CG Compassionate Appointment: दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति, सरकार ने जारी की गाईडलाइन...

CG Compassionate Appointment: छत्तीसगढ़ में दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने के संबंध में राज्य सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किया है। आदेश में तीन अलग-अलग बिंदुओं पर गाईडलाइन लिखी गई है...

Update: 2024-11-06 07:57 GMT

CG Compassionate Appointment: रायपुर। लंबे समय से दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजन अनुकंपा नियुक्ति की मांग सरकार से कर रहे थे। पिछले दिनों कैबिनेट में विष्णुदेव सरकान ने फैसला लेते हुये पंचायत विभाग को आदेश दिये थे। अब पंचायत विभाग ने तीन बिंदुओं पर दिशा-निर्देश जारी किया है...नीचे पढ़ें आदेश...

(i) ऐसे शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के कर्मचारी जिनकी मृत्यु सेवाकाल में हो गई थी एवं जिनके आश्रित वर्तमान में नियमानुसार अनुकंपा नियुक्ति हेतु पात्र है, उन्हें छत्तीसगढ़ शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्रचलित नियमों के आधार पर पात्रतानुसार अनुकंपा नियुक्ति दिया जावे।

(ii) शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के ऐसे प्रकरणों जिनमें न्यायालयीन आदेशानुसार सेवा में पुनः बहाल करने तथा मेरिट सूची के अनुसार नियुक्ति प्रदान करने संबंधी आदेश पारित किये गये हैं, उन प्रकरणों में नियमानुसार सेवा में पुनः बहाली एवं नियुक्ति की कार्यवाही की जावे।

साथ ही ऐसे बहाली एवं पुनर्नियुक्ति पश्चात् जिन प्रकरणों में माननीय न्यायालय द्वारा छ.ग. पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम, 1999 के नियम-7 का पालन नहीं होने के कारण जिला पंचायत / जनपद पंचायत के सेवा से बर्खास्तगी आदेश अपास्त किए गए हैं तथा विभाग को उक्त नियमों के अनुसार उचित कार्यवाही करने की स्वतंत्रता भी प्रदान किया गया है। उन प्रकरणों में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जावे।

(iii) संविलियन दिनांक 01.07.2018 के पूर्व के ऐसे प्रकरण जिनमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा समस्त परिणामी लाभों, स्वत्वों या अन्य लाभों सहित भूतलक्षी प्रभाव से पदोन्नति इत्यादि दिये जाने के आदेश पारित किये गये है, उन प्रकरणों में नियमानुसार पदोन्नति समिति गठित कर पदोन्नति इत्यादि की कार्यवाही की जावे।

जिन प्रकरणों में भूतलक्षी प्रभाव से पदोन्नति के संबंध में माननीय न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन निराकृत करने का निर्देश दिया गया है, उन प्रकरणों में समय सीमा के भीतर अभ्यावेदनों का निराकरण किया जावे। नीचे पढ़ें आदेश की कॉपी...





 


 


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