Chhattisgarh News: प्राधिकरणों के पुर्नगठन की अधिसूचना जारी: बस्‍तर, सरगुजा, मध्‍य क्षेत्र, एसी और ओबीसी विकास प्राधिकरण में सरकार ने किया यह बदलाव

Chhattisgarh News: छत्‍तीसगढ़ सरकार ने राज्‍य के 5 विकास प्राधिकरणों का पुनर्गठन किया है। राज्‍य सरकार की तरफ से इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

Update: 2024-06-28 07:41 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। बस्‍तर, सरगुजा और मध्‍य क्षेत्र के साथ ही राज्‍य सरकार ने ग्रामीण विकास- अन्‍य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का राज्‍य सरकार ने पुनर्गठन किया है। इन प्राधिकरणों के पुनर्गठन की राज्‍य सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है।

बता दें कि 19 को हुई राज्‍य कैबिनेट की बैठक में इन प्राधिकरणों के पुर्नगठन का फैसला किया गया था। इसका उद्देश्य पांचों प्राधिकरणों की कार्य प्रणाली को प्रभावी एवं सशक्त बनाने के साथ ही उन क्षेत्रों में जनसुविधा के कामों को गति प्रदान करना है। इन पांचों प्राधिकरणों की कमान अब सीधे मुख्यमंत्री के जिम्मे होगी। स्थानीय विधायकों में से एक विधायक को इसका उपाध्यक्ष मनोनीत किया जाएगा। क्षेत्रीय विधायक इन प्राधिकरणों के सदस्य होंगे। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अथवा सचिव इन पांचों प्राधिकरणों के सदस्य सचिव होंगे।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004-05 में बस्तर, सरगुजा एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का गठन तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया था। तत्पश्चात् वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछडावर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन किया गया। इन प्राधिकरणों के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हुआ करते थे। प्राधिकरणों के गठन के पश्चात् अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों, अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों, मजरा-टोला, पारा-मोहल्लों, वार्डों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी आवश्यकताओं के अनेक महत्वपूर्ण कार्य कराए गए थे। वर्ष 2019 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इन प्राधिकरणों के कार्य संचालन की प्रक्रिया में अमूल-चूल परिवर्तन कर दिया गया, जिसके चलते प्राधिकरणों का न सिर्फ महत्व कम हो गया, बल्कि इनके कार्यों में पारदर्शिता मॉनिटरिंग का अभाव होने के साथ ही शासन स्तर पर कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं रहा।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 23 फरवरी, 2024 को पारित अशासकीय संकल्प के तहत प्रदेश के जितने भी मैदानी क्षेत्र हैं, उन क्षेत्रों में भी जहाँ अनुसूचित जनजातियों की 25 प्रतिशत से अधिक बहुलता है, उन क्षेत्रों के गांवों एवं ब्लाकों को मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के क्षेत्रों में शामिल किया गया है।

प्राधिकरण अपना कार्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सुझाव प्राप्त कर, मतैक्य से माननीय मुख्यमंत्री जी के विजन के अनुरूप करेंगे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में प्राधिकरण सामाजिक, आर्थिक एवं सर्वागीण विकास पर अपना ध्यान केन्द्रित करेगा। प्राधिकरण को सशक्त, पारदर्शी एवं प्रभावशाली बनाया जाएगा। वर्तमान में प्राधिकरण के माध्यम से होने वाले विकास कार्यों के लिए बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के लिए 50-50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है तथा ग्रामीण एवं अन्य पिछडावर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के लिए 80 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

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