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नगर पंचायत के सीएमओ के अजब गजब कारनामे , अब महिला शिक्षाकर्मी को सरनेम परिवर्तन के लिए न्यायालय जाने का कर दिया आदेश जारी…. 5 साल पहले के मातृत्व अवकाश के समय के 8 महीने के वेतन का भी नही हुआ है भुगतान!

नगर पंचायत के सीएमओ के अजब गजब कारनामे , अब महिला शिक्षाकर्मी को सरनेम परिवर्तन के लिए न्यायालय जाने का कर दिया आदेश जारी…. 5 साल पहले के मातृत्व अवकाश के समय के 8 महीने के वेतन का भी नही हुआ है भुगतान!
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By NPG News

रायपुर 16 अक्टूबर 2020। नगर पंचायत में किस तरीके से भर्राशाही मचा हुआ है इसे देखकर कोई भी हैरान हो जाएगा क्योंकि नगर पंचायतों में कुछ सीएमओ जिस प्रकार नियमों को तोड़ रहे हैं वह आश्चर्यचकित कर देने वाला है । तिल्दा में महिला शिक्षाकर्मी को सरनेम परिवर्तन के लिए सीएमओ द्वारा पेपर में इश्तिहार छपवाने का मामला अभी सुलझा ही कि एक नया मामला सामने आ गया है जिसमें नगर पंचायत जरही, सूरजपुर के सीएमओ ने महिला शिक्षाकर्मी को लिखित में न्यायालय के माध्यम से सरनेम परिवर्तन का आदेश लाने का निर्देश जारी किया है ।

यह है सूरजपुर के सीएमओ कार्यालय का नया कानून

पूरा मामला यह है कि हिंदू रीति रिवाज से शादी के पश्चात शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जरही में पदस्थ व्याख्याता अंजू साहू ने समस्त दस्तावेजों के साथ अपना उपनाम परिवर्तन करने के लिए नगर पंचायत कार्यालय जरही में आवेदन सौंपा , कायदे से राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र देखकर कार्यालय को सेवा पुस्तिका में उनका नाम अंकित करना था और पूरे प्रदेश में ऐसा ही होता है किंतु यहां उनके आवेदन को पहले जानबूझकर परिषद की बैठक में लाया गया और वहां से यह प्रस्ताव पास किया गया की व्याख्याता न्यायालय के माध्यम से अपना सरनेम परिवर्तन कराएं , व्याख्याता को परेशान करने का यह पहला मामला नहीं है।

इससे पहले 2015 में उन्होंने मातृत्व अवकाश लिया था इसके लिए बकायदा अपनी संस्था में विधिवत तरीके से आवेदन दिया था और बाद में विधिवत तरीके से संस्था में जॉइनिंग भी ली लेकिन मातृत्व अवकाश के 6 माह के अतिरिक्त अन्य 2 माह यानी कुल 8 माह का उनका वेतन भुगतान कार्यालय द्वारा नहीं किया गया और आज 5 साल बाद गुजरने के बाद भी उन्हें घुमाया जा रहा है ।

तिल्दा का मामला सामने आने के बाद उन्होंने संविलियन अधिकार मंच के संयोजक विवेक दुबे से संपर्क करके अपनी समस्या बताई जिसे पूरा दस्तावेज के साथ उन्होंने अपर संचालक सौमिल रंजन चौबे को अवगत कराया है जिसके बाद उन्हें पूरा विश्वास है कि यह समस्या भी तिल्दा के प्रकरण की तरह ही जल्द सुलझ जाएगा ।

मामले की जानकारी देते हुए प्रदेश संयोजक विवेक दुबे ने बताया कि

कई कार्यालयों में भर्राशाही है और समय पर हमें भी इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है , स्थानीय कार्यालय के अधिकारी बेवजह शिक्षाकर्मियों को घुमाते रहते हैं हमने इसके खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है और लगातार ऐसे मामलों को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में ला रहे हैं, उच्च अधिकारियों का हमें लगातार सहयोग मिल रहा है और इन प्रकरणों का निराकरण हो रहा है , मैंने इस प्रकरण को भी अपर संचालक चौबे सर के संज्ञान में ला दिया है और उन्होंने सरगुजा के संयुक्त संचालक को मामले की जांच करने के लिए निर्देशित भी कर दिया है और मुझे पूरा विश्वास है कि इस मामले का भी जल्द निराकरण हो जाएगा । हम उच्च अधिकारियों से ऐसे घुमाने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग भी कर रहे हैं ताकि भविष्य में किसी अन्य के साथ ऐसा न हो साथ ही शिक्षाकर्मियों से भी अपील है कि यदि ऐसा कोई मामला हो तो हमारे संज्ञान में लाएं “

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