भूपेश सरकार ने दिया अडानी को झटका, दंतेवाड़ा में लौह अयस्क की खनन शुरू नहीं करने पर माईनिंग ठेका निरस्ती की थमाई नोटिस

Update: 2020-03-07 11:48 GMT

रायपुर, 7 मार्च 2020। राज्य सरकार ने अडानी समूह को बड़ा झटका देते हुए दंतेवाड़ा में लौह अयस्क की खुदाई शुरू न करने पर माईनिंग ठेका लेप्स होने की नोटिस थमा दी है। इससे
दंतेवाड़ा में प्रस्तावित लौह अयस्क डिपॉजिट 13 खदान का मसला खटाई में पड़ सकता है। NCL को जारी पत्र में इस बात का उल्लेख है कि इस इलाक़े में होने वाला खनन तीन वर्ष से अधिक होने पर भी शुरु नहीं हो पाया है। NCL के ज़रिए यह काम अदानी समूह को करना था।

खनिज विभाग की ओर से जारी पत्र में यह लिखा गया है कि निर्धारित समयावधि के भीतर उक्त खदान का संचालन प्रारंभ यदि हो जाता तो ऐसे स्थानीय उद्योग जो कि लौह अयस्क आधारित हैं उन्हें आपूर्ति शुरु हो जाती, लेकिन उत्पादन ही शुरु नहीं हुआ है।

पत्र में स्पष्ट उल्लेखित है –
“अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन खनिज रियायत नियम 2016 के नियम 20 (1) के तहत प्रश्नाधीन खनिपट्टा व्यपगत की श्रेणी में आ गया है याने लेप्स हो गया है”

खनिज विभाग के इस पत्र के अनुसार आगामी तेरह मार्च को दोपहर तीन बजे इस मसले पर मंत्रालय में सुनवाई रखी गई है। ज्वाइंट वेंचर कंपनी NCL अगर माईनिंग विभाग के अफसरों को अपने जवाब से संतुष्ट नहीं कर पाई तो जाहिर है, माईनिंग अधिकार लेप्स हो जाएगा। याने अडानी समूह के हाथ से इसकी माईनिंग का काम निकल जाएगा।
हालांकि, माईनिंग विभाग के अफसरों का कहना है कि अगर अडानी की बजाए अगर एनएमडीसी ही माईनिंग करती तो अभी तक खनन प्रारंभ हो गया होता। क्योंकि, बस्तर के लोगों को सरकारी माईनिंग कंपनी एनएमडीसी पर भरोसा है। प्रायवेट कंपनी के हाथ में माईनिंग जाने का ही नतीजा है कि पिछले साल आदिवासी सड़क पर उतर आए थे।

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