PM Awas Yojana: CM विष्णुदेव साय के प्रयासों से गरीब परिवारों को मिल रहा अपना पक्का मकान, छत्तीसगढ़ में रोशनी की किरण बनकर आई प्रधानमंत्री आवास योजना...
PM Awas Yojana:
PM Awas Yojana: रोटी, कपड़ा और मकान जीवन की आधारभूत आवश्यकताओं में से एक है। समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपने परिवार को सभी मौसम (गर्मी, ठंड और बरसात) से बचाते हुए लगातार प्रयासरत रहता है कि वह परिवार की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकुशल जीवन यापन कर सके। अपने परिवार को सुरक्षित रखने और समाज में जीवन स्तर को बेहतर बनाए रखने के लिए खुद का पक्का घर भी बहुत जरूरी है। ग्रामीण अंचलों में लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने के कारण पक्का घर बनाने का सपना जल्द पूरा नहीं हो पता है।
मैदानी क्षेत्र से लेकर वनांचल एवं दुर्गम स्थानों में रहने वाले ग्रामीण भाई बहनों को अपने आशियाने के लिए परेशान ना होना पड़े और उन्हें सम्मान व सुरक्षा के साथ सुखद जीवन देने का सपना छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने देखा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर अल्प समय में आवास स्वीकृत होकर निर्माण का वृहद अभियान लगातार चल रहा है और अब योजना के सकारात्मक नतीजे भी सबके सामने है जिसमे हजारों ग्रामीण आवासहीन परिवार अपने पक्के आवास में परिवार सहित सकुशल जीवन यापन कर रहे हैं।
सरगुजा में प्रधानमंत्री आवास योजना ने बदली निम्हा गांव के घासी राम की जिंदगी
सरगुजा जिले के जनपद पंचायत लखनपुर के ग्राम पंचायत निम्हा के निवासी घासी राम का जीवन कभी गरीबी, अभाव और कच्चे मकान की छत के नीचे संघर्ष में बीत रहा था। परिवार की आजीविका खेती-बाड़ी और दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर थी। सीमित संसाधनों और कृषि योग्य भूमि के अभाव में आर्थिक स्थिति कमजोर रही, जिसके कारण वर्षों से पक्के घर का सपना अधूरा था।
शासन प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने घासी राम के जीवन में उजाला भर दिया। वर्ष 2024-25 में उन्हें इस योजना के तहत आवास स्वीकृत हुआ। किस्तों में मिली राशि से उन्होंने मेहनत और लगन से अपना सपना साकार किया और आज उनका परिवार एक मजबूत, सुंदर और सुरक्षित पक्के मकान में रह रहा है। घासी राम बताते हैं कि पहले बरसात के दिनों में टपकती छत और मिट्टी की दीवारें चिंता बढ़ा देती थीं, लेकिन अब हमारा घर मजबूत और सुरक्षित है। सरकार की योजनाओं ने हमें नई उम्मीद दी है।
उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत मिला शौचालय अब परिवार की स्वच्छता और सम्मान की पहचान बन गया है। उज्ज्वला योजना से प्राप्त एलपीजी गैस कनेक्शन ने रसोई को धुएं से मुक्त कर दिया और परिवार की महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ और सुविधा मिली है। उन्होंने बताया कि सौभाग्य योजना के तहत मिला बिजली कनेक्शन आज उनके घर को रोशन कर रहा है।
शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं के संयोजन ने न केवल घासी राम के परिवार को स्थायित्व दिया, बल्कि आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन की दिशा में भी अग्रसर किया।
उन्होंने शासन की योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि अब हमारे बच्चों के सिर पर पक्की छत है, उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना सहित शासन की अन्य योजनाओं का आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) आज ग्रामीण भारत के गरीब परिवारों के लिए आवास से आत्मसम्मान तक का सेतु बन चुका है और घासी राम की कहानी इसी परिवर्तन की सशक्त मिसाल है।
पति के निधन के बाद भी नहीं टूटा हौसला, पीएम आवास योजना ने दिलिन बाई के सपना को दिए पंख
जांजगीर-चांपा जिले के जनपद पंचायत बम्हनीडीह अंतर्गत ग्राम पंचायत सिलादेही की ग्राम मौहाडीह निवासी 85 वर्षीय दिलिन बाई पटेल, पति स्व. कन्हैया लाल पटेल का जीवन उतार-चढ़ाव से गुजरते हुए आज एक नई प्रेरणा बन गई हैं।
कभी अपने पति के साथ एक पक्के घर का सपना देखने वाली दिलिन बाई के लिए पति का निधन जीवन की सबसे कठिन समय था। उन्हें लगा कि अब उनका आशियाना अधूरा रह जाएगा। परंतु प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने उनके उस अधूरे सपने को पूरा किया। सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 की स्थायी प्रतीक्षा सूची में नाम होने के कारण ग्राम सभा द्वारा वर्ष 2024-25 में उनका चयन हुआ।
