Baba Satynarayan Maurya: 'रामलला हम आयेंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे...!' बाबा सत्यनारायण मौर्य ने दिया था ये नारा, जानिए उनके बारे में

Baba Satynarayan Maurya: अयोध्या में श्रीराम मंदिर आंदोलन के दौर में रामलला आएंगे, मंदिर हम वहीं बनाएंगे, नारा बड़ा चर्चित हुआ था। मगर बहुत कम लोगों को पता होगा कि इस नारे को लिखने वाले बाबा सत्यनारायण मौर्य कौन थे। देखिए उस जमाने की नरेंद्र मोदी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ उनकी फोटो

Update: 2024-01-13 15:22 GMT

अनिल तिवारी

Baba Satynarayan Maurya: रायपुर। अयोध्या के भव्य श्रीराम मंदिर में रामलला विराजमान होने में अब सिर्फ 9 दिन बाकी हैं। देश और दुनिया में प्रभुश्रीराम और अयोध्या की ही बातें हो रही हैं। इस बीच तीन पीढ़ियों के हर किसी के जेहन में वो नारा है, जो राम मंदिर आंदोलन का सबसे प्रमुख नारा बन गया। 'रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे...!' जी हां, यही वो नारा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये कालजयी नारा किसने लिखा था? चलिए हम बताते हैं। एक मिशन को जीने वाले, एक कलाकार, असाधारण प्रतिभा मगर साधारण दिखने वाले, दाढ़ी वाले इस शख्स का नाम है बाबा सत्यनारायण मौर्य। अपने दोस्तों और प्रशंसकों के बीच 'बाबा' के नाम से विख्यात सत्यनारायण मौर्य एक प्रतिभाशाली कवि, संगीतकार, गायक, वक्ता, चित्रकार, कार्टूनिस्ट हैं। इन सबसे बढ़कर एक देशभक्त भी हैं। स्वभाव से दार्शनिक, बाबा अपने अनूठे तरीके से भारतीय जनमानस में जागृति लाने का प्रयास करते हैं।


मध्यप्रदेश में हुआ जन्म

साल 1965 में मध्य प्रदेश के ब्यावरा जिले के राजगढ़ में एक स्कूल शिक्षक के एक साधारण परिवार में जन्मे सत्यनारायण मौर्य को पेंटिंग करने का शौक है। अपने शहर में साइनबोर्ड पेंटिंग से अपनी हाई स्कूल की शिक्षा का खर्च उठाने वाले सत्यनारायण ने पेंटिंग का प्रशिक्षण कहीं से नहीं लिया था। हालांकि वाणिज्य में स्नातकोत्तर की डिग्री पूरी करने के बाद 'बाबा' ने विक्रम विश्व विद्यालय, उज्जैन से ड्राइंग और पेंटिंग में मास्टर ऑफ आर्ट्स में स्वर्ण पदक हासिल किया।


'रामलला' के लिए टेंट भी लगाया

हर कोई ये बात जानता है कि अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को जब बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा ढहाया गया। लेकिन इसके बाद वहां आनन-फानन में टेंट तैयार कर दिया गया। जिसमें 'रामलला' विराजमान किए गए। बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि 'रामलला' सालों तक जिस टेंट में विराजमान थे वह टेंट पहली बार बाबा सत्यनारायण मौर्य ने ही लगाई थी और मूर्तियां स्थापित करने में मदद भी की थी।


ऐसे लिखा गया नारा

'रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे...!' इस प्रसिद्ध नारे को जब बाबरी मस्जिद हटाई गई थी तो अयोध्या की हर दीवारों पर यह नारा बाबा सत्यनारायण मौर्य ने खुद लिखा था। पहली बार इस नारे को स्वर्गीय अशोक सिंघल के सामने सत्यनारायण मौर्य ने बोला था। इसके बाद पूरे राम मंदिर आंदोलन की पहचान बन गया ये नारा। इसके बाद सत्यनारायण मौर्य ने वनवासी आंदोलन, गौरक्षा आंदोलन और स्वदेशी आंदोलन के लिए भी नारे लिखे।


मोदी के लिए भी लिखी स्पीच

ये बात भी बहुत कम लोगों को मालूम है कि जब नरेंद्र मोदी पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने। फिर इसके बाद जब गुजरात में इलेक्शन हुए थे तो नरेंद्र मोदी की ज्यादातर स्पीच बाबा सत्यनारायण मौर्य की ही लिखी होती थी। यही नहीं गुजरात चुनाव के दौरान जितने भी चुनावी नारे होते थे, उनमें अधिकांश बाबा सत्यनारायण मौर्य के लिखे ही होते थे।


वो मुकाम नहीं मिला, जिसके हकदार

अमेरीका के हिंदी सम्मेलन के साथ सत्यनारायण मौर्य वेस्टइंडीज में हर साल 15 दिन भारत माता और राष्ट्रवाद पर प्रदर्शनी लगाने वाले इकलौते कलाकार हैं। बस कभी-कभी कुछ अच्छे लोगों को समय वह स्थान और मुकाम नहीं दे पाता, जिसके वह हकदार होते हैं उनमें से एक नाम निश्चित ही बाबा सत्यनारायण मौर्य का है।

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