YEIDA Housing Scheme: यीडा की योजनाओं में निवेश तो बढ़ा, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी से परेशान लोग
YEIDA Housing Scheme: यीडा (यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने हाल ही में प्लॉट और फ्लैट की योजनाएं शुरू की, जो लोगों के बीच काफी आकर्षण का केंद्र बनी हैं।
YEIDA Housing Scheme: यीडा (यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने हाल ही में प्लॉट और फ्लैट की योजनाएं शुरू की, जो लोगों के बीच काफी आकर्षण का केंद्र बनी हैं। कई लोग इन योजनाओं में निवेश कर चुके हैं, लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि निवेश करने के बावजूद लोग खुश क्यों नहीं हैं? दरअसल, इसका कारण यहां की बुनियादी सुविधाओं की कमी है, जो कई लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रही है।
कहां आ रही है परेशानी?
यीडा ने जेवर एयरपोर्ट के आसपास नए शहर के विकास की योजनाएं शुरू कीं, लेकिन यहां कई जरूरी सुविधाओं की कमी साफ देखी जा रही है। सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों का अभाव इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा है।
इसके अलावा, यहां निवेश करने वाली बड़ी कंपनियों जैसे पतंजलि और रजनीगंधा के पास भी बुनियादी सुविधाओं की कमी है, जिससे उन्हें अपने कर्मचारियों को ग्रेटर नोएडा या नोएडा से लाने-ले जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
स्कूलों और अस्पतालों की कमी
किफायती सरकारी स्कूलों के अभाव के कारण मजदूर वर्ग के लोग अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। साथ ही, अस्पतालों की कमी भी एक बड़ी समस्या बन चुकी है। स्थानीय लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल पूछ रहे हैं कि कैसे उनका सपना साकार होगा, जब बुनियादी जरूरतों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
खाली पड़े फ्लैट्स
यीडा की स्कीम के तहत सेक्टर 22 में खरीदे गए फ्लैट्स में से अधिकांश खाली पड़े हुए हैं। जानकारी के अनुसार, बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण इन फ्लैट्स में सिर्फ 4-5 परिवार ही रह रहे हैं। NEWS24 ने इन समस्याओं को समय-समय पर उजागर किया है, लेकिन यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने इन्हें हल करने में ज्यादा रुचि नहीं दिखाई है।
शहर को रहने लायक बनाने में समय लगेगा
आज यमुना में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, और सवाल उठता है कि इस शहर को रहने लायक बनने में कितना समय लगेगा? विशेषज्ञों का मानना है कि योगी सरकार को एक संपन्न और आत्मनिर्भर शहर बनाने में कम से कम 20 साल या उससे ज्यादा का समय लग सकता है। हालांकि, अगर बुनियादी सुविधाओं की समस्या का हल निकाला जाए तो लोगों की यहां रहने की रुचि जरूर बढ़ सकती है।
यीडा की योजनाओं में तो निवेश बढ़ा है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण इसका भविष्य अंधकारमय नजर आता है। अगर प्रशासन इन समस्याओं पर ध्यान देता है तो यह क्षेत्र वाकई में एक आदर्श शहर बन सकता है।