छत्तीसगढ़ सरकार का स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा कदम :….जिस इलाज की व्यवस्था सरकारी अस्पतालों में….अब निजी अस्पतालों में नहीं होगा उसका इलाज….खूबचंद बघेल स्वास्थ्य बीमा योजना से सरकारी अस्पताल होंगे मजबूत, प्राइवेट हास्पीटल की मनमानी पर लगेगी रोक… पढ़िये क्या कुछ हो रहा है बदलाव

Update: 2020-01-04 12:58 GMT

रायपुर 4 जनवरी 2020। खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में बढ़ाया गया कदम है। सरकारी अस्पतालों को सशक्त बनाने की दिशा में तैयार हुई इस योजना का लाभ ना सिर्फ सुलभ तरीके से मरीजों को मिल पायेगा, बल्कि निजी अस्पतालों की मनमानी पर भी इससे रोक लगेगी। इस योजना के लागू होने के बाद पूर्व में चलने वाली मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा, संजीवनी सहायता कोष, मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिरायु, मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना में 180 प्रक्रियाएं ऐसी थी, जो शासकीय चिकित्सालयों में भी की जा सकती थी, किन्तु इन प्रक्रियाओं को भी निजी अस्पतालों को दिया गया था। लिहाजा इसका फायदा निजी अस्पताल मनमाने तरीके उठाया करते थे।

नये सिरे लागू की गई डाॅ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना व मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना में इन प्रक्रियाओ के पैकेज को शासकीय अस्पतालो के लिये आरक्षित किया गया है। ऐसा करने से शासकीय चिकित्सालयों को एक बड़ा बजट भी मिल सकेगा।

एएसडी, वीएसडी के उपचार में समस्या नहीं

मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना के माध्यम से हृदय में छेद संबंधी (एएसडी, वीएसडी) जैसी बीमारियों का उपचार निजी अनुबधित अस्पतालों में कराया जा रहा था। अब इन दोनो बीमारियों का उपचार मेडिकल काॅलेज रायपुर, एम्स रायपुर, नया रायपुर सत्य सांई अस्पताल में होगा। साथ ही खर्च अधिक आने पर मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के माध्यम से पूरी राशि उपचार के लिए उपलब्ध करा दी जाएगी। पूर्व में पैकेज के अतिरिक्त खर्च आने पर अन्य राज्यों में उपचार की स्थिति में राशि दिलाने में दिक्कत आती थी।

अन्य शासकीय चिकित्सालयों में जल्द ही सुविधा

मेकाहारा के अलावा राज्य के अन्य 6 शासकीय चिकित्सालयों में भी एएसडी, वीएसडी के उपचार की सुविधा राज्य सरकार जल्द उपलब्ध कराने वाली हैं। इसके अलावा डी.के. एस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल मे भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इसके बाद इन अस्पतालों में भी एएसडी, वीएसडी का उपचार उपलब्ध रहेगा।

मलेरिया डायरिया , टाइफाइड भी जाता था निजी को

मलेरिया डायरिया , टाइफाइड टिटनेस जैसी बहुत सी बहुत सी बीमारीया जिनका उपचार शासकीय अस्पताल में आसानी से संभव था, इनका ईलाज भी निजी अस्पतालों में कराया जाता था। जो कि अब शासकीय अस्पतालों में ही संभव होगा।

आपात स्थिति का पूरा ध्यान

राज्य में 1 जनवरी से लागू डाॅ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना व मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना में आपात स्थ्तिि का पूरा ध्यान रखा गया हैं। पैकेजों को शासकीय अस्पतालों के लिए आरक्षित करते समय आपात स्थ्तिि पर पूरा विचार विमर्श कर ही यह निर्णय लिया गया हैं। ऐसा हो जाने से मरीजों को दिक्कत नहीं होगी। शासकीय अस्पतालों के लिए की गई व की जा रहीं आरक्षित बीमारियों में आपात जैसी बीमारी नहीं के बराबर हैं।

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