Chhattisgarh News: तो क्‍या इस वजह से टाला जा रहा है पंचायत चुनाव: निकाय चुनाव को लेकर भी संशय

Chhattisgarh News: सरकार ने पंचायत चुनाव के लिए वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया को स्‍थगित कर दिया है। इसके साथ ही निकाय चुनाव को लेकर भी संशय की स्थिति बन गई है। हालांकि निकायों में वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया पर अभी रोक नहीं लगाई गई है।

Update: 2024-12-17 14:50 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में पंचायतों का कार्यकाल अलगे साल फरवरी में खत्‍म हो रहा है, जबकि निकायों का कार्यकाल जनवरी में खत्‍म होगा। इधर, राज्‍य सरकार दोनों चुनावों को एक साथ कराने की तैयारी में जुटी थी। राज्‍य निर्वाचन आयोग भी दोनों चुनावों की तैयारी में लगा हुआ था। आयोग की तरफ से दोनों चुनाव के लिए मतदाता सूची भी तैयार कर ली गई है। वार्डों के आरक्षण के लिए मापदंड के साथ ही आरक्षण की प्रक्रिया के लिए कार्यक्रम की भी जारी कर दिया गया था। अब राज्‍य सरकार ने अचानक पंचायत चुनाव के लिए वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया को स्‍थगित कर दी है।

पंचायतों में वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया पर अचानक लगाई गई रोक से कई सवाल खड़े होने लगे है। सरकार ने यह फैसला अचानक क्‍यों लिया, क्‍या अब दोनों चुनाव एक साथ नहीं होंगे। क्‍या राज्‍य सरकार एक राज्‍य एक चुनाव की तैयारी से पीछे हट गई है। इन सवालों को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

पंचायत चुनाव टाले जाने के पीछे कुछ लोग प्रक्रिया और कानून का पेंच बता रहे हैं, वहीं प्रशा‍सनिक सूत्रों का कहना है कि पंचायत का चुनाव धान खरीदी की बिगड़ी व्‍यवस्‍था की चपेट में आ गया है।

दरअसल, इस वर्ष शुरुआत से ही धान खरीदी की व्‍यवस्‍था किसी न किसी कारण प्रभावित हो रही है। पहले धान खरीदी से जुड़े कर्मचारियों का आंदोलन फिर राइस मिलर्स की हड़ताल। इससे धान खरीदी प्रभावित हुई है। सूत्रों के अनुसार इसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। सूत्रों के अनुसार पार्टी संगठन में भी धान खरीदी को लेकर चर्चा हुई। इसकी वजह से चुनाव में पार्टी को नुकसान की आशंका बताई है। चर्चा है कि इसी वजह से राज्‍य सरकार ने पंचायत का चुनाव फिलहाल टालने का फैसला किया है। हालांकि अब राइस मिलर्स मान गए हैं और धान का उठाव शुरू हो गया है। ऐसे में अब धान खरीदी की व्‍यवस्‍था के पटरी पर लौटने की उम्‍मीद की जा रही है।

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