Begin typing your search above and press return to search.

IAS जनक पाठक को रेप मामले में मिली अग्रिम ज़मानत …..हाईकोर्ट ने कहा – “प्रथम दृष्टया ज़मानत दिए जाने पर हम सहमत”

IAS जनक पाठक को रेप मामले में मिली अग्रिम ज़मानत …..हाईकोर्ट ने कहा – “प्रथम दृष्टया ज़मानत दिए जाने पर हम सहमत”
X
By NPG News

बिलासपुर,14 अगस्त 2020। बीते तीन जून से जांजगीर पुलिस के रिकॉर्ड में अनाचार के आरोपी के रुप में दर्ज जांजगीर के पूर्व कलेक्टर जनक पाठक की अग्रिम ज़मानत याचिका पर आखिरकार आज सुनवाई हुई। यह अग्रिम ज़मानत याचिका बीते सोलह जून को हाईकोर्ट में पेश की गई थी, जिसमें पहली सुनवाई एक जुलाई को हुई थी।

जस्टिस अरविंद चंदेल की कोर्ट में क़रीब पच्चीस मिनट से अधिक समय तक की बहस में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शशांक ठाकुर ने बहस करते हुए प्रमुख रुप से FIR के देर से दर्ज किए जाने और घटनाक्रम की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाया। अधिवक्ता शशांक ठाकुर ने यह तर्क कोर्ट के सामने रखा कि, पीड़िता ने जिस कार्यालय को घटनास्थल बताया है, वह ज़िले का प्रमुख कार्यालय है, वहां घटना के समय में बहुतों की उपस्थिति होती है,ऐसे में वहाँ घटना होना विश्वसनीय नही है।

राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक रंजन तिवारी ने इस ज़मानत याचिका का कड़ा प्रतिरोध किया और तर्क देते हुए ज़मानत ना दिए जाने का आग्रह किया।
इस प्रकरण में पीड़िता की ओर से भी ज़मानत याचिका पर पर आपत्तिकर्ता की ओर से विरोध किया गया था।

जस्टिस अरविंद चंदेल ने तर्क के बाद कोर्ट में कहा
“प्रथम दृष्टया ज़मानत देने पर कोर्ट सहमत पाती है”

ज़मानत को लेकर विस्तृत आदेश देर शाम जारी होगा। तब यह स्पष्ट होगा कि यह ज़मानत में आरोपी जनक पाठक को किन किन शर्तों का पालन करना होगा, क्योंकि अदालत से अग्रिम ज़मानत याचिका का विरोध करते हुए राज्य की ओर से यह तर्क भी दिया गया है कि पुलिस को अभियुक्त का DNA परि़क्षण कराना है।

Next Story