मां की मौत के बाद रायपुर से पैदल ही निकल गया युवक……तीन दिन में पहुंचा बैकुंठपुर…….घरवालों ने पहुंचने से पहले कर दिया अंतिम संस्कार…मां का मुंह भी नहीं देख पाया युवक….उधर संदिग्ध की मौत पर घरवाले ही शव छोड़कर भागे
रायपुर 28 मार्च 2020। ’25 मार्च को खबर आई की मां मर गयी, सुनते ही मुरकीम की मानों जान ही निकल गयी….भागा-भागा पहले स्टेशन और फिर बस स्टैंड भागा, लेकिन गाड़ियां तो पहले ही बंद हो चुकी थी। प्राइवेट गाड़ी ने घर वाराणसी जाने के लिए हजारों रुपये की डिमांड कर दी। खाने को तो पैसे थे नहीं, ऐसे में किराया हजारों रुपये कहां से दे पाता…सो पैदल ही मुरकीम रायपुर से वाराणसी के लिए निकल पड़ा। मुरकिम रायपुर में मजदूरी का काम करता है।
One of Murakeem’s friends says,”We walked for about 20 kms and also took lift on our way from 2-3 people. When we reached Baikunthpur, a medical shop owner here, helped us”. #CoronavirusLockdown (27.03.20) https://t.co/Xqo2Ntj015
— ANI (@ANI) March 28, 2020
मुरकिम रायपुर से वाराणसी के लिए अपने दोस्तों के साथ पैदल निकल पड़े हैं. दो दोस्तों विवेक और परवीन के साथ रायपुर से उत्तर प्रदेश के वारणसी पैदल चल रहे हैं। मुराकीम की मां की 25 मार्च को मौत हो गई थी। वे तीन दिनों में रायपुर के कोरिया जिले के बैकुंठपुर पहुंचे। लगभग 200 किमी चलने के बाद मुरकिम कोरिया जिले पहुंचे हैं. मुरकिम ने बताया कि 200 किमी तक आने में हमें कई लोगों ने मदद कई जगहों पर लिफ्ट मिला और एक दुकानदार ने हमें बहुत मदद की.केवल मुराकीम ही नहीं कई लोग अपने गांव, राज्यों को लौट रहे हैं। ये लोग खुद को जिंदा रखने के लिए सैकड़ों मील का सफर पैदल ही तय कर रहे हैं। इनकी जद्दोजहद घर पहुंचने की है ताकि उन्हें भूख से न मरना पड़े। कुछ इसलिए वापस अपने घर कजा रहे हैं ताकि उनके बच्चों को भूख से तड़पना न पड़े। सरकार बेशक सभी लोगों की सहायता करने की कोशिश कर रही है लेकिन मौजूदा हालात में यह हालात नाकाफी साबित हो रहे हैं।
बेगूसराय में दो संदिग्धों की मौत, शव छोड़कर भागे घरवाले
कोरोना के खौफ के चलते अपने लोग भी बेगाने की तरह व्यवहार करने लगे हैं। आलम यह है कि मरने के बाद भी लोग शव को कंधा देने से कतराने लगे हैं। बिहार के बेगूसराय जिले में ऐसा ही मामला सामने आया है, जब कोरोना के दो संदिग्धों की मौत के बाद उसके परिजन शव को छोड़कर भाग निकले। हालात ऐसे हैं कि दोनों शव अब भी घर में पड़े हैं और कोई शव को उठाने के लिए तैयार नहीं है। इस घटना ने पूरे जिले में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
कोरोना ने कुछ लोगों को ऐसे जख्म दिए हैं जिसे भुला पाना नामुकिन है। वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है। जिसके चलते कोई कहीं भी आ-जा नहीं पा रहा है। मजदूर पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं, पहुंचेंगे या नहीं इसकी फ्रिक्र किए बिना ही वे पैदल 500-600-1000 किमी. के रास्ते पर पैदल चल रहे हैं।