7th pay commission : कर्मचारियों को बड़ा झटका, लॉकडाउन के दौरान का नहीं मिलेगा यात्रा भत्ता….सरकार ने जारी की अधिसूचना, जानिये कितने का होगा नुकसान

Update: 2020-12-07 07:35 GMT

नयी दिल्ली 7 दिसंबर 2020। अगर आप केन्द्रीय सरकार के कर्मचारी हैं और कोरोना लॉकडाउन के दौरान ऑफिस ना जाकर वर्क फ्रॉम होम किया तो आपको यात्रा भत्ता नहीं दिया जाएगा. डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) ने कार्यालय ज्ञापन (Office Memorandum) में इस पर स्पष्टीकरण दिया है.

लॉकडाउन के दौरान ऑफिस नहीं आने वालों को नहीं मिलेगा TA

1 दिसंबर 2020 को जारी ऑफिस मेमोरेंडम में यह कहा गया है कि केन्द्रीय कर्मचारियों को यात्रा भत्ता उनके घर से ऑफिस तक आने के दौरान हुए खर्च की भरपाई के लिए दिया जाता है. हालांकि, लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों ने अगर अपने घरों से ही काम किया है और वे ऑफिस नहीं आए हैं तो वह पूरे महीने की यात्रा भत्ता पाने के हकदार नहीं होंगे.

DoPT ने कहा- “लॉकडाउन के दौरान पूरे महीने ऑफिस नहीं आने वाले केन्द्रीय कर्मचारी यात्रा भत्ता पाने के योग्य नहीं होंगे क्योंकि इन कर्मचारियों को ऑफिस आने के लिए कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ा है.” कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन के दौरान केन्द्र सरकार ने कुछ निश्चित कर्मचारियों को ऑफिस आने से छूट दी थी. यह आदेश इसी को लेकर जारी किया गया है.

गर्भवती और विक्लांग कर्मचारियों को भी नहीं मिलेगी यात्रा भत्ता

इसके साथ ही, डोओपीटी की तरफ से जारी किए गए ताजा ऑफिस मेमोरेंडम में यह कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान जिन गर्भवती महिला और विक्लांग कर्मचारियों को ऑफिस आने से छूट दी गई थी उन्हें भी यात्रा भत्ता नहीं दिया जाएगा क्योंकि इन्हें भी ऑफिस आने के लिए एक भी पैसा खर्च नहीं करना पड़ा है.

भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ का कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौरान देश के सभी हिस्सों में लॉकडाउन लगाया गया था। यह फैसला कर्मियों का नहीं था, बल्कि केंद्र सरकार ने ही इसे लागू किया था। जब देश में परिवहन के सभी संसाधन बंद थे तो उस वक्त डीओपीटी ने अनेक विभागों के कर्मियों को घर से काम करने के लिए कहा था। कर्मी अपनी मर्जी से घर पर नहीं थे, अपितु उन्होंने सरकार के आदेशों का पालन किया था।

यदि कोई कर्मचारी एक कैलेंडर माह में कार्यालय के काम से, ट्रेनिंग पर या किसी दूसरी जगह पर जाता है तो उसे ड्यूटी माना जाता है। ऐसे में कर्मचारी की छुट्टी केवल तभी मानी जाएगी, जब वह निजी कार्यवश कार्यालय में नहीं पहुंचा हो। कोरोना के दौरान तो सरकार ने खुद आदेश जारी कर घर से काम करने के लिए कहा था। इसका मतलब कर्मी अपनी ड्यूटी पर रहे हैं। ऐसे में उनका यात्रा भत्ता काटना गलत है।

Tags:    

Similar News