Bilaspur News: बीसीएन डिपो में रेल कर्मचारी की करेंट से मौत, रेलवे अस्पताल में हंगामा...

Bilaspur News: रेलवे बिलासपुर जोनल स्टेशन के करीब बीसीएन यार्ड में मंगलवार को एक अप्रेंटिस की करेंट लगने से मौत हो गई।

Update: 2024-07-09 13:04 GMT

Bilaspur News: बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोनल स्टेशन के करीब बीसीएन यार्ड में मंगलवार को एक अप्रेंटिस की करेंट लगने से मौत हो गई। वह चार सहयोगियों के साथ वैगन की वेल्डिंग के लिए गए थे। घटना के बाद जब उसे रेलवे अस्पताल लाया गया तो वहां के चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद अप्रेंटिसशिप करने वाले प्रशिक्षुओं ने अस्पताल का घेराव कर हंगामा करना शुरू कर दिया। इस घटना के लिए उन्होंने रेल प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। स्थिति तनावपूर्ण होने पर रेलवे के अधिकारी सकते में आ गए। आनन फानन में एडीआरएम समेत कुछ अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। इधर आरपीएफ की टीम पहुंचकर गुस्साए प्रशिक्षुओं को समझाने का प्रयास करने लगे। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद उन्होंने हंगामा करना बंद किया।

घटना सुबह 9:30 बजे की है। बीसीएन डिपो में अभी अप्रेंटिस प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन्हीं में एक महाराष्ट्र जलगांव निवासी प्रसाद गजानन काले भी है। जो अन्य तीन सहयोगी के साथ रोज की तरह डिपो में मरम्मत कार्य के लिए पहुंचे। जैसे ही वेल्डिंग मशीन लेकर वैगन में वेल्डिंग का प्रयास किया वह करेंट की चपेट में आ गया। यह देखकर अन्य सहयोगी ने उसकी जान बचाने का प्रयास किया। लेकिन, अप्रेंटिस की मौत हो गई। हालांकि उसे तत्काल रेलवे अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर सुनते ही पूरे के पूरे अप्रेंटिस रेलवे अस्पताल पहुंच गए। इसके बाद मौत के लिए रेल प्रशासन की लापरवाही मानकर जमकर हंगामा करने लगे। देखते ही देखते माहौल गरमा गया। इस पर अस्पताल प्रबंधन ने आरपीएफ बुला लिया। घटना की जानकारी मिलने के बाद एडीआरएम भी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षुओं को समझाने का प्रयास किया। लेकिन, वह मुआवजा व मृतक के परिवार से एक को रेलवे में नौकरी देने की मांग पर अड़ गए। करीब तीन घंटे हंगामा और रेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई। एडीआरएम की सन्तोषप्रद आश्वासन के बाद ही उनका गुस्सा शांत हुआ। उसके बाद ही तारबाहर पुलिस शव का पोस्टमार्टम के लिए ले गई।

बाक्स नहीं देते सुरक्षा उपकरण

प्रशिक्षुओं का आरोप है कि रेलवे की लापरवाही की वजह से यह घटना हुई है। जब मृतक काम करना शुरू किया तो उसके पास केवल टूल बाक्स ही था। सुरक्षा के नाम पर रेलवे ने ग्लब्स तक नहीं दिया। यदि वह ग्लब्स पहना हुआ होता तो करेंट नहीं लगता। एसएससी पर आरोप लगाया गया कि जब सुरक्षा उपकरण की मांग करते है, उनके द्वारा मनाही कर दिया जाता है। धमकी भी दी जाती है ट्रेनिंग करनी है तो इसी व्यवस्था कब बीच कार्य करना होगा। अन्यथा अनुपस्थिति लग जाएगी।

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