बिग ब्रेकिंग : 7 हजार शिक्षकों की आदिवासी अंचलों के स्कूलों में होगी पोस्टिंग…CM भूपेश बघेल ने किया ऐलान….. जिला संवर्ग की भर्ती में दो साल की समयवृद्धि…..असिस्टेंट प्रोफेसर, लाइब्रेरियन व स्पोर्ट्स के 1500 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू

Update: 2020-01-26 05:27 GMT

रायपुर 26 जनवरी 2020। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जगदलपुर के लालबाग परेड मैदान से प्रदेश के नाम संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने शिक्षकों की भर्ती को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश के आदिवासी स्कूलों में जल्द ही 7 हजार नये शिक्षक-शिक्षिकाएं मिलेंगे। 15 हजार शिक्षकों में से इन 7 हजार को शिक्षक विहिन या शिक्षकों की कमी वाले आदिवासी क्षेत्र के स्कूलों में पोस्टेड किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पीढ़ी को अच्छी शिक्षा से लेकर रोजगार दिलाने तक का का काम सामूहिक जिम्मेदारी का है। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के प्री-मैट्रिक छात्रावास, आवासीय विद्यालयों आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियों की शिष्यवृत्ति बढ़ाकर 1000 रूपए प्रतिमाह करना, मैट्रिकोत्तर छात्रावासों के विद्यार्थियों की भोजन सहायता की राशि बढ़ाकर 700 रूपए प्रतिमाह करना, जाति प्रमाण पत्र जारी करने की सरल व्यवस्था, 17 नये एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शुरू करना इसके कुछ उदाहरण है।

हम दो दशकों के इतिहास में पहली बार लगभग 15 हजार स्थाई शिक्षक-शिक्षिकाओं की भर्ती कर रहे हैं, जिससे 7 हजार से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं आदिवासी अंचलों की शालाओं को मिलेंगे। उच्च शिक्षा को सुविधाजनक और गुणवत्तायुक्त बनाने के लिए प्रदेश में 10 आदर्श महाविद्यालयों की स्थापना, 54 महाविद्यालयों में अधोसंरचना विकास हेतु आर्थिक सहायता दी गई है, वहीं दूसरी ओर सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ा अधिकारी के लगभग 1500 पदों पर भर्ती की जा रही है।

34 सरकारी कॉलेजों में लगभग 4 हजार तथा 56 अशासकीय कॉलेजों में 6 हजार सीटें बढ़ाई गई हैं। हर जिले में कन्या छात्रावास की उपलब्धता को अनिवार्य बनाया गया है। बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग में स्थानीय लोगों की भर्ती में तेजी लाने के लिए कनिष्ठ सेवा चयन बोर्ड का गठन, जिला संवर्ग में भर्ती की समय-सीमा दो वर्ष बढ़ाना, सभी वर्गों के युवाओं को विभिन्न विभागों में हजारों पदों पर भर्ती, कौशल उन्नयन और रोजगारपरक प्रशिक्षण जैसे अनेक उपाय किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए खेल प्राधिकरण का गठन, राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन शुरू किया गया है, जिससे युवाओं को चौतरफा संभावनाएं दिखाई पड़ने लगी हैं।

हम युवाओं को यह संदेश देने में सफल हुए हैं कि पढ़ाई के अलावा उनके कैरियर निर्माण के अन्य कई रास्ते तलाशे जा रहे हैं। गांव-गांव में युवा-शक्ति को रचनात्मक दिशा देने के लिए ‘राजीव मितान क्लब’ गठित किए जाएंगे। इन क्लबों को अपनी गतिविधियों के संचालन के लिए प्रतिमाह 10 हजार रूपए दिए जाएंगे।

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