छत्तीसगढ़ में मजदूरों के बच्चों के लिए खुला बेहतर शिक्षा का रास्ता, अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से संवरेगा भविष्य, विष्णुदेव सरकार ने बच्चों के भविष्य को देखते कई योजनाएं चालू की
छत्तीसगढ़ सरकार श्रमिकों के बच्चों के भविष्य को देखते कई योजनाएं चालू की है। इसके साकारात्मक नतीजे भी सामने आ रहे हैं।
रायपुर। श्रमिक अनेक समाज के हित के लिए कार्य करता है, परंतु अपने परिवार के लिए बहुत कम समय, संसाधन, ऊर्जा और ध्यान दे पाता है। उनके भी सपने होते हैं कि उनके घर के बच्चे पढ़-लिखकर बेहतर जीवन जिएँ, ताकि भविष्य में मजदूर का बेटा-बेटी केवल मजदूरी न करे, बल्कि समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील और राजनेता बने।
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अंतर्गत श्रमिक बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ में “अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना“ प्रारंभ की है। इसके तहत प्रदेश के श्रमिकों के बच्चों को कक्षा छठवीं से बारहवीं तक श्रेष्ठ आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा प्राप्त होगी।
इनका पूरा खर्च श्रम विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर स्थित सीएम हाउस में श्रम विभाग द्वारा श्रमिक बच्चों के लिए संचालित अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने घोषणा की कि अगले शैक्षणिक सत्र से इस योजना का लाभ 200 बच्चों को मिलेगा। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. रामप्रताप सिंह ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी के संकल्पों को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सुशासन की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है।
राज्य में लगभग 30 लाख से अधिक पंजीकृत श्रमिक हैं, जिनके बच्चे अच्छे विद्यालयों में नहीं पढ़ पाते थे। उनके लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना से श्रमिकों के बच्चों को बेहतर विद्यालयों में पढ़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने चयनित बच्चों एवं अभिभावकों को शुभकामनाएँ दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस मौके पर श्रम विभाग के सचिव हिम शिखर गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर संयुक्त सचिव फरिहा आलम, श्रम कल्याण मंडल के सचिव गिरीश रामटेके सहित बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे एवं उनके अभिभावक उपस्थित थे।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए लागू हुई योजना
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से कार्यक्रम के दौरान निर्माण श्रमिकों एवं उनके बच्चों ने मिलकर योजना का शुभारंभ पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से अब हम अपने बच्चों के भविष्य को लेकर निश्चिंत हो गए हैं। इस योजना के माध्यम से बच्चों को अच्छी शिक्षा और भविष्य सँवारने का सुनहरा अवसर मिल गया है।
हमारे लिए यह एक सपना था, जो अब पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों से चर्चा करते हुए कहा कि निर्माण श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है। योजना के तहत चालू वर्ष में 100 निर्माण श्रमिकों के बच्चों को 14 निजी आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। इन विद्यालयों में सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई कराई जाएगी।
100 छात्रों का 14 निजी आवासीय स्कूलों में एडमिशन
श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि श्रम विभाग के सहयोग से श्रमिक परिवारों के 100 बच्चों का दाखिला प्रदेश के 14 निजी आवासीय विद्यालयों में कराया गया है। सरकार की सोच है कि श्रमिक का बच्चा केवल श्रमिक न रहकर अधिकारी बने और देश की सेवा करे। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग योजना भी संचालित की जा रही है, जिसके निश्चित ही दूरगामी परिणाम सामने आएँगे।
20 माह में लगभग 600 करोड़ का लाभ
श्रम विभाग के अंतर्गत तीन मंडल संचालित हैं, जिनमें लगभग 70 से अधिक योजनाएं चलाई जा रही हैं। राज्य सरकार द्वारा पिछले 20 माह में लगभग 600 करोड़ रुपये का लाभ श्रमिकों को डीबीटी के माध्यम से पहुंचाया गया है। उन्होंने योजना के तहत चयनित बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को मिलेगा निःशुल्क आवासीय शिक्षा
राज्य सरकार द्वारा श्रमिक परिवारों के बच्चों के भविष्य को संवारने के उद्देश्य से अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना की शुरू आत की गई है। इस योजना का लाभ श्रम विभाग के छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों के प्रथम दो बच्चों को मिलेगा, जिसके तहत शासन द्वारा चयनित आवासीय विद्यालयों में कक्षा छठवीं से 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी।
श्रम अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2025-26 में कक्षा पांचवी में अच्छे प्राप्तांकों एवं प्रावीण्य सूची के टॉप-10 में उत्तीर्ण हुये हैं, उन विद्यार्थियों को काउंसलिंग में चयन के पश्चात योजना का लाभ दिया जाएगा। योजनान्तर्गत पढ़ाई के दौरान समस्त शुल्क जैसे प्रवेश शुल्क, शैक्षणिक शुल्क, गणवेश, पुस्तक कॉपी, छात्रावास एवं भोजन का शुल्क मंडल द्वारा आवासीय विद्यालयों को प्रदाय किया जाएगा।
इस योजना का लाभ लेने हेतु छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत श्रमिक 01 वर्ष पूर्व निर्माण श्रमिक के रुप में पंजीकृत हो एवं प्रथम दो बच्चों हेतु पात्रता होगा। साथ ही हितग्राही का जीवित श्रमिक पंजीयन कार्ड पत्र की प्रति, छत्तीसगढ़ का मूल निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड की प्रति, अंकसूची, वर्तमान कक्षा में अध्ययनरत संबंधी प्रमाण पत्र की प्रति, स्व घोषणा प्रमाण पत्र और आयु प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा। वहीं प्रवेश सुनिश्चित होने के पश्चात स्थानांतरण प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी।
मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा छत्तीसगढ़ के श्रमिक परिवार के उत्थान के लिए निरंतर किए जा रहे संवेदनशील पहल के अनुक्रम में श्रम विभाग की मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना अंतर्गत 90 दिवस पूर्व पंजीकृत निर्माण श्रमिक के प्रथम 02 बच्चों को राशि रू 5000 से 1,00,000 (एक लाख) तक सहायता राशि तथा विदेश में अध्ययन हेतु राशि रू 50,00,000 (पचास लाख) उस देश के लिए निर्धारित करेंसी की अद्यतन दर पर भुगतान करेगी।