Brijmohan Agrawal: बृजमोहन अग्रवाल ने दिया इस्तीफा: विधायकी का पद छोड़ा, स्पीकर को सौंपा इस्तीफा
Brijmohan Agrawal: छत्तीसगढ़ के रायपुर दक्षिण सीट से विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इस्तीफा दे दिया हैं
Brijmohan Agrawal रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर दक्षिण सीट से विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इस्तीफा दे दिया हैं। आज दोपहर चार बजे छत्तीसगढ़ विधानसभा के स्पीकर डॉ रमन सिंह से मुलाकात कर उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा हैं। इस दौरान उनके साथ स्पीकर हाउस में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक राजेश मूणत, रायपुर के पूर्व सांसद सुनील सोनी सहित बड़ी संख्या में नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे।
स्पीकर हाउस पहुंचने से पहले सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने पिता का आशीर्वाद लिया और कहा कि मैं विधायक पद छोड़ रहा हूँ, लेकिन सांसद रहूंगा। हालांकि उन्होंने अभी मंत्री पद नहीं छोड़ा हैं।
दरअसल, बृजमोहन अग्रवाल वर्तमान में रायपुर लोकसभा से सांसद हैं और विधायक भी थे। संविधान के अनुच्छेद 101 के खंड 2 में स्पष्ट उल्लेख है कि भारत के दो सदनों के लिए चुने जाने पर एक सदन से इस्तीफा देना होगा। "समसामयिक सदस्यता प्रतिषेध नियम 1950" के अनुसार चुने हुए जनप्रतिनिधियों को इस बारे में फैसला लेने के लिए 14 दिन का टाईम दिया गया है। इसी के तहत आज उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा हैं।
जानिए बृजमोहन अग्रवाल के बारे में
लोकसभा चुनाव 2024 में रायपुर सीट से सांसद चुने गए बृजमोहन अग्रवाल 2023 में रायपुर दक्षिण सीट से विधायक चुने गए थे। विष्णुदेव साय सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बना गया। पहले विधानसभा फिर लोकसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल प्रदेश की सबसे बड़ी लीड लेकर लगातार चुनाव जीते हैं। वे लगातार 8 बार विधायक चुने जा चुके हैं। विधानसभा चुनाव में बृजमोहन ने प्रदेश में सर्वाधिक मतों से जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी महंत रामसुंदर दास को 67919 मतों के अंतर से हराया है। कॉमर्स व आर्ट्स दोनों विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले बृजमोहन अग्रवाल ने एलएलबी की भी डिग्री ली है। 1990 में पहली बार विधायक निर्वाचित होने वाले बृजमोहन अग्रवाल ने अपने राजनीतिक की शुरुआत भाजपा की छात्र इकाई एबीवीपी से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की। वे कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष व भारतीय जनता युवा मोर्चा अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष रहें हैं। अविभाजित मध्य प्रदेश में राज्य मंत्री रहने के अलावा छत्तीसगढ़ की सरकार में तीन बार कैबिनेट मंत्री रहे हैं। भाजपा विधायक दल के सदन में मुख्य सचेतक भी रहे हैं। राजिम में राजिम कुंभ करवा कर उन्होंने राजिम कुंभ को राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलवाई है।
राजिम को दिलाया कुंभ का दर्जा
छत्तीसगढ़ का राजिम तीन नदियों महानदी, पैरी नदी व सोढुर संगम स्थल है। इसे छत्तीसगढ़ का प्रयाग भी कहा जाता है। वहां राजीव लोचन और कुलेश्वर महादेव का मंदिर भी हैं। वहां माघी पुन्नी मेला का आयोजन होता था। 2005में धर्मस्व मंत्री रहते बृजमोहन अग्रवाल ने इस आयोजन को कुंभी मेले की तर्ज पर शुरू कराया। पखवाड़ेभर तक चलने वाले इस आयोजन की चर्चा देश- विदेश तक होती है। इसमें देशभर के साधु-संतों आते हैं। हालांकि 2019 से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की शासन आते ही, सरकार ने फिर से आयोजन को राजिम पुन्नी मेला नाम दे दिया।
पिता का नाम:- रामजी अग्रवाल
जन्मतिथि:- 1 मई 1959
जन्म स्थान- रायपुर छतीसगढ़
विवाह की तिथि:- 2 जून 1986
पत्नी का नाम- सरिता देवी अग्रवाल
पत्नी की जन्मतिथि:- 21 फरवरी 1965
संतान- 2 पुत्र, 1 पुत्री
शैक्षणिक योग्यता:- एमकॉम, एमए, एलएलबी