ग्रामीण युवाओं के सपनों को मिला आयाम, ग्रामीण औद्योगिक पार्क के जरिये ग्रामीण युवा उद्यमियों को मिल रहा स्वरोजगार...

Update: 2023-08-23 07:37 GMT

रायपुर 23 अगस्त 2023। ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा ग्रामीण औद्योगिक पार्क यानी रीपा प्रारंभ किया गया हैं। जिसके माध्यम से ग्रामीण एवं युवाओं को लघु उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित करना है। रीपा के प्रारंभ होने से जहां शिक्षित युवा, बेरोजगार, ग्रामीण सभी को रीपा में व्यवसाय प्रारंभ करने का अवसर मिल रहा है। वही स्व-सहायता समूहों की महिलाओं और अन्य युवाओं को रोजगार के साथ स्थानीय स्तर पर आय के अच्छे अवसर भी मिल रहे हैं।


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने के लिए गांव के गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। जहां विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। ग्रामीण आजीविका पार्क में ग्रामीणों को आजीविका संवर्धन के लिए शासन की ओर से मूलभूत सुविधाएं, आधारभूत संचरना जैसे आंतरिक सड़क, विद्युत, जल एवं नाली व्यवस्था, वर्कशेड, भण्डारण, प्रशिक्षण, मार्केटिंग सपोर्ट, तकनीकी मार्गदर्शन इत्यादि उपलब्ध कराए जा रहे हैं। योजना में इच्छुक स्थानीय युवाओं, स्व-सहायता समूहों का चिन्हांकन कर उद्यमियों को बिजनेस प्लान के आधार पर मशीनरी तथा बैंक से ऋण, विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पात्रतानुसार अनुदान, सब्सिडी अथवा शून्य ब्याज दर पर ऋण लेने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है जिससे गौठानों में स्थापित ग्रामीण औद्योगिक केन्द्रों में काम करने वाले ग्रामीण युवा उद्यमियों के सपनों को एक नया आयाम मिल रहा है।


इंडस्ट्रियल पार्क बने आय के साधन

महासमुंद जिले के बिरकोनी गौठान में महिला स्व-सहायता समूह दोना पत्तल बनाने के काम से जुड़कर आमदनी में वृद्धि कर आत्मनिर्भर बन रही है। नारी शक्ति स्व-सहायता महिला समूह में 10 महिलाएं है। पहले समूह की महिलाएं सिर्फ पैसा बचत करने तक ही सीमित थी। लेकिन हाल ही में बिरकोनी गौठान में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) के अंतर्गत स्थापित उद्यम महिलाओं ने दोना पत्तल बनाने का काम शुरू किया। समूह की ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर (बीपीएम) सुश्री रेखा रानी नगपुरे ने बताया कि पहले यह कार्य ग्राम संगठन द्वारा किया जाता था। ग्रामीण आजीविका मिशन से मदद मिली वहीं अब रीपा के तहत स्थापित दोना पत्तल मशीन के आ जाने से काफी सहूलियत हुई है। हाल ही में रीपा में दोना पत्तल की मशीन लगायी गयी है। प्रशासन से प्रशिक्षण के बाद काम शुरू किया गया है। अभी गांव व आसपास के क्षेत्रों में होने वाली शादी में 25 हज़ार से ज़्यादा दोना-पत्तल बेच कर 15 हज़ार रूपए का मुनाफ़ा हुआ है। समूह द्वारा तैयार किया गया दोना पत्तल की मांग आसपास के गांव तथा शहर में की जा रही है। समूह की महिलाओं ने कहा उनका दोना पत्तल का काम काफी अच्छे से चल रहा है। इससे समूह को काफी फायदा हो रहा है।


सुधर गई आर्थिक स्थिति

रायगढ़ जिले के 7 ब्लॉकों में कुल 14 रीपा प्रारंभ किए गए है, जिसमें से रीपा तमनार भी एक है। यहां स्थानीय युवाओं, ग्रामीणों द्वारा औद्योगिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इससे व्यवसाय के साथ अन्य लोगों को भी रोजगार मिल रहा है। जिले में रीपा के अंतर्गत फ्रेब्रिकेशन, कंप्यूटर सेंटर, आटा-चक्की, दाल मिल, तेल मिल, फेंसिंग तार, एल्मूनियम सेक्शन, सिलाई, फ्लाई ऐश ब्रिक्स, सीमेंट पोल जैसी विभिन्न गतिविधियां संचालित कर अच्छी आय अर्जित की जा रही है। उद्यमियों के लिए व्यवसाय के अनुकूल बनाने रीपा में शासन द्वारा शेड, आधारभूत संरचना, विद्युत, पानी, रोड जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध की गई है। जिससे रीपा के माध्यम से लघु उद्योग को बढऩे का मौका मिल रहा है। रीपा की गतिविधियों के संचालन से स्थानीय लोगों को रोजगार से अच्छी आय प्राप्त हो रही है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी हो रही है।


ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा मिल रहा

बिलासपुर जिले के बिल्हा ब्लॉक के ग्राम पंचायत धौरामुड़ा में बांस कारीगरी हेतु इकाई की स्थापना की गई है, जिसका संचालन गांव के मंदराम टेकाम कर रहे है। इस इकाई में ग्रामीण युवा सदस्य भी कार्य कर रहे है। इन युवाओं द्वारा ट्री गार्ड बनाने का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में इन्हें वन विभाग बिलासपुर द्वारा 3 लाख रूपये के 6 हजार ट्री गार्ड का ऑर्डर मिला है एवं लगभग 2 हजार ट्री गार्ड युवाओं द्वारा बनाया लिया गया है। इस योजना ने ग्रामीण युवाओं को सीधे तौर पर रोजगार उपलब्ध कराया और साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त होकर आत्मनिर्भर बनने की राह में अग्रसर किया। शासन की इस कल्याणकारी योजना ने युवाओं को मजदूर से एक सफल उद्यमी बना दिया है। मंदराम टेकाम बताते हैं कि राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना रीपा से ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा मिल रहा है। ग्रामीण स्तर पर ही युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो रहे है। दूसरे राज्य की ओर पलायन करने वाले ग्रामीण अब रीपा के माध्यम से गांव में ही अच्छी आय प्राप्त कर रहे है।


घर के पास ही मिल गया रोजगार

कोरबा जिले के चिर्रा में स्थापित ग्रामीण औद्योगिक पार्क में चंद्रमुखी समूह द्वारा गुणवत्तायुक्त फ्लाई एश ब्रिक्स का निर्माण किया जा रहा है। ब्रिक्स यूनिट के माध्यम से महिला समूह के साथ ही अन्य ग्रामीणों को भी रोजगार मिला है। समूह के सदस्यों द्वारा प्रतिदिन 4 से 5 हजार नग ईंट का निर्माण किया जा रहा है। मुख्य सड़क मार्ग से लगे इस रीपा में ईंट निर्माण का कार्य देखकर आसपास के गांव के लोगों द्वारा अपनी आवश्यकता अनुसार समूह को ईंट का आर्डर दे रहे हैं। चिर्रा से लगे कुदमुरा, एलोंग, तौलीपाली, सिमकेंदा, गुरमा के ग्रामीणों द्वारा अब तक 70 हजार से अधिक का फ्लाई एश ब्रिक्स का आर्डर दिया जा चुका है। फ्लाईएश ब्रिक्स के विक्रय से 02 लाख रूपए से अधिक की आय समूह को प्राप्त होगी, जिसका उपयोग शासकीय भवन तथा अन्य निर्माण के लिए किया जाएगा। समूह की महिलाओं ने बताया प्रारंभिक स्तर पर ही शासकीय एवं निजी निर्माण कार्यों में उनके ईंट की लगातार मांग बढ़ती जा रही है, जिसके विक्रय से समूह को अच्छी आमदनी प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि विगत दिनों निर्मित 20 हजार फ्लाई एश ब्रिक्स का अमलडीहा पंचायत द्वारा क्रय किया गया है, जिससे समूह कों 60 हजार रूपए मिले हैं। ईंट निर्माण की अच्छी मांग से उत्पादक दीदी व युवाओं में उत्साह व आत्मविश्वास का संचार हो रहा है और वे अधिक ऊर्जा के साथ ईंट निर्माण कर रहे हैं।


रीपा ने खत्म की सारी दिक्कतें

रीपा तमनार में एल्मूनियम सेक्शन का कार्य करने वाले राकेश साव कहते है, पहले तमनार में उनका शॉप था, पर्याप्त जगह की कमी, ध्वनि प्रदूषण से अन्य लोगों को परेशानी से काम प्रभावित होता था। लेकिन आज रीपा में काम करने से सारी दिक्कतें खत्म हो गई है, आज यहां दिन भर काम कर सकतें है, जिससे उत्पादन बढ़ा है। पहले वो डिमांड की पूर्ति नहीं कर पाते थेए लेकिन आज वे डिमांड की पूर्ति कर पा रहे है। काम के बढऩे से आज वे अन्य 8-10 लोगो को रोजगार दे रहे है एवं गत माह उन्होंने 5 लाख से अधिक का व्यवसाय किया था। इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त प्रभात पटनायक रीपा में फेब्रिकेशन का कार्य करते है, पहले जगह काम होने से कार्य प्रभावित होता था, लेकिन रीपा में कच्चा मटेरियल रखने के लिए पर्याप्त जगह है, उनकी कार्य क्षमता बढ़ा है। जिससे अन्य 5 लोगों को रोजगार दिए है। वे राजीव युवा मितान क्लब के सदस्य भी है, जिससे वे सामाजिक गतिविधियों में भी जुड़े रहते है। इसी प्रकार श्री श्याम सुंदर शिक्षण समिति तमनार के श्रीमती गंगा दिलीप साव बताते है कि वे रीपा में कंप्यूटर प्रशिक्षण सेंटर का संचालन कर रहे है। वर्तमान में बच्चों की संख्या अच्छी है, लेकिन वे मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से जुड़कर बच्चों को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करना चाहते है, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को कंप्यूटर प्रशिक्षण का लाभ मिल सके।

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