छत्तीसगढ़ के 4 लाख कर्मचारियों और शिक्षकों को नगरीय और पंचायत चुनाव टलने से मिली राहत? जानिये क्यों
छत्तीसगढ़ में नगरीय और पंचायत चुनाव कुछ दिनांं के लिए टल गया है। मगर इससे छत्तीसगढ़ के चार लाख से अधिक कर्मचारियों और शिक्षकों को काफी राहत मिली है। कर्मचारियों, शिक्षकों की इच्छा नहीं थी कि अभी चुनाव हो।
रायपुर। नगरीय प्रशासन विभाग के डायरेक्टर कुंदन कुमार ने आज शाम महापौर और नगर पंचायत अध्यक्षों के आरक्षण को स्थगित करने का आदेश चुनाव की तैयारी कर रहे दावेदारों के लिए जरूर झटका होगा मगर छत्तीसगढ़ के चार लाख से अधिक कर्मचारियों, अधिकारियों और शिक्षकों को इससे कोई दिक्कत नहीं है। इसके अलग-अलग कई कारण हैं।
1. नए साल की छुट्टी खराब
30 दिसंबर को जिला पंचायत अध्यक्षकों के आरक्षण के साथ ही 30 दिसंबर को राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव का ऐलान करने वाला था। जाहिर है, इसी के साथ आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो जाता। याने उसी दिन से चुनाव का काम प्रारंभ हो जाता।
बड़ी संख्या में कर्मचारियों, अधिकारियों ने न्यू ईयर का प्लान बना रखा है। एनपीजी न्यूज के पास चुनाव टलने के बाद दर्जनों ऐसे फोन आए, जो तस्दीक कर रहे थे कि खबर सही है क्या...। वे जानना चाह रहे थे कि 30 दिसंबर को आचार संहिता प्रभावशील अब नहीं होगी क्या।
असल में, आजकल नए साल के लिए बुकिंग दो-तीन महीने पहले से हो जाती है। ऐसे में अगर चुनाव होता तो फिर न्यू ईयर का प्रोग्राम रद्द करना पड़ता।
2. बच्चों के एग्जाम
जिन कर्मचारियों, अधिकारियों और शिक्षकों के बच्चे बोर्ड एग्जाम में एपियर होते हैं, वे भी नहीं चाहते कि इस समय कोई चुनाव हो। अगर चुनाव का ऐलान अभी हो जाता तो फिर जनवरी के साथ फरवरी भी उसमें जाता। फरवरी में बोर्ड की परीक्षा शुरू हो जाएगी।
3. ट्रांसफर-पोस्टिंग
चुनाव टलने से राहत मिलने के अलग-अलग कई वजहें हैं। बड़ी संख्या में कर्मचारी और शिक्षक ट्रांसफर के लिए प्रयासरत हैं। आचार संहिता लगने की वजह से कई लोग मायूस थे।