नई शिक्षा नीति के अनुरूप मातृभाषा में शिक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार के बेहतर अवसर अच्छी शिक्षा से उत्पन्न होते हैं। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की नींव को ठोस करने का काम हमने शुरू कर दिया है। इसके लिए प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया गया है। छत्तीसगढ़ अपनी बोली-भाषा की विविधता से समृद्ध है। हमारे यहां कहावत प्रचलित है कि ‘‘कोस-कोस मा पानी बदलय, चार कोस मा बानी।‘‘ प्रारंभिक आयु में बच्चे सबसे ज्यादा अपनी मातृभाषा में सीखते हैं, इसके चलते ही हमने नई शिक्षा नीति के तहत 18 स्थानीय भाषाओं में प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई कराने का निर्णय लिया है। इससे बच्चों का अपनी भाषा से अनुराग भी बढ़ेगा तथा हमारी नई पीढ़ी अपनी जड़ों से भी जुड़ी रहेगी।
Update: 2024-08-15 04:35 GMT