Chhattisgarh IAS News: छत्तीसगढ़ में IAS की हाजिरी शुरू, पहले दिन 95 परसेंट अफसर 10 बजे पहुंच गए मंत्रालय, कर्मचारी हुए अफसरों से पीछे CMO से मॉनिटरिंग...
Chhattisgarh IAS News: छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद आज पहला मौका था, जब मंत्रालय के 95 परसेंट आईएएस 10 बजे ऑफिस पहुंच गए। गेट पर उनकी बकायदा इंट्री की गई। मुख्यमंत्री सचिवालय इसकी सीधे मॉनिटरिंग कर रहा है। आईएएस की इंट्री लिस्ट सवा दस बजे सीएमओ को भेज दी गई। हालांकि, कर्मचारी रजिस्टर में इंट्री का विरोध कर रहे थे मगर जब बड़े-बड़े नौकरशाहों की टाईमिंग दर्ज की जाने लगी है तो फिर कर्मचारियों को भी आना ही होगा। इसीलिए बसों को भी टाईट कर दिया गया है।
Chhattisgarh IAS News: रायपुर। तारीख 7 जनवरी 2025...छत्तीसगढ़ के नया रायपुर स्थित महानदी मंत्रालय भवन। 11 बजे के बाद आबाद होने वाला मंत्रालय के तीनों गेटों पर आज सुबह साढ़ नौ बजे से हलचल तेज हो गई थी। सिक्यूरिटी स्टाफ रजिस्टर लेकर बैठ गए थे। अफसरों के पीए और भृत्य दौड़ते-भागते, हांफ रहे थे।
11 बजे के बाद आने वाले कर्मचारी आज दस बजे गेट पर इंट्री करा रहे थे तो वीआईपी गेट नंबर-वन, जहां से मंत्री से लेकर सचिव और अन्य आईएएस प्रवेश करते हैं, वहां अफसरों की गाड़ियां धड़ाधड़ आकर खड़ी हो रही थी। एसीएस, प्रमुख सचिव, सचिव की गाड़ियों से वीआईपी द्वार का पोर्च छोटा पड़ गया। पहली बार पोर्च में अफसरों के उतरने के लिए रोड तक गाड़ियों की जाम लग गई।
बड़े-बड़े अफसरों के चेहरे पर मंत्रालय में जल्दी प्रवेश करने की बेचैनी दिखाई पड़ रही थी। गेट पर रोज सैल्यूट ठोकने वाले सिक्यूरिटी स्टाफ मुस्कुराते हुए रजिस्टर में टाईम इंट्री कर रहा था। सिक्यूरिटी वालों के चेहरे पर मुस्कुराहट इसलिए कि 90 परसेंट अफसर अगर मीटिंग या वीसी न हो तो 12 बजे से पहले कभी मंत्रालय पहुंचते नहीं थे।
हालांकि टाईमिंग दस बजे का है फिर भी सवा दस बजे तक 95 परसेंट आईएएस मंत्रालय पहुंच चुके थे। जीएडी ने इसका ब्यौरा बनाकर साढ़े दस बजे सीएम सचिवालय को भेज दिया।
बताते हैं, मुख्यमंत्री सचिवालय इसकी सीधे मॉनिटरिंग कर रहा है। यद्यपि, मुख्यमंत्री ने पहले भी बायोमेट्रिक इंप्रेशन की बात की थी। मगर अधिकारियों के स्तर पर उसका तीखा विरोध किया जा रहा था। मगर अब सीएम सचिवालय ने अफसरों से साफ तौर पर कह दिया है कि जब दिल्ली में सारे अफसर 09.30 बजे पहुंच जाते हैं, तो आप लोग क्यों नहीं? दरअसल, सुबोध सिंह के पीएस टू सीएम बनने के बाद सीएम सचिवालय एक्शन में आ गया है।
बता दें, साल-2025 के पहले ही दिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंत्रालय और विभागों के शीर्ष अफसरों की मीटिंग में टाईम को लेकर तल्खी से बात की थी। उन्होंने अपने संबोधन की शुरूआत में ही अफसरों की टाईमिंग का जिक्र किया था। मुख्यमंत्री ने नौकरशाहों से यहां तक कह डाला था कि हफ्ते में पांच दिन काम करना है, उसमें भी टाईम पर नहीं आना, ये ठीक नहीं।
कर्मचारियों का तगड़ा विरोध
गेट पर टाईम इंट्री को लेकर शुक्रवार को जीएडी ने सर्कुलर जारी कर दिया था। उसके बाद से कर्मचारी संगठन इसका विरोध कर रहे थे। इससे पहले भी एकाध बार कर्मचारियों को टाईम पर आने कहा गया था, मगर वह क्रियान्वित नहीं हो सका। कर्मचारियों का कहना था कि टाईमिंग और रजिस्टर में इंट्री सिर्फ हमारे लिए क्यों? मगर सरकार ने इसका रास्ता निकाल लिया है। अफसरों की इंट्री होगी और कर्मचारियों की भी।
अफसर से पीछे हुए कर्मचारी
जीएडी ने मुख्यमंत्री सचिवालय को हाजिरी का जो ब्यौरा भेजा है, उसमें 95 परसेंट अफसर और 70 परसेंट कर्मचारियों की इंट्री है। ये सभी सवा दस बजे तक मंत्रालय पहुंच गए थे। अभी अफसरों की संख्या कम होती थी और कर्मचारियों का परसेंटेज ज्यादा।
बसों को जीएडी ने किया टाईट
कर्मचारियों की बसों की टाईमिंग को भी जीएडी ने टाईट कर दिया है। अब किसी भी सूरत में पौने 09.50 बजे तक बसें मंत्रालय, इंद्रावती भवन समेत नया रायपुर के ऑफिसों में लग जाएंगी। और शाम को 05.40 से पहले नहीं। अभी लिखित में टाईमिंग तो यही था मगर बसें साढ़े दस, पौने ग्यारह बजे से पहले नहीं पहुंचती थी और शाम को पांच बजे मंत्रालय और इंद्रावती भवन के गेट पर आकर खड़ी हो जाती थी। इसके चलते शाम साढ़े चार बजे से ही कर्मचारी, अधिकारी अपना समान समेटना प्रारंभ कर देते थे।
नया रायपुर के बाद पूरे प्रदेश में
सामान्य प्रशासन विभाग के सूत्रों का कहना है कि नया रायपुर के ऑफिसों के लिए यह व्यवस्था आज से लागू हो गई है। याने सभी कार्यालयों में गेट पर टाईम लिखा जाएगा। इसके बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
फाइव डे वीक समाप्त?
पिछली सरकार में जब फाइव डे विक सिस्टम लागू हुआ था तो सुबह दस से शाम साढ़े पांच बजे की टाईमिंग फिक्स की गई थी मगर शनिवार छुट्टी का आदेश तो लागू हो गया मगर टाईमिंग पर अमल नहीं किया। स्थिति इतनी खराब है कि सरकारी ऑफिसों में लोग किसी काम से 12 बजे से पहले जाना नहीं चाहते। लोगों में परेसेप्शन यही है कि साढ़े ग्यारह से पहले कोई पहुंचता नहीं और इसके बाद पान-गुटखा खाकर काम के मूड में 12 बजे के बाद ही सरकारी मुलाजिम काम के मूड में आते हैं। नई सरकार बनने पर फाइव डे वीक को समाप्त करने की बात भी उठी थी मगर अफसरों का कहना है कि सरकार इसे समाप्त करने की बजाए जो रियल टाईम है, उसे अब फॉलो कराएगी।