नरक चतुर्दशी पर करते हैं हनुमान जी की पूजा,जानिए इस दिन कैसे करेंगे बजरंगबली को प्रसन्न

Update: 2022-10-07 01:30 GMT

NPG डेस्क I  नरक चतुर्दशी पर हनुमान जयंती : बजरंग बली हनुमान जी की जयंती नरक चतुर्दशी को धूमधाम से मनाई जाती है। वैसे हनुमान जी की जयंती चैत्र के महीने में भी मनाई जाती है। माना जाता है कि उनकी आराधना करने वाले भी अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों की प्राप्त कर सकते हैं। हनुमान जयंती पर हनुमान जी के मंदिरों की भव्य सजावट की जाती है और हनुमान जी की विग्रह को विशेष वस्त्राभूषणों से सुसज्जित कर उनकी पूजा की जाती है।

नरक चतुर्दशी पर इन उपायों से प्रसन्न होते हैं बजरंग बली

बजरंग बली के सामने रात्रि को चौमुखी दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से घर-परिवार में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं।

पीपल पेड़ के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

हनुमान जी का विधिवत शृंगार करने से पूरे साल उनकी कृपा बनी रहती है।-श्रीरामचरित मानस का पाठ करने या सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं।

हनुमान मंदिर जाएं और अपने साथ एक नारियल ले जाएं। मंदिर के अन्दर पहुंचकर नारियल अपने सिर से 7 बार उतार लें। बाद में यह नारियल हनुमान जी के सामने फोड़ दें। ऐसे करने से आपकी हर बाधा दूर हो जायेगी।

बजरंग बली को सिन्दूर और तेल अॢपत करें। जिस प्रकार विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए मांग में सिन्दूर लगाती है, उसी तरह हनुमान जी भी अपने स्वामी श्रीराम को प्रसन्न करने के लिए पूरे शरीर में सिन्दूर लगाते हैं। हनुमान जी को सिन्दूर अॢपत करने वाले भक्तों की कामनाएं पूर्ण होती है।

हनुमान जयंती के दिन नारियल पर स्वस्तिक बनाकर हनुमान जी को अॢपत कर दें। ऐसे करने से रोग दूर होते हैं।

हनुमान जी को गुलाब की माला चढ़ाएं। फिर मंदिर में चढ़ा हुआ गुलाब का एक फूल पुजारी से मांग लें। उसे लाल कपड़े में बांधकर अपने लॉकर में रख लें। ऐसा करने से धन की वृद्धि होती है।

पीपल के पत्तों पर लाल चंदन व कुमकुम से श्रीराम नाम लिखें। फिर इन पत्तों की माला बनाकर हनुमान जी को अॢपत कर दें। इससे शत्रुओं का शमन होता है और प्रगति होती है।

-मंदिर में बैठकर पूरी श्रद्धा के साथ रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करने से घर-परिवार में आने वाले संकटों से मुक्ति मिलती है। दुर्घटनाओं से हनुमान जी आपकी रक्षा करते हैं।

-उक्त सारे उपाय सुबह स्नान करने के पश्चात करने से विशेष फल मिलता है।

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