PUC Certificate: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते पॉल्यूशन पर हैरान करने वाला खुलासा, 63% कार मालिकों को नहीं पता PUC सर्टिफिकेट के बारे में

PUC Certificate: दिल्ली-एनसीआर में पॉल्यूशन का स्तर बढ़ता जा रहा है, और इसके प्रमुख कारणों में से एक कारण यहां की बढ़ती वाहन संख्या भी है। दिल्ली और यूपी सरकार इस समस्या से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, जिसमें वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण (PUC) सर्टिफिकेट की जांच शामिल है।

Update: 2024-12-12 14:04 GMT

PUC Certificate: दिल्ली-एनसीआर में पॉल्यूशन का स्तर बढ़ता जा रहा है, और इसके प्रमुख कारणों में से एक कारण यहां की बढ़ती वाहन संख्या भी है। दिल्ली और यूपी सरकार इस समस्या से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, जिसमें वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण (PUC) सर्टिफिकेट की जांच शामिल है। हाल ही में कुछ समय के लिए निर्माण कार्य पर रोक और डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगाई गई थी।

इस बीच, एक नई रिपोर्ट सामने आई है जो इस समस्या से जुड़ी एक चौंकाने वाली जानकारी प्रस्तुत करती है। दिल्ली-एनसीआर के करीब 5200 कार मालिकों पर किए गए एक सर्वे के अनुसार, लगभग 63% कार मालिक अपने पीयूसी सर्टिफिकेट स्टेटस के बारे में नहीं जानते हैं।

11% कार मालिकों को नहीं पता क्या होता है PUC सर्टिफिकेट?

सर्वे के अनुसार, 11% कार मालिक तो यह भी नहीं जानते कि पीयूसी सर्टिफिकेट क्या होता है और इसे कहां से रिन्यू कराया जाता है। इसके अलावा, 27% कार मालिकों ने यह माना कि उन्हें यह जानकर कोई फर्क नहीं पड़ता कि नॉन-सर्टिफाइड PUC कार से ज्यादा प्रदूषण होता है।

दिल्ली में PUC सर्टिफिकेट के बिना वाहन चलाना है महंगा

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, बिना वैलिड PUC सर्टिफिकेट के वाहन चलाने पर 10,000 रुपये तक का चालान हो सकता है। हालांकि, पहली बार पकड़े जाने पर 1000 रुपये का चालान किया जाता है और दूसरी बार 2000 रुपये का चालान किया जाता है।

50 दिनों में 2 लाख वाहनों का चालान

जानकारी के अनुसार, 15 अक्टूबर से 9 दिसंबर 2024 तक दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 2.66 लाख गाड़ियों के चालान किए हैं, जो ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के नियमों का उल्लंघन कर रहे थे।

पीयूसी कैंपों का आयोजन

पार्क प्लस के सीईओ अमित लाखोटिया ने बताया कि उनकी कंपनी पीयूसी सर्टिफिकेट के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जगह-जगह कैंप चला रही है। इन कैंपों में कार मालिक आसानी से पीयूसी जांच कराकर सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं।

यह रिपोर्ट इस बात को उजागर करती है कि दिल्ली-एनसीआर में पीयूसी सर्टिफिकेट के महत्व के बारे में जागरूकता की कमी है, जिसे ठीक करना जरूरी है ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके और पर्यावरण को बचाया जा सके।

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