवाओं को 44 सोलर पम्प उपलब्ध कराये गए है। साथ ही सब्जी एवं मसाला मिनी किट,स्प्रिंकलर सेट भी प्रदान किया गया है। जिसके माध्यम से उन्होंने उन्नत कृषि से अपनी आय में बढ़ोतरी भी की है। वर्तमान में उन्हें चाय कॉफी की खेती की दिशा में भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। पहाड़ी कोरवा परिवार के सदस्यों को 697 व्यक्तियों को 535.708 हेक्टेयर व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, 421 को 10747.216 हेक्टेयर वन अधिकार पत्र एवं 48 को 20164.577 हेक्टेयर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र भी वितरित किया गया है।

पहाड़ी कोरवाओं जनजातीय परिवार के युवाओं को आर्थिक विकास के लिए स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास जिला प्रशासन के द्वारा किया गया है।



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