Bharat Band: भारत बंद- निजी स्कूल प्रबंधन और चेंबर आफ कामर्स ने किया किनारा
Bharat Band: आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में आरक्षण मंच के बैनर तले भारत बंद आह्वान को दिखने लगा असर
Bharat Band: बिलासपुर। आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के ताजे फैसले का विरोध शुरू हो गया है। आरक्षण मंच के बैनर तले बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया है। बंद को लेकर प्रदेश में असर भी देखने को मिल रहा है। प्राइवेट स्कूल प्रबंधन द्वारा पालकों को मैसेज भेजकर अवकाश की सूचना भी दी जा रही है। मंच के पदाधिकारियों ने व्यापारिक संगठनों से भी संपर्क प्रारंभ कर दिया है। माना जा रहा है कि बुधवार को शैक्षणिक संस्थानों के अलावा व्यापारिक संस्थानों में भी तालाबंदी की स्थिति रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने एससी,एसटी व ओबीसी आरक्षण को लेकर फैसला दिया है। आरक्षण की प्रक्रिया में वर्ग विशेष के निचले तबके के लोगों को सुविधा का लाभ देने व क्रिमिलेयर को बाहर रखने कहा है। इसे लेकर अब विरोध शुरू हो गया है। आरक्षण मंच के बैनर तले इसकी शुरुआत की जा रही है। मंच ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया है
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने भी बंद से किया किनारा
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि एसोसिएशन ने बंद का समर्थन नहीं किया है, लेकिन जिन इलाकों में एसटी/एससी वर्ग का प्रभाव है उन इलाकों में स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया गया है, जबकि शहरी इलाकों में स्कूल आंशिक रूप से खुले रहेंगे। राजीव गुप्ता ने बताया कि बंद के चलते बस और दूर दराज के इलाकों से स्कूल आने वाले छात्रों को परेशानी न हो इसलिए स्कूल को खोलकर रखना है या बंद रखना है इसका निर्णय लेने का अधिकार स्थानीय स्कूल प्रबंधन को दिया गया है।
छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने ‘भारत बंद’ के आव्हान को लेकर छत्तीसगढ़िया सर्व समाज महासंघ और सर्व समाज के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। यह बैठक उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी आरक्षण वर्गीकरण के आदेश के विरोध में प्रस्तावित ‘भारत बंद’ के समर्थन के लिए चेम्बर का रुख जानने के लिए आयोजित की गई थी।
चेम्बर के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि इस विषय पर चेम्बर के पदाधिकारियों और सर्व समाज के प्रतिनिधियों के बीच गहन चर्चा हुई। हालांकि, चेम्बर से जुड़े राष्ट्रीय संगठनों ने ‘भारत बंद’ के समर्थन में अनभिज्ञता जताई और इसके समर्थन से इंकार कर दिया। चेम्बर के प्रदेश अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि चेम्बर से जुड़े छोटे व्यापारियों, रेहड़ी पटरी वालों और फल-सब्जी, दूध एवं अन्य कच्चे सामान के व्यापार से जुड़े व्यापारिक संगठनों को अचानक बंद की स्थिति में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसीलिए, बिना पूर्व सूचना और व्यापारिक संघों की बैठक के बिना, ‘भारत बंद’ का समर्थन करना संभव नहीं है।