GST on Gold 2025: 1 लाख का सोना खरीदने पर कितना देना होगा टैक्स? जानें पूरी कैलकुलेशन
GST on Gold 2025: नई GST व्यवस्था में सोने-चांदी पर टैक्स दरें नहीं बदलीं। जानें 1 लाख रुपये का सोना खरीदने पर कितना जीएसटी देना होगा और किन चीजों पर टैक्स घटा।
नई दिल्ली: दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने जीएसटी (GST) को लेकर बड़ा फैसला लिया है। जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में टैक्स स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव किए गए हैं। जहां ढेर सारी चीजें सस्ती हो गई हैं, वहीं सोना और चांदी खरीदने वालों को राहत नहीं मिल पाया है। परिषद ने साफ कर दिया है कि गोल्ड और सिल्वर पर 3% जीएसटी पहले की तरह जारी रहेगा।
1 लाख का सोना खरीदने पर कितना लगेगा टैक्स?
अगर आप 1 लाख रुपये का सोना खरीदते हैं तो आपको लगभग 3,000 रुपये जीएसटी देना होगा। यानी कुल बिल 1,03,000 रुपये तक पहुंच जाएगा। इसके अलावा, आभूषण बनाने का चार्ज भी अलग से लिया जाता है, जिस पर 5% जीएसटी लगता है। इसका मतलब है कि गोल्ड ज्वेलरी खरीदते समय आपको टैक्स का बोझ थोड़ा और बढ़ जाता है।
सोने-चांदी पर टैक्स वही क्यों रखा गया?
सरकार का कहना है कि सोना-चांदी लक्जरी और निवेश दोनों तरह की चीजें हैं। इनकी खपत मुख्य रूप से मध्यम और उच्च वर्ग में होती है। अगर टैक्स घटाया जाए तो राजस्व को बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए परिषद ने इसे 3% पर ही स्थिर रखा है।
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव
3 सितंबर को दिल्ली में सोने की कीमत 1.07 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है। हालांकि, 4 सितंबर को इसमें गिरावट आई और यह 1,05,956 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। चांदी की कीमतों में भी इसी तरह की गिरावट देखी गई।
किन चीजों पर टैक्स हुआ कम?
जीएसटी काउंसिल ने इस बैठक में कई रोज़मर्रा की चीजों पर टैक्स घटाने का बड़ा ऐलान किया।खाद्य और पेय पदार्थ: घी, मक्खन, अचार, सूखे मेवे, स्नैक्स और मिठाइयों पर अब 5% टैक्स लगेगा।रसोई की चीजें: दूध पाउडर, रसोई के बर्तन, साइकिल, छाते और बांस के फर्नीचर पर टैक्स 12% से घटाकर 5% किया गया।दैनिक इस्तेमाल की वस्तुएं: शैम्पू, साबुन, टूथपेस्ट, टूथब्रश और हेयर ऑयल जैसी चीजों पर भी 18% से घटाकर 5% टैक्स कर दिया गया।पराठा: अब पराठे पर भी जीएसटी शून्य कर दिया गया है।अगर आप सोना या चांदी खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको टैक्स में कोई बदलाव नहीं मिलेगा। आपको अब भी 3% जीएसटी और 5% मेकिंग चार्ज पर टैक्स देना होगा। लेकिन राहत की बात यह है कि रोज़मर्रा की जरूरत की चीजें जैसे खाद्य पदार्थ, घरेलू सामान और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट अब पहले से सस्ते हो जाएंगे।