खतरे में भटका हुआ अतिथि! ढाई किलोमीटर के दायरे में आबादी के पास विचरण कर रहा...छुरिया में भीड़ ने बाघिन को पीट-पीट कर मार डाला था, जानिये तब क्या हुआ था
बारनवापारा अभयारण्य में भटक कर पहुंचा टाईगर का जान इसलिए खतरे में है कि कि ढाई किलोमीटर के एरिया में वह चहलकदमी कर रहा है। उसके आसपास सात गांव हैं। जिला प्रशासन ने इन गांवों में धारा 144 लगाकर दिया है मगर इससे खतरा टला नहीं है। क्योंकि, एक किमी से भी कम दूरी पर गांव है।
रायपुर। रायपुर से करीब 80 किलोटर दूर बलौदा बाजार जिले में छत्तीसगढ़ का बारनवापारा अभयारण्य है। पिछले करीब महीने भर से एक टाईगर भटक अभयारण्य में आ गया है। इसका पता तब चला जब कुछ राहगिरों ने सड़क पार कर रहे टाईगर का वीडियो बना लिया। इसके बाद वन विभाग ने अपने कैमरे चेक किए तो उसमें टाईगर की फोटो मिली। अभी चार दिन पहले भी टाईगर का लोकेशन कैमरे में ट्रेस हुआ है। यानी टाईगर अभी उसी इलाके में है। कैमरे की फोटो से वन विभाग के अधिकारियों ने नर टाईगर का एज निकाला है, उससे लगता है वह चार-से-पांच साल के बीच का होगा। अफसरों का कहना है कि उड़ीसा के जंगल से भटककर महासमुंद के रास्ते वह बारनवापारा पहुंच गया है। बारनवापारा में चूकि हिरण और सांभर की कमी नहीं है, इसलिए उसके खाने-पीने की वहां दिक्कत नहीं है। जिस इलाके में टाईगर है, उस इलाके में लकड़बघ्घा भी देखे जा रहे। जाहिर है, लकड़बघ्धा मरे हुए जानवरों की हड्डियां खाता है। याने शेर के खाने के बाद जो हड्डियां बचती है, उसका भक्षण करता है।
डीएफओ बोले....वन विभाग अलर्ट
बलौदा बाजार के डीएफओ मयंक अग्रवाल ने कहा कि टाईगर भटकने की बात एनटीसीए की नोटिस में है...प्लानिंग की जा रही कि आगे क्या करना है। टाईगर के साथ ही ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग अलर्ट है। गांवों में मुनादी कराई जा रही है। गांव वालों को समझाइश भी दी जा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन से आग्रह कर धारा 144 प्रभावशील करा दी गई है।
गश्त की जा रही
बलौदा बाजार के एसएसपी सदानंद से एनपीजी ने बात की। उन्होंने बताया कि वन विभाग के लोगों के साथ मिलकर लगातार चौकसी गश्त की जा रही है। बया पुलिस चौकी को भी निर्देशित किया गया है कि वे इस पर चौकसी रखें।
पालतु जानवरों का शिकार
टाईगर अभी तक किसी तरह का जानमाल को नुकसान नहीं पहुंचाया है। मगर कुछ पालतू जानवरों को शिकार बनाया है। वन विभाग के अधिकारियों ने एनपीजी न्यूज को बताया कि टाईगर पूरी तरह स्वस्थ्य है। उसकी लंबाई करीब साढ़े पांच फीट है। वह जंगल में ढाई किलोमीटर के रेडियस में घूम रहा है। जंगल विभाग के अधिकारी भी इसे खतरा मान रहे हैं। क्योंकि, जिस जगह पर टाईगर है, उसके आसपास कई गांव हैं। यद्यपि, जिला प्रशासन के सात गांवों में धारा 144 लगा दिया है मगर टाईगर अगर गांव तरफ जाकर कोई नुकसान कर दिया तो जाहिर है कि ग्रामीणों का गुस्सा भड़केगा।
13 साल पहले बाघिन की हत्या
वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से राजनांदगांव जिले के छुरिया में लोगों ने एक बाघिन को पीट-पीट कर मार डाला था। सितंबर 2011 में महाराष्ट्र से एक बाघिन राजनांदगांव जिले में आ गई थी। कुछ पालतू मवेशियों को शिकार बनाने के साथ ही उसके हमले में एक वृद्ध महिला की मौत हो गई थी। कुछ लोग जख्मी भी हुए थे। इसके बाद छुरिया के आसपास के गांवों में बड़ा गुस्सा था। लोगों ने एक दिन बाघिन को घूमते हुए देख लिया। वन विभाग को सूचना दी गई मगर सुबह की सूचना पर दोपहर में जाल लेकर वन विभाग की टीम पहुंची। उसमें भी कोई जानकार नहीं था। वेटनरी विभाग के कुछ लोग थे। बाघिन पर जाल फेंका गया, उस समय वन विभाग ने सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए थे। सो, बाघिन जैसे ही जाल में फंसी, गांव वाले लाठी, डंडे लेकर बाघिन पर टूट पड़े। और उसे न केवल बेरहमी से मार डाला। बल्कि, उसके दांत, नाखून निकाल लिए गए...पूंछ काट डाला, सिर तक को फोड़ डाला। उस समय की सरकार ने एडिशनल पीसीसीएफ की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई। मगर जैसा आमतौर पर होता है, कमेटी ने क्या रिपोर्ट दी, किसी को पता नहीं चला और बाद में मामले को रफा-दफा कर दिया गया।