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गृह मंत्रालय की राज्‍यों को एडवाइजरी : महिला अपराध पर एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य….. दो महीने में जांच पूरा करने के भी निर्देश… पढ़िये क्या है एडवाइजरी

गृह मंत्रालय की राज्‍यों को एडवाइजरी : महिला अपराध पर एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य…..  दो महीने में जांच पूरा करने के भी निर्देश… पढ़िये क्या है एडवाइजरी
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By NPG News

नयी दिल्ली 10 अक्टूबर 2020। केंद्र सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नया परामर्श जारी किया है। नये परामर्श में केंद्र ने राज्यों से कहा है कि महिलाओं के साथ अपराध मामले में पुलिस थाने की कार्रवाई अनिवार्य कर दी जाए। ऐसे मामलों में सही तरीके से काम करने और मामलों में लापरवाही न बरतने का दिशा-निर्देश दिया गया है।

केंद्र ने जारी की एडवायजरी
केंद्र सरकार ने एक एडवायजरी जारी की है. इसके मुताबिक अब महिला अपराध पर एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य होगा. गृह मंत्रालय ने आईपीसी और सीआरपीसी के प्रावधान गिनाते हुए कहा कि राज्‍य/केंद्रशासित प्रदेश इनका पालन सुनिश्चित करने को कहा है. गृह मंत्रालय की ओर से साफ किया गया है कि एडवाइजरी में जारी बातों पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

गृहमंत्रालय की एडवाइजरी में क्या है खास

– संज्ञेय अपराध की स्थिति में एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है. सरकार ने याद दिलाया है कि कानून में भी जीरो एफआईआर का प्रावधान है. जीरा एफआईआर तब दर्ज की जाती है, जब अपराध थाने की सीमा से बाहर हुआ हो. IPC की धारा 166 A(c) के तहत अगर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है तो अधिकारी को सजा का भी प्राधान है.
– सीआरपीसी की धारा 173 में दुष्कर्म से जुड़े किसी भी मामले की जांच दो महीने के अंदर पूरी करने का प्रावधान है. अपराध में जांच की प्र​गति जानने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से ऑनलाइन पोर्टल बनाया है.
– सीआरपीसी के सेक्‍शन 164-A के अनुसार दुष्कर्म के किसी भी मामले की सूचना मिलने के 24 घंटे के अंदर पीड़िता की सहमति से एक रजिस्‍टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर मेडिकल जांच करेगा.

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