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कोरोना की रिपोर्ट पाजिटिव होने के बाद मरीजों के पास अनेक विकल्प, बिना लक्षण वाले मरीज घर पर भी डाक्टर से इलाज करा सकते हैं

कोरोना की रिपोर्ट पाजिटिव होने के बाद मरीजों के पास अनेक विकल्प, बिना लक्षण वाले मरीज घर पर भी डाक्टर से इलाज करा सकते हैं
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By NPG News

रायपुर 14 सितंबर 2020. रायपुर की आम जनता के मन में यह आशंका है कि कोरोना टेस्ट कराने पर यदि कोराना पाजिटिव आ गए तो क्या होगा। अस्पताल के अलावा कोई विकल्प है क्या। इस डर से कई लोग टेस्ट के बाद अपना मोबाइल बंद कर ले रहे हैं जो बिल्कुल सही नही है,न उनके लिए और न ही उनके प्रिय जनों के लिए जिनकी जान वे जोखिम में डाल रहे हैं।
इसकी सिलसिलेवार प्रक्रिया यह है कि रैपिड एंटीजेन का परिणाम जल्दी आता है और यदि आर टाी पी सी आर कराया है तो टेस्ट कराने के दूसरे या तीसरे दिन रिजल्ट आता है। यदि कोई व्यक्ति कोरोना पाजिटिव पाया गया और उसमें कोरोना के कोई लक्षण नही हैं तो उसे विकल्प दिया जाएगा कि अपने घर पर ही रहकर चिकित्सक की देखरेख में इलाज कराएं या निजी अस्पताल या कोविड केयर सेंटर में भरती हो जाएं। उसी समय कोरोना पाजिटिव मरीज के फोन में होम आइसोलेशन का लिंक भी भेजा जाएगा जिसमें कुछ सरल सी जानकारी देनी रहती है। उसे भर कर आनलाइन जमा करना होगा। यदि व्यक्ति को भरने में परेशानी हो तो 7566100283 में संपर्क कर मदद ली जा सकती है। यदि मरीज के घर मे उसे रखने के लिए पृथक से कमरा शौचालय एवं बाथरूम युक्त है तो अधिकारी सर्वेक्षण कर अनुमति दे देते हैं। होम आइसोलेशन एप के जरिए सरकारी और निजी चिकित्सक, मरीजों से जुडे़ हुए हैं।
रायपुर जिला प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था के तहत कलेक्टोरेट में आइसोलेशन कंटोल रूम बनाया गया है जो 24 घंटे सातों दिन काम कर रहा है। यहां से होम आइसोलेशन के मरीजों से लगातार संवाद कर उनकी तबीयत पूछी जाती है। यहां स्वास्थ्य विभाग के काउंसलर द्वारा भी मरीजों से बात कर उनकी समस्याएं सुनी जाती हैं। रात के समय या किसी भी समय यदि मरीज की तबीयत बिगड़ती है तो एंबुलेंस भिजवा कर मरीज को अस्पताल भर्ती किया जाता है। कोविड मरीजों के लिए आपातकालीन नंबर भी हैं 7566100283,7566100284,7566100285 जहां फोन कर सहायता ली जा सकती है
स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपील भी की गई है कि जिन व्यक्तियों ने अपने कोरोना पाजिटिव होने की बात छुपाई है वे आगे आएं और अपना इलाज कराएं और अपने परिजनों को भी इस बीमारी सें बचाएं। चिकित्सकों का मानना है और यह साबित भी हो गया है कि समय पर इलाज से मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं ।

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