CG News: पीडब्लूडी के अफसरों का तकनीकी ज्ञान कमजोर या फिर राजधानी में अफसरों की नाक के नीचे करप्शन, देखिए फोटो...

CG News: राजधानी रायपुर के कचना का पॉश इलाका जहां जीएडी कॉलोनी है। आईएएस एसोसियेशन के प्रेसिडेंट समेत अनेक आईएएस, आईपीएस और जनप्रतिनिधि रहते हैं, उस इलाके की सड़कों में भी वारा-न्यारा किया जा रहा है। सवाल यह है कि आधे-अधूरे नाला का निर्माण कर सड़कों पर रातोरात डामर बिछाना क्या अफसरों के तकनीकी ज्ञान की कमी को दर्शाता है या फिर मंशा करप्शन का है। और फिर राजधानी में जब ये हाल है तो फिर बाकी प्रदेश में क्या हो रहा होगा?

Update: 2025-12-02 09:37 GMT

CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ की सड़कों का भगवान मालिक है। स्थिति यह हो गई कि बॉर्डर पर सड़कों से पता चल जाता है कि कहां तक छत्तीसगढ़ है और कहां से एमपी झारखंड, ओड़िसा और तेलांगना की सीमा प्रारंभ हो जा रहा। जाहिर है, जहां छत्तीसगढ़ की सीमा समाप्त होती है, वहां से सड़कें अच्छी मिलने लगती हैं।

बहरहाल, बात राजधानी के कचना इलाके की। कचना में बड़े स्तर पर रिहाइशी कालोनियां आ रही है। कुछ नामी-गिरामी घरानों के कंवेंशन सेंटर बन रहे हैं। अब पीडब्लूडी आम लोगों के लिए वहां की सड़कें चौड़ी करवा रहा या बड़े लोगों के कारोबारी हितों के लिए, ये नहीं पता।


मगर करोड़ों रुपए खर्च कर सड़कें जिस ढंग से बनाई जा रही, उससे पता चलता है पीडब्लूडी के अधिकारियों को या तो तकनीकी ज्ञान का अभाव है या फिर जल्दी बिल पास कराने इसमें झोल किया जा रहा।

छह महीने पहले वहां डामर बिछाया गया था। फिर सड़क चौड़ीकरण करने के लिए दैत्याकार मशीनों से डामर तोड़वा दिया गया। उसके बाद नाला का काम प्रारंभ हुआ। और अब उसे बीच में छोड़कर रातोरात डामर बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है।


प्रश्न यह है कि राजधानी रायपुर में कोई देखने वाला नहीं है कि पीडब्लूडी और उसके ठेकेदार क्या कर रहे हैं। ये सामान्य बात है कि पहले नाला बनाया जाता है फिर सड़क। पानी डामर का दुश्मन है, इसलिए डामर की सड़़क बिना नाली या नाला कंप्लीट किए बनाना ही नहीं चाहिए। मगर कचना में नाले को आधे-अधूरे छोड़ युद्धस्तर पर डामरीकरण का काम शुरू कर दिया गया है।


डामरी वाली सड़़क बन जाने के बाद अब नाला कब बनेगा पता नहीं। और नाला बनेगा तो निश्चित तौर पर सड़कें फिर तोड़नी पड़ेगी। जनता की जेब के पैसे को पीडब्लूडी कब तक चूना लगाता रहेगा, सिस्टम को इसे देखना चाहिए।

एनपीजी न्यूज को कचना इलाके के कुछ गणमान्य लोगों ने सड़क निर्माण की फोटो भेजी और साथ ही फरियाद भी...कि सड़क के बाद नाले के निर्माण से फिर डामर को तोड़ना पड़ेगा। वैसे भी पीडब्लूडी अधिकारियों का यह नैतिक दायित्व बनता है कि बिना नाला के सड़क निर्माण न कराए। भले ही कुछ और वक्त लग जाता। क्योंकि, नाले बनाते समय सड़क को जो नुकसान होगा, उसे दुरूस्त करने का लोड राज्य के खजाने पर ही तो पड़ेगा।

Tags:    

Similar News