जनपद पंचायत बम्हनीडीह द्वारा प्रस्ताव स्वीकृत होने पर जिला पंचायत जांजगीर-चांपा से स्वीकृति मिली। प्रथम किश्त के रूप में 40 हजार मिलने के बाद उन्होंने उत्साह के साथ घर का निर्माण प्रारंभ किया। तत्पश्चात द्वितीय किश्त 55 हजार एवं तृतीय किश्त 25 हजार प्राप्त कर उन्होंने अपने पति के सपनों को मूर्त रूप दिया। निर्माण में मनरेगा के तहत 90 दिवस की मजदूरी से भी उन्हें सहारा मिला। दिलिन बाई भावुक होकर कहती हैं मेरे पति का सपना था कि हम पक्के घर में रहें। आज वह सपना प्रधानमंत्री आवास योजना से पूरा हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत उन्हें मुफ्त गैस कनेक्शन मिला, जिससे अब वे धुएं से मुक्त होकर गैस चूल्हे पर भोजन बनाती हैं। साथ ही स्वच्छ भारत मिशन, विधवा पेंशन योजना और महतारी वंदना योजना से उन्हें अतिरिक्त सहयोग मिला है। दिलिन बाई आज सम्मानपूर्वक, सुरक्षित और स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रही हैं। कच्चे घर से पक्के जीवन की ओर दिलिन बाई की प्रेरणादायक कहानी हर महिला के हौसले की मिसाल है।
जशपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना से साकार हुआ पक्के घर का सपना
जिले के बगीचा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले सन्ना गांव की रहने वाली महंती बेक का वर्षों पुराना सपना अब साकार होने की राह पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत उनके पति सुनील के नाम से पक्के मकान की स्वीकृति मिली है, जिसका निर्माण कार्य इन दिनों तेजी से प्रगतिरत है। मिट्टी और टिन की झोपड़ी में जीवन बिताने वाली महंती बेक अब अपने नए पक्के घर की दीवारें खड़ी होते देख खुश हैं।
महंती बेक बताती हैं कि “हमारा जीवन कठिनाइयों से भरा रहा। मैं और मेरे पति रोज़ मजदूरी करके किसी तरह घर का खर्च चलाते हैं। दो छोटे बच्चों की परवरिश के साथ पक्का घर बनाना हमारे लिए एक सपना ही था। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना ने यह सपना पूरा कर दिया।”
वे बताती हैं कि इस योजना के तहत उन्हें आर्थिक सहायता मिली, जिससे घर का निर्माण कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ा। सरकार की योजनाओं ने उनके जीवन में स्थायित्व और सम्मान की भावना दी है।
महंती बेक आगे कहती हैं कि “महतारी वंदन योजना के माध्यम से मुझे 1000 प्रतिमाह की सहायता मिलती है, जिससे बच्चों की जरूरतें पूरी करने में बड़ी मदद मिलती है। उज्ज्वला योजना से गैस सिलेंडर मिलने के बाद अब खाना पकाने में आसानी होती है।”
महंती बेक कहती हैं कृ “पहले बरसात में छत टपकती थी, सर्दी में हवा अंदर आती थी, गर्मी में मिट्टी की दीवारें झुलसाती थीं। अब जल्द ही हम अपने नए पक्के घर में रहेंगे। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की हृदय से आभारी हूँ, जिन्होंने हम गरीबों के लिए घर का सपना साकार किया।”
नियद नेल्ला नार ग्राम में रोशनी की किरण बनकर आई प्रधानमंत्री आवास योजना
सुदूर नक्सल प्रभावित ग्राम नियद नेल्लानार (संतोषपुर) में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने विकास की नई उम्मीद जगाई है। यह योजना वहां के लोगों के जीवन में रोशनी की किरण बनकर आई है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने लखमू जैसे अनेक परिवारों को न केवल पक्का घर दिया है, बल्कि आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता की नई राह भी दिखाई है। यह योजना अब ग्रामीणों के जीवन में स्थायी बदलाव लाने का माध्यम बन चुकी है।
उल्लेखनीय है कि पहले बीजापुर जिले के दूरस्थ नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन संभव नहीं हो पाता था, लेकिन अब स्थिति बदल रही है। वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्राम नियद नेल्ला नार में स्वीकृत आवासों में से 18 आवासों का निर्माण पूरा हो चुका है। गांव में तेजी से निर्माण कार्य जारी है और लोगों के चेहरों पर विश्वास और सुरक्षा की नई चमक दिखाई दे रही है।
संतोषपुर निवासी लखमू पनिका इस योजना के प्रमुख लाभार्थियों में से एक हैं। वे बताते हैं कि उनकी पत्नी का निधन हो चुका है और वे अपने बेटे-बहू तथा पोते के साथ रहते हैं। दो एकड़ जमीन में खेती करके वे किसी तरह जीवनयापन कर रहे थे। गरीबी और माओवाद के डर के कारण पक्का घर बनाना उनके लिए असंभव था। लखमू बताते हैं कि जब मुझे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर की स्वीकृति मिली, तब मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आज मेरे पास अपना पक्का घर है, जिसमें मैं सुरक्षित और सम्मानपूर्वक जीवन बिता रहा हूँ। यह सब शासन-प्रशासन की मदद से संभव हुआ है। हमारे गांव के लिए यह योजना सचमुच रोशनी की किरण बनकर आई है।