Saran Police News: BNS के तहत देश में पहली सजा: एसपी ने 50 दिनों में मर्डर के दोषियों को दिलाई सजा, DGP ने किया सम्मानित

Saran Police News:बिहार के सारण में पुलिस को काफी बड़ी उपलब्धि मिली है. सारण ट्रिपल मर्डर केस में 50 दिनों के भीतर आरोपी को दोषी करार कर जेल भेज दिया गया है

Update: 2024-09-07 11:58 GMT

Saran Police News: सारण: बिहार के सारण में पुलिस को काफी बड़ी उपलब्धि मिली है. सारण ट्रिपल मर्डर केस में 50 दिनों के भीतर आरोपी को दोषी करार कर जेल भेज दिया गया है. आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा भी सुना दी गयी है. भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत यह पहला केस है जिसे सफलता मिली है. इस सफलता पर डीजीपी ने एसपी समेत पुलिस टीम को सम्मानित किया है. 

शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी आलोक राज ने सारण हत्याकांड की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली पुलिस टीम को सम्मानित किया. इस टीम का नेृतृत्व सारण एसपी डॉ कुमार आशीष ने किया. डीजीपी आलोक राज ने सारण एसपी डॉ कुमार आशीष, सारण के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राजकुमार, पुलिस इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह, इंस्पेक्टर रविन्द्र कुमार, एफएसएल टीम की रत्ना राभा और व्यवहार न्यायालय सारण के वकील सुरेंद्र नाथ सिंह को पुरुस्कृत किया है. 

डीजीपी आलोक राज ने कहा, देश में नया आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS) लागू होने के बाद बिहार ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसने इस नए कानून के तहत किसी दोषी को सजा दिलाई है. आप लोगों ने बिहार का मान बढ़ाया है. यह पुलिस काफी बड़ी उपलब्धि है. इसके साथ ही उन्होंने इन कर्मियों के नाम केंद्रीय गृह मंत्री के पदक और सोनपुर मेले में पुलिस पदाधिकारियों के सम्मान कार्यक्रम में इन्हें सम्मानित किये जाने की घोषणा की है. 

जानिये कौन है एसपी डॉ कुमार आशीष

सारण एसपी कुमार आशीष 2012 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. आईपीएस डॉ. कुमार आशीष तेज तरार अफसरों में गिने जाते हैं. उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री पदक से सम्मानित किया जा चूका है. जो बिहार का पहला गृह मंत्री अनुसंधान पदक है. सारण के पहले आईपीएस कुमार आशीष मधेपुरा, नालंदा, किशनगंज और मोतिहारी में एसपी की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. डॉ. कुमार आशीष का जन्म बिहार के जमुई जिले में हुआ है. उनकी स्कूली पढाई जमुई में हुई. वहीं, उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की पढ़ाई की है. 

आईपीएस डॉ. कुमार आशीष ने एम.फिल की पढ़ाई के दौरान ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी. वो खुद ही परीक्षा की तैयारी करते थे. पहले दूसरे प्रयास में तो असफलता उनके हाथ लगी. उसके बाद चौथे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली. ऑल इंडिया रैंक 363 हासिल की थी.  कुमार आशीष ने ड्रग्स, नशा और शराब की लत के खिलाफ़ काम करने के लिए जाने जाते हैं. इसके साथ ही सामाजिक कार्य में जुटे रहते हैं. कूड़ा बीनने वाले, लावारिस और ज़रूरतमंद बच्चों के लिए रेल पुलिस पाठशाला की शुरुआत की. जिसमे वो जरूरतमंद बच्चों को मुफ़्त शिक्षा दी जाती है. इतना ही नहीं उनके पहल 'प्रिवेंटिव पुलिसिंग' के तहत पुलिसकर्मी और अधिकारी ड्यूटी के बच्चों को पढ़ाते हैं. साथ ही हर बच्चे को बैग, किताब, नोटबुक, पेंसिल, पेन दिए जाते हैं.





